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दौसा की बड़ी उपलब्धिः सभी 20 कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई नेगेटिव - दौसा चिकित्सा विभाग

दौसा में कोरोना योद्धाओं ने कोरोना से जंग जीत कर बड़ी उपलब्धि हासील की है. जिले में अब तक आए सभी कोरोना पॉजिटिव केस अब नेगेटिव हो गए हैं. जिसके बाद जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने जिला अस्पताल की चिकित्सा टीम को बधाई दी है.

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कोरोना योद्धाओं ने जीती जंग
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Published : Apr 29, 2020, 7:11 PM IST

दौसा. पिछले 1 महीने से लगातार चल रही कोरोना वायरस की इस जंग में दौसा ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. 1 महीने में 20 कोरोना पॉजिटिव का इलाज कर सभी कोरोना पॉजिटिव केस को नेगेटिव में बदलने की जंग में चिकित्सा विभाग को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. जिसके चलते जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत चिकित्सा टीम को बधाई दी है.

20 कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई नेगेटिव

इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के फैलने के चलते लॉकडाउन होना तय था. दौसा में भी कोरोना संक्रमण का खतरा होने के चलते हमनें सभी अधिकारियों के साथ बैठकर पूरी योजना बनाई. दौसा जिला मुख्यालय पर पहला केस आया तो हमने उसके आसपास के एरिया को कर्फ्यू लगा कर पूरी तरह सील कर दिया, जो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था, उसके आसपास की सभी कनेक्टिविटी खत्म कर उसकी कनेक्टिविटी के सभी लोगों के सैंपल लिए और उनको आइसोलेट किया गया.

पढ़ेंः स्पेशल: कोरोना चाइल्ड वार्ड में भर्ती बच्चों की उदासी को इस तरह किया जा रहा है दूर

हालांकि इस दौरान जिला मुख्यालय पर 6 केस कोरोना पॉजिटिव के और आ गए. उसके बाद लालसोट में भी पॉजिटिव केस आना शुरू हो गए थे. लेकिन वहां भी वही योजना काम ली गई और जो ही पहला टेस्ट पॉजिटिव सामने आया तो लालसोट मुख्यालय पर कर्फ्यू लगाकर लोगों की कनेक्टिविटी खत्म कर दी गई. जो व्यक्ति पॉजिटिव आया उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों का सैंपल भिजवा कर तुरंत सभी संदिग्धों को क्वॉरेंटाइन कर सभी की कलेक्टिविटी पूरी तरह खत्म कर दी गई.

जिला कलेक्टर की इसी स्ट्रेटजी का परिणाम है कि पिछले 1 माह में जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या ज्यादा नहीं बढ़े. साथ ही जो 20 लोग पॉजिटिव आए थे वो भी बुधवार को आई रिपोर्ट में पूरी नेगेटिव हो गए है. जिन्हें आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज कर घर के लिए रवाना कर दिया गया है.

जिला कलेक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि पहले तो पॉजिटिव केस जयपुर के लिए रेफर करते थे लेकिन नॉन सिम्टम्स वाले केस को जिले में ही रखने के आदेश मिले थे. तो जिला अस्पताल की चिकित्सकीय टीम ने सभी मरीजों की देखभाल कर उनको पूरी तरह कोरोना मुक्त और स्वस्थ करके अपने घर के लिए भिजवा दिया है. जिसके चलते बुधवार को 6 कोरोना नेगेटिव को जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी और चिकित्सकीय टीम ने गुलदस्ता भेंट कर अपने घर के लिए रवाना कर दिया है.

पढ़ेंः नहीं रहा जयपुर का लाडला, पड़ोसियों ने बताई इरफान से जुड़ी कुछ खास बातें

अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि इस दौरान हमने तकरीबन 1900 लोगों की कोरोना सैंपल जांच के लिए भिजवाए. साथ ही जिले में किसी भी संदिग्ध को हमने घर पर ही क्वॉरेंटाइन नहीं किया, बल्कि जिले भर में दर्जन भर से अधिक क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाकर उसी में ही रखा. ऐसी ही जब सिकराय में जब कोरोना संक्रमित व्यक्ति पहुंचा तो हम ने सिकराय की पूरी ढ़ाणी को मेहंदीपुर बालाजी की धर्मशालाओं में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया. जिसके चलते बुधवार को दौसा जिला पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गया है.

दौसा. पिछले 1 महीने से लगातार चल रही कोरोना वायरस की इस जंग में दौसा ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. 1 महीने में 20 कोरोना पॉजिटिव का इलाज कर सभी कोरोना पॉजिटिव केस को नेगेटिव में बदलने की जंग में चिकित्सा विभाग को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. जिसके चलते जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत चिकित्सा टीम को बधाई दी है.

20 कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई नेगेटिव

इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के फैलने के चलते लॉकडाउन होना तय था. दौसा में भी कोरोना संक्रमण का खतरा होने के चलते हमनें सभी अधिकारियों के साथ बैठकर पूरी योजना बनाई. दौसा जिला मुख्यालय पर पहला केस आया तो हमने उसके आसपास के एरिया को कर्फ्यू लगा कर पूरी तरह सील कर दिया, जो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था, उसके आसपास की सभी कनेक्टिविटी खत्म कर उसकी कनेक्टिविटी के सभी लोगों के सैंपल लिए और उनको आइसोलेट किया गया.

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हालांकि इस दौरान जिला मुख्यालय पर 6 केस कोरोना पॉजिटिव के और आ गए. उसके बाद लालसोट में भी पॉजिटिव केस आना शुरू हो गए थे. लेकिन वहां भी वही योजना काम ली गई और जो ही पहला टेस्ट पॉजिटिव सामने आया तो लालसोट मुख्यालय पर कर्फ्यू लगाकर लोगों की कनेक्टिविटी खत्म कर दी गई. जो व्यक्ति पॉजिटिव आया उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों का सैंपल भिजवा कर तुरंत सभी संदिग्धों को क्वॉरेंटाइन कर सभी की कलेक्टिविटी पूरी तरह खत्म कर दी गई.

जिला कलेक्टर की इसी स्ट्रेटजी का परिणाम है कि पिछले 1 माह में जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या ज्यादा नहीं बढ़े. साथ ही जो 20 लोग पॉजिटिव आए थे वो भी बुधवार को आई रिपोर्ट में पूरी नेगेटिव हो गए है. जिन्हें आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज कर घर के लिए रवाना कर दिया गया है.

जिला कलेक्टर चतुर्वेदी ने बताया कि पहले तो पॉजिटिव केस जयपुर के लिए रेफर करते थे लेकिन नॉन सिम्टम्स वाले केस को जिले में ही रखने के आदेश मिले थे. तो जिला अस्पताल की चिकित्सकीय टीम ने सभी मरीजों की देखभाल कर उनको पूरी तरह कोरोना मुक्त और स्वस्थ करके अपने घर के लिए भिजवा दिया है. जिसके चलते बुधवार को 6 कोरोना नेगेटिव को जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी और चिकित्सकीय टीम ने गुलदस्ता भेंट कर अपने घर के लिए रवाना कर दिया है.

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अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि इस दौरान हमने तकरीबन 1900 लोगों की कोरोना सैंपल जांच के लिए भिजवाए. साथ ही जिले में किसी भी संदिग्ध को हमने घर पर ही क्वॉरेंटाइन नहीं किया, बल्कि जिले भर में दर्जन भर से अधिक क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाकर उसी में ही रखा. ऐसी ही जब सिकराय में जब कोरोना संक्रमित व्यक्ति पहुंचा तो हम ने सिकराय की पूरी ढ़ाणी को मेहंदीपुर बालाजी की धर्मशालाओं में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया. जिसके चलते बुधवार को दौसा जिला पूरी तरह कोरोना मुक्त हो गया है.

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