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दौसा में हार की समीक्षा में जुटी भाजपा, प्रत्याशी ने प्रदेश मंत्री व पूर्व जिला अध्यक्ष को ठहराया जिम्मेदार, खत लिखकर की कार्रवाई की मांग - भाजपा केंद्रीय अनुशासन समिति

BJP engaged in reviewing the defeat, दौसा से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक शंकरलाल शर्मा ने पार्टी के पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने इस बाबत केंद्रीय अनुशासन समिति को खत भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें साजिशन चुनाव हराया गया. ऐसे में दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ अविलंब अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए.

BJP engaged in reviewing the defeat
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 24, 2023, 4:38 PM IST

दौसा. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में अपने प्रत्याशियों की हार पर भाजपा और कांग्रेस समीक्षा कर रही है. इसी बीच दौसा से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक शंकरलाल शर्मा ने शीर्ष नेतृत्व को एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने उनकी हार के लिए दौसा भाजपा के कुछ पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा केंद्रीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष अविनाश राय खन्ना और प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत को पत्र लिखकर हार के जिम्मेदार पदाधिकारियों के खिलाफ अविलंब अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी मांग की है. उन्होंने पत्र के जरिए बताया कि चुनाव के दौरान पार्टी के कुछ पदाधिकारियों ने कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम किया था. नतीजतन दौसा में भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ा.

खत में लिखी ये बात : अनुशासन समिति को खत के जरिए से पूर्व प्रत्याशी शंकरलाल शर्मा ने बताया, ''मेरे टिकट की घोषणा होते ही मैं दौसा भाजपा जिला अध्यक्ष प्रभुदायल शर्मा के साथ भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष व पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ ही संगठन के पदाधिकारियों से मिला था. वहीं, विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट की मांग कर रहे अन्य नेताओं से भी वो व्यक्तिगत रूप से मिले थे. हालांकि, तब वो सभी से उन्हें जिताने की अपील किए थे, लेकिन बात में उन्हें सबके बारे में पता चला.''

इसे भी पढ़ें - एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव हार की समीक्षा के बाद खड़गे तय करेंगे दिग्गजों की भूमिका

संगठन व पार्टी पदाधिकारियों पर लगाए ये गंभीर आरोप : खत में पूर्व प्रत्याशी शंकरलाल शर्मा ने आगे लिखा, ''मेरे बार-बार आग्रह करने के बाद भी दौसा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन सुरेश घोषी और पुष्पा घोषी, पूर्व जिला उपाध्यक्ष लोकेश शर्मा, पूर्व पार्षद पति ऋषभ शर्मा ने सिर्फ दो बार दिखावे के लिए प्रचार-प्रसार किया था. वहीं, भाजपा की प्रदेश मंत्री नीलम गुर्जर और पूर्व जिला अध्यक्ष रतन तिवाड़ी ने कांग्रेस एजेंट के रूप में काम किया और उन्हें चुनाव हराया.''

अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग : वहीं, खत में पूर्व प्रत्याशी ने प्रदेश मंत्री नीलम गुर्जर और पूर्व जिला अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, ''इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस के पक्ष में काम किया. ये दोनों कांग्रेस प्रत्याशी और नेताओं के संपर्क थे. साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में रुपए भी वितरित किए थे. इतना ही नहीं नीलम गुर्जर और रतन तिवाड़ी ने अपने-अपने समाज में पार्टी विरोधी माहौल बनाने का भी किया था. ऐसे में इन दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासन समिति को अविलंब अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए.''

दौसा. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में अपने प्रत्याशियों की हार पर भाजपा और कांग्रेस समीक्षा कर रही है. इसी बीच दौसा से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक शंकरलाल शर्मा ने शीर्ष नेतृत्व को एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने उनकी हार के लिए दौसा भाजपा के कुछ पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. इतना ही नहीं उन्होंने भाजपा केंद्रीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष अविनाश राय खन्ना और प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत को पत्र लिखकर हार के जिम्मेदार पदाधिकारियों के खिलाफ अविलंब अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी मांग की है. उन्होंने पत्र के जरिए बताया कि चुनाव के दौरान पार्टी के कुछ पदाधिकारियों ने कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम किया था. नतीजतन दौसा में भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ा.

खत में लिखी ये बात : अनुशासन समिति को खत के जरिए से पूर्व प्रत्याशी शंकरलाल शर्मा ने बताया, ''मेरे टिकट की घोषणा होते ही मैं दौसा भाजपा जिला अध्यक्ष प्रभुदायल शर्मा के साथ भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष व पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ ही संगठन के पदाधिकारियों से मिला था. वहीं, विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट की मांग कर रहे अन्य नेताओं से भी वो व्यक्तिगत रूप से मिले थे. हालांकि, तब वो सभी से उन्हें जिताने की अपील किए थे, लेकिन बात में उन्हें सबके बारे में पता चला.''

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संगठन व पार्टी पदाधिकारियों पर लगाए ये गंभीर आरोप : खत में पूर्व प्रत्याशी शंकरलाल शर्मा ने आगे लिखा, ''मेरे बार-बार आग्रह करने के बाद भी दौसा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन सुरेश घोषी और पुष्पा घोषी, पूर्व जिला उपाध्यक्ष लोकेश शर्मा, पूर्व पार्षद पति ऋषभ शर्मा ने सिर्फ दो बार दिखावे के लिए प्रचार-प्रसार किया था. वहीं, भाजपा की प्रदेश मंत्री नीलम गुर्जर और पूर्व जिला अध्यक्ष रतन तिवाड़ी ने कांग्रेस एजेंट के रूप में काम किया और उन्हें चुनाव हराया.''

अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग : वहीं, खत में पूर्व प्रत्याशी ने प्रदेश मंत्री नीलम गुर्जर और पूर्व जिला अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, ''इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस के पक्ष में काम किया. ये दोनों कांग्रेस प्रत्याशी और नेताओं के संपर्क थे. साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में रुपए भी वितरित किए थे. इतना ही नहीं नीलम गुर्जर और रतन तिवाड़ी ने अपने-अपने समाज में पार्टी विरोधी माहौल बनाने का भी किया था. ऐसे में इन दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासन समिति को अविलंब अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए.''

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