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भ्रष्टाचार के खेल में उलझी दौसा की Bureaucracy, जल्द हो सकते हैं बड़े खुलासे - Dausa and Bandikui SDM arrested

भ्रष्टाचार में फंसी दौसा की सरकारी मशीनरी को लेकर में नित नए खुलासे हो रहे हैं. दौसा और बांदीकुई एसडीएम को एक साथ ट्रैप करने की कार्रवाई के बाद जिले में भ्रष्टाचार की लगातार नई-नई परतें खुलती जा रही हैं. दोनों एसडीएम के साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने दलाल नीरज मीणा को भी दबोचा है. नीरज, भ्रष्टाचार के इस खेल में दौसा एसपी रहे मनीष अग्रवाल का खासमखास रहा है.

दौसा ब्यूरोक्रेसी, दौसा में भ्रष्टाचार, Corruption in Dausa, दौसा और बांदीकुई एसडीएम गिरफ्तार, रिश्वत लेते एसडीएम गिरफ्तार, SDM arrested taking bribe, Dausa and Bandikui SDM arrested, Big revelations can happen soon
ब्यूरोक्रेसी में जल्द हो सकते हैं बड़े खुलासे
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Published : Jan 15, 2021, 12:43 PM IST

दौसा. दौसा और बांदीकुई एसडीएम को एक साथ ट्रैप की कार्रवाई के बाद रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. ट्रैप किए गए दोनों एसडीएम के साथ ही एसीबी ने दलाल नीरज मीणा को भी दबोचा है. नीरज, भ्रष्टाचार के इस खेल में दौसा में एसपी रहे मनीष अग्रवाल का खासमखास रहा है. वह तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के लिए दलाली करता था. ब्यूरो की जांच में सामने आया है कि अग्रवाल और नीरज दोनों के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर रोजना आठ से दस बार Whatsapp चैटिंग होती थी.

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ब्यूरोक्रेसी में जल्द हो सकते हैं बड़े खुलासे

दरअसल, दौसा की ब्यूरोक्रेसी में चल रहे भ्रष्टाचार के इस खेल पर ब्यूरो की काफी समय से नजर थी. इसके लिये ब्यूरो ने संदिग्ध अधिकारियों के मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखा था. लेकिन ब्यूरो को कार्रवाई करने का सही मौका नहीं मिल पा रहा था. उसके बाद दो दिन पहले सड़क निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए दौसा और बांदीकुई एसडीएम के बाद ब्यूरो ने जिले की प्रशासनिक मशीनरी में फैले भ्रष्टाचार के कनेक्शन को त्वरित गति से जोड़ने का काम किया. हालांकि, इसमें ब्यूरो सफल भी रहा.

यह भी पढ़ें: जयपुर ACB की कार्रवाई: दौसा और बांदीकुई SDM लाखों की रिश्वत लेते गिरफ्तार, एक दलाल भी चढ़ा हत्थे

बता दें कि दोनों एसडीएम के साथ दलाल नीरज मीणा की गिरफ्तारी से ब्यूरो की राह आसान हो गई. नेशनल हाईवे बनाने वाली कंपनी ने तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ भी ब्यूरो को कई साक्ष्य दिए. फिलहाल, यह सामने आया है कि नीरज मीणा एसपी मनीष अग्रवाल के दम पर धमकाने का काम करता था. ब्यूरो ने पकड़े गए अधिकारियों और नीरज के मोबाइल खंगाले तो भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगीं. नीरज के मोबाइल से ब्यूरो के सामने आया कि उसकी और आईपीएस मनीष अग्रवाल की लेनदेन को लेकर रोजाना Whatsapp कॉलिंग होती थी.

जांच में अभी कई खुलासे होने हैं बाकी

इस बीच ब्यूरो ने आईपीएस मनीष अग्रवाल के भी मोबाइल जब्त कर लिए और उनकी भी जांच की जा रही है. ब्यूरो की जांच में सामने आया है कि नेशनल हाईवे बनाने वाली सड़क निर्माण कंपनी से कई अधिकारियों ने वसूली की है. इस नेशनल हाईवे से जुड़ने वाले थानों के एसएचओ पर भी कार्रवाई हो सकती है. वे भी मौका मिलने पर सड़क निर्माण कंपनी से मनमाना पैसा वसूलते थे. जांच में अभी कई खुलासे होने बाकी हैं.

यह भी पढ़ें: दौसा: वर्षों पुराने नीम के पेड़ में अचानक लगी आग, क्षेत्र में चर्चा का विषय

पूर्व में दौसा में एसपी मनीष अग्रवाल दौसा में रहते हुए विवादों में उलझे रहे. उन पर दुष्कर्म के मामले में 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप भी लगे थे. 25 लाख की रिश्वत डिमांड की जांच भी चल रही है. वहीं नांगल राजावतान क्षेत्र में जबरन जमीन पर कब्जा करवाने के भी आरोप उन पर लग चुके हैं. उस समय जमीन मामले में एसएचओ सहित तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए थे. वहीं लालसोट में बजरी निकासी के मामले रिश्वत लेने के मामले में आईजी ने तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित किया था.

दौसा. दौसा और बांदीकुई एसडीएम को एक साथ ट्रैप की कार्रवाई के बाद रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. ट्रैप किए गए दोनों एसडीएम के साथ ही एसीबी ने दलाल नीरज मीणा को भी दबोचा है. नीरज, भ्रष्टाचार के इस खेल में दौसा में एसपी रहे मनीष अग्रवाल का खासमखास रहा है. वह तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के लिए दलाली करता था. ब्यूरो की जांच में सामने आया है कि अग्रवाल और नीरज दोनों के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर रोजना आठ से दस बार Whatsapp चैटिंग होती थी.

दौसा ब्यूरोक्रेसी, दौसा में भ्रष्टाचार, Corruption in Dausa, दौसा और बांदीकुई एसडीएम गिरफ्तार, रिश्वत लेते एसडीएम गिरफ्तार, SDM arrested taking bribe, Dausa and Bandikui SDM arrested, Big revelations can happen soon
ब्यूरोक्रेसी में जल्द हो सकते हैं बड़े खुलासे

दरअसल, दौसा की ब्यूरोक्रेसी में चल रहे भ्रष्टाचार के इस खेल पर ब्यूरो की काफी समय से नजर थी. इसके लिये ब्यूरो ने संदिग्ध अधिकारियों के मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखा था. लेकिन ब्यूरो को कार्रवाई करने का सही मौका नहीं मिल पा रहा था. उसके बाद दो दिन पहले सड़क निर्माण कंपनी से रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए दौसा और बांदीकुई एसडीएम के बाद ब्यूरो ने जिले की प्रशासनिक मशीनरी में फैले भ्रष्टाचार के कनेक्शन को त्वरित गति से जोड़ने का काम किया. हालांकि, इसमें ब्यूरो सफल भी रहा.

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बता दें कि दोनों एसडीएम के साथ दलाल नीरज मीणा की गिरफ्तारी से ब्यूरो की राह आसान हो गई. नेशनल हाईवे बनाने वाली कंपनी ने तत्कालीन दौसा एसपी मनीष अग्रवाल के खिलाफ भी ब्यूरो को कई साक्ष्य दिए. फिलहाल, यह सामने आया है कि नीरज मीणा एसपी मनीष अग्रवाल के दम पर धमकाने का काम करता था. ब्यूरो ने पकड़े गए अधिकारियों और नीरज के मोबाइल खंगाले तो भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगीं. नीरज के मोबाइल से ब्यूरो के सामने आया कि उसकी और आईपीएस मनीष अग्रवाल की लेनदेन को लेकर रोजाना Whatsapp कॉलिंग होती थी.

जांच में अभी कई खुलासे होने हैं बाकी

इस बीच ब्यूरो ने आईपीएस मनीष अग्रवाल के भी मोबाइल जब्त कर लिए और उनकी भी जांच की जा रही है. ब्यूरो की जांच में सामने आया है कि नेशनल हाईवे बनाने वाली सड़क निर्माण कंपनी से कई अधिकारियों ने वसूली की है. इस नेशनल हाईवे से जुड़ने वाले थानों के एसएचओ पर भी कार्रवाई हो सकती है. वे भी मौका मिलने पर सड़क निर्माण कंपनी से मनमाना पैसा वसूलते थे. जांच में अभी कई खुलासे होने बाकी हैं.

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पूर्व में दौसा में एसपी मनीष अग्रवाल दौसा में रहते हुए विवादों में उलझे रहे. उन पर दुष्कर्म के मामले में 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप भी लगे थे. 25 लाख की रिश्वत डिमांड की जांच भी चल रही है. वहीं नांगल राजावतान क्षेत्र में जबरन जमीन पर कब्जा करवाने के भी आरोप उन पर लग चुके हैं. उस समय जमीन मामले में एसएचओ सहित तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड हुए थे. वहीं लालसोट में बजरी निकासी के मामले रिश्वत लेने के मामले में आईजी ने तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित किया था.

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