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स्पेशलः दौसा में पानी की समस्या, लेकिन पहाड़ी पर 5 फीट की बेरी से निकल रहा ठंडा और मीठा पानी - Water problem in dausa

दौसा में भयंकर पानी की समस्या है, ऐसे में जिला मुख्यालय के समीप भाकरी की पहाड़ी पर हनुमान जी मंदिर के समीप एक 5 फीट की बेरी में ठंडा और अथाह पानी है. जो लोगों के लिए चमत्कार बना हुआ है. इस बेरी का पानी कभी खत्म नहीं होता. यह बेरी सैकड़ों लोगों की प्यास बुझा रहा है.

bhakri balaji hill  Water problem in dausa  cold berry water
5 फीट की बेरी में ठंडा व मीठा अथाह पानी
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Published : May 19, 2020, 4:45 PM IST

दौसा. जिले की पानी की समस्या पूरे प्रदेश में जगजाहिर है, कई दशकों से यहां के राजनेता चुनाव में इस मुद्दे को भुनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते. जब भी कोई चुनाव आता है. राजनेता दौसा की जनता को पानी पिलाने के नाम पर बड़े-बड़े वादे करके चुनाव जीतते आए हैं. लेकिन दौसा के हालात यह हैं कि जमीन में 500 फीट नीचे तक भी पानी नहीं है. लेकिन ऐसे में कहीं 5 फीट नीचे ठंडा और मीठा पानी हो तो वह किसी चमत्कार से कम नहीं.

5 फीट की बेरी में ठंडा व मीठा अथाह पानी

जी हां ऐसा ही एक चमत्कार दौसा जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूरी पर भाकरी की पहाड़ी पर बने बालाजी मंदिर के समीप एक छोटी सी बेरी (कुई) में है. जमीन से तकरीबन 300 फीट ऊपर अरावली पर्वतमाला की पहाड़ी पर बनी यह पानी की छोटी सी बेरी में ठंडा व मीठा अकूत पानी है. ग्रामीणों का कहना है कि इस मंदिर में आने जाने वाले मंदिर में धार्मिक प्रोग्राम करने वाले सैकड़ों लोगों की प्यास इस बेरी के द्वारा बुझाई जाती है. पानी की मिठास ऐसी है कि मिनरल वाटर भी उसकी तुलना में कम है. प्रचंड गर्मी और तेज धूप में भी पानी का ठंडापन फ्रिज से कहीं कम नहीं. ऐसे में यह चमत्कारी बेरी (कुई) सदियों पुरानी बताई जाती है.

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दौसा में पानी की समस्या

यह भी पढ़ेंः ये कैसी बेबसी और लाचारी है...सरकार की बेरुखी झेल रहे मजदूर हजारों रुपए खर्चकर घर जाने को मजबूर

ग्रामीणों का कहना है कि दादा-परदादाओं के जमाने से हम पहाड़ी पर बनी इस छोटी सी बेरी के पानी की कहानी सुनते आए हैं. ऐसा कहा जाता है कि एक बार बहुत बड़ा अकाल पड़ा था, गांव में पानी पूरी तरह सूख गया था. तब पहाड़ी पर बनी इस छोटी सी बेरी ने ग्रामीणों की प्यास बुझाई थी. स्थानीय ग्रामवासी इस बेरी को छोटी गंगा और गुप्त गंगा के नाम से भी जानते हैं. वह आज भी इस पहाड़ी पर आने वाले सैकड़ों लोगों और मंदिर के श्रद्धालुओं की प्यास उनके द्वारा किए जाने वाली धार्मिक आयोजनों में आने जाने वाले सैकड़ों लोगों को भोजन के दौरान पानी की उपलब्धता इसी बेरी से करवाई जाती है. यहां तक कि मंदिर में करवाए जा रहे निर्माण कार्य में भी इससे पानी लिया जा रहा है, बावजूद इसके बेरी का पानी यथावत है.

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भाकरी की पहाड़ी पर हनुमान मंदिर

ग्रामीणों का कहना है कि कितना भी पानी इस बेरी से निकाला जाए, इसमें कभी खत्म नहीं होता. इसकी मिठास कभी कम नहीं होती, इसका ठंडापन कभी कम नहीं होता. ऐसे में दौसा जिले में जहां 500 फीट नीचे तक जमीन में पानी नहीं है, वहीं जमीन से 300 फीट ऊपर पहाड़ी पर महज 5 फीट की बेरी में अकूत पानी लोगों के लिए चमत्कार साबित हो रहा है. वहीं बेरी से महज 200 मीटर दूर बना हनुमान जी का मंदिर है. मंदिर भी लोगों के लिए चमत्कारी है, ऐसा कहा जाता है कि इस हनुमान मंदिर में आने वाले दूर-दूर के भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हनुमान जी उन भक्तों की सभी दुख दर्द दूर करते हैं.

दौसा. जिले की पानी की समस्या पूरे प्रदेश में जगजाहिर है, कई दशकों से यहां के राजनेता चुनाव में इस मुद्दे को भुनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते. जब भी कोई चुनाव आता है. राजनेता दौसा की जनता को पानी पिलाने के नाम पर बड़े-बड़े वादे करके चुनाव जीतते आए हैं. लेकिन दौसा के हालात यह हैं कि जमीन में 500 फीट नीचे तक भी पानी नहीं है. लेकिन ऐसे में कहीं 5 फीट नीचे ठंडा और मीठा पानी हो तो वह किसी चमत्कार से कम नहीं.

5 फीट की बेरी में ठंडा व मीठा अथाह पानी

जी हां ऐसा ही एक चमत्कार दौसा जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूरी पर भाकरी की पहाड़ी पर बने बालाजी मंदिर के समीप एक छोटी सी बेरी (कुई) में है. जमीन से तकरीबन 300 फीट ऊपर अरावली पर्वतमाला की पहाड़ी पर बनी यह पानी की छोटी सी बेरी में ठंडा व मीठा अकूत पानी है. ग्रामीणों का कहना है कि इस मंदिर में आने जाने वाले मंदिर में धार्मिक प्रोग्राम करने वाले सैकड़ों लोगों की प्यास इस बेरी के द्वारा बुझाई जाती है. पानी की मिठास ऐसी है कि मिनरल वाटर भी उसकी तुलना में कम है. प्रचंड गर्मी और तेज धूप में भी पानी का ठंडापन फ्रिज से कहीं कम नहीं. ऐसे में यह चमत्कारी बेरी (कुई) सदियों पुरानी बताई जाती है.

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दौसा में पानी की समस्या

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ग्रामीणों का कहना है कि दादा-परदादाओं के जमाने से हम पहाड़ी पर बनी इस छोटी सी बेरी के पानी की कहानी सुनते आए हैं. ऐसा कहा जाता है कि एक बार बहुत बड़ा अकाल पड़ा था, गांव में पानी पूरी तरह सूख गया था. तब पहाड़ी पर बनी इस छोटी सी बेरी ने ग्रामीणों की प्यास बुझाई थी. स्थानीय ग्रामवासी इस बेरी को छोटी गंगा और गुप्त गंगा के नाम से भी जानते हैं. वह आज भी इस पहाड़ी पर आने वाले सैकड़ों लोगों और मंदिर के श्रद्धालुओं की प्यास उनके द्वारा किए जाने वाली धार्मिक आयोजनों में आने जाने वाले सैकड़ों लोगों को भोजन के दौरान पानी की उपलब्धता इसी बेरी से करवाई जाती है. यहां तक कि मंदिर में करवाए जा रहे निर्माण कार्य में भी इससे पानी लिया जा रहा है, बावजूद इसके बेरी का पानी यथावत है.

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भाकरी की पहाड़ी पर हनुमान मंदिर

ग्रामीणों का कहना है कि कितना भी पानी इस बेरी से निकाला जाए, इसमें कभी खत्म नहीं होता. इसकी मिठास कभी कम नहीं होती, इसका ठंडापन कभी कम नहीं होता. ऐसे में दौसा जिले में जहां 500 फीट नीचे तक जमीन में पानी नहीं है, वहीं जमीन से 300 फीट ऊपर पहाड़ी पर महज 5 फीट की बेरी में अकूत पानी लोगों के लिए चमत्कार साबित हो रहा है. वहीं बेरी से महज 200 मीटर दूर बना हनुमान जी का मंदिर है. मंदिर भी लोगों के लिए चमत्कारी है, ऐसा कहा जाता है कि इस हनुमान मंदिर में आने वाले दूर-दूर के भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हनुमान जी उन भक्तों की सभी दुख दर्द दूर करते हैं.

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