दौसा. किसानों के हक के लिए सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने 'चिपको आंदोलन' की शुरूआत की. दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे बनाने के लिए अवाप्त किए गए जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है. इस दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच मुआवजे को लेकर समझौता हुआ था, लेकिन सरकार ने अब तक वादा पूरा नहीं किया है.
सांसद मीणा ने कहा कि जब तक पूरा मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक एक्सप्रेसवे का काम चालू नहीं होने दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार यह भी वादा करे कि जितने पेड़ काटे जाएंगे, उसके दुगुने पेड़ एक्सप्रेसवे के दोनों ओर लगाए जाएंगे.
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रारंभ हो रहे सांकेतिक 'चिपको आंदोलन' में हिस्सा लेने दौसा जा रहा हूं। किसानों को पूरा और पक्का न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
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बता दें कि मीणा ने इस आंदोलन से करीब 3 घंटे पहले ट्वीट भी किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रारंभ हो रहे सांकेतिक 'चिपको आंदोलन' में हिस्सा लेने दौसा जा रहा हूं. किसानों को पूरा और पक्का न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा.
वहीं किसान नेताओं की मांग है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए अवाप्त की गई जमीन का बाजार भाव और मुआवजा किसानों को दिया जाए. साथ ही अब अवाप्त की गई जमीन में आई संपत्तियां जैसे मकान और पेड़-पौधों का भी मुआवजा दिया जाए.
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बता दें कि करीब 6 महीने पहले भी दौसा के लाडली का बास में भी इसी मांग को लेकर किसानों ने जमीन समाधि सत्याग्रह किया था. इसके बाद जयपुर में सरकार से 13 सूत्रीय मांगों को लेकर समझौता हुआ था. ऐसे में किसान नेताओं का यह भी आरोप है कि सरकार ने अभी तक समझौते की शर्तों का पालन नहीं किया.
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी किसानों के इस आंदोलन से जुड़े और उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि जब तक नेशनल हाईवे कंपनी के मैनेजर आकर किसानों की समस्या का समाधान नहीं करते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.