दौसा. जिले में हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में फर्जी तरीके से बने सरपंचों के खिलाफ रिट लगाने को लेकर ग्रामीण जिला कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए तो ऐसा लग रहा है कि जिला प्रशासन इन फर्जी तरीके से बने सरपंचों के बचाव में लग रहा है.
दरअसल, नियमानुसार किसी भी ग्राम पंचायत का सरपंच या अन्य कोई जनप्रतिनिधि गलत तरीके से या फर्जीवाड़ा करके या अपनी कोई खामी या केस छुपाकर पंचायत का चुनाव जीतता है. तो उसके खिलाफ कोई भी पक्षकार चुनाव परिणाम घोषित होने के 30 दिन के अंदर न्यायालय में रिट लगा सकता है. लेकिन उसके लिए जिला प्रशासन के चुनाव शाखा की ओर से जीते हुए प्रत्याशी के आवेदन और चुनाव परिणाम की कॉपी लगाना अनिवार्य होता है. लेकिन इन्हीं दस्तावेजों को हासिल करने के लिए पक्षकारों को जिला कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
ईटीवी भारत ने जब इस मामले में खास जांच पड़ताल की तो मामला जिले के नांगल राजावतान ग्राम पंचायत का एक निकल कर आया. जिसमें हाल ही में सरपंच बने ओम प्रकाश मीना की धर्मपत्नी ने सरपंच पद की जीत के बाद शपथ तो ग्रहण कर ली लेकिन इसमें भी बड़े फर्जीवाड़े के साथ. सरपंच पद के दूसरे प्रत्याशी और पक्षकार ने बताया कि जीते हुए सरपंच के तीन संताने हैं ऐसे में पूर्व में ही चुनाव का मानस बना चुके ओमप्रकाश ने अपनी एक संतान को अपने भाई के नाम कर दिया. उस बच्चे के कक्षा 5 तक तो सभी दस्तावेजों में पिता का नाम ओमप्रकाश था. पर बाद में पिता का नाम ओम प्रकाश की जगह बाबूलाल कर दिया.
पक्षकार के मुताबिक ऐसे में फर्जीवाड़ा करके ओमप्रकाश ने अपनी तीन में से दो संतानें दिखाकर चुनाव लड़ लिया व जीत भी गया. इस मामले को लेकर पक्षकार पहलाद मीणा कोर्ट में जाना चाहता है. लेकिन 28 सितंबर को हुए इन चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद 27 सितम्बर को करीब ही वह कोर्ट जा सकता है. इसके बात जीते हुए उम्मीदवार को चुनौती देना मुश्किल हो सकता है. लेकिन जिला प्रशासन आज भी जीते हुए जनप्रतिनिधियों के नॉमिनेशन व परिणाम की कॉपी देने के लिए तैयार नहीं है.
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वकीलों की मानें तो यह पक्षकारों का संवैधानिक अधिकार है कि वह गलत तरीके से जीत कर आए जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कोर्ट में आवाज उठाएं लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते पक्षकार वंचित रह जाएं. इस मामले को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी पीयूष सामारिया का कहना है मामला संज्ञान में आया जिसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर नॉमिनेशन की कॉपी व अन्य दस्तावेज दिलाने का कार्य शुरू किया जा रहा है.