दौसा. नगर परिषद में पार्षदों के परिणाम आने के बाद अब नगर परिषद की तस्वीर पूरी तरह साफ हो चुकी है. शहर की जनता ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को लगभग पूरी तरह नकार दिया है. ऐसे में दोनों ही पार्टियां अल्पमत में हैं और अपना-अपना सभापति बनाने के लिए जोड़-तोड़ में लगी हैं.
मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने सभापति पद के प्रत्याशी के लिए नामांकन दाखिल करवा दिए. हालांकि, अब तक दोनों ही पार्टियों में सभापति के लिए दो दो प्रत्याशी दौड़ में थे. कांग्रेस में दिव्या चौधरी और ममता चौधरी का नाम जोर-शोर से था, तो वहीं भाजपा में पुष्पा घोसी, अलका तिवाड़ी का नाम जोरों पर रहा. लेकिन, मंगलवार को दोनों ही पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों के लिए टिकट जारी कर नामांकन दाखिल करते हुए तस्वीर को पूरी तरह साफ कर दिया.
कांग्रेस से ममता चौधरी ने अपना नामांकन दाखिल किया, तो भाजपा से अलका तिवाड़ी ने अपना नामांकन दाखिल किया. दोनों ही पार्टियों के पास सभापति बनाने के लिए बहुमत नहीं है. ऐसे में निर्दलीय के रूप में जीत कर आए पार्षदों में सेंधमारी का प्रयास है. आगामी 20 तारीख को सभापति के लिए चुनाव है. जिसके लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने बाडाबंदी कर ली है. वह अपने-अपने पार्षदों के अलावा निर्दलीयों की जोड़-तोड़ में जुटी हुई है. हालांकि, इस दौड़ में कांग्रेस बहुत आगे हैं. क्योंकि, पार्षदों के चुनाव में कांग्रेस को 24 पार्षद मिले हैं, तो भाजपा को 15. दोनों ही पार्टियां 14 निर्दलीय व 2 बसपा के पार्षदों पर सेंधमारी में जुटी हुई है.
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हालांकि, 20 तारीख को यह साफ हो जाएगा कि कौन पार्टी अपना बहुमत जताती है. कांग्रेस पार्टी के लिए नामांकन दाखिल करने आई ममता चौधरी ने कहा कि उनके ससुर 35 वर्ष पहले शहर के सभापति रहे हैं और शहर की जनता ने एक बार फिर उन्हें अपनी ससुर की कुर्सी पर बैठना चाहती है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रतन तिवाड़ी ने कहा कि हमारी पार्टी की तरफ से अलका तिवाड़ी को प्रत्याशी बनाया गया और अलका तिवाड़ी को सभी भाजपा व निर्दलीयों पार्षदों का भी समर्थन है.