दौसा. कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है और इस लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है. अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए केंद्र और राज्य की सरकार भरसक प्रयास कर रही हैं. इसी कड़ी में केंद्र की सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया है.
बता दें, कि सरकार की सोच के अनुरूप और लॉकडाउन के साइड इफेक्ट के चलते अब ग्रामीण स्तर पर किसान व्यावसायिक खेती की ओर मन बना चुके हैं. किसानों ने अब व्यवसाय खेती की शुरुआत कर दी है. पूरे देश में करीब 2 माह से लॉकडाउन चल रहा है और इस लॉकडाउन के चलते हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं और वे अपने गांव पहुंच चुके हैं. प्रवासी मजदूरों के अपने गांव आ जाने से अब बेरोजगारी की समस्या पैदा हो चुकी है, लेकिन प्रदेश और देश में अर्थव्यवस्था मजबूत हो और यह अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़े, इसके लिए केंद्र की सरकार द्वारा किसानों सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेष पैकेज घोषित किए जा रहे हैं, ताकि आत्मनिर्भर भारत बनाने में सहयोग मिल सके.
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प्रवासी मजदूरों के गांव पहुंच जाने के चलते अब श्रम शक्ति बढ़ गई है और जिन प्रवासी मजदूरों के खेती और पानी की व्यवस्था है वे खेती के माध्यम से ही आत्मनिर्भर बनने का मन बना चुके है. आमतौर पर गर्मियों के सीजन में दौसा जिले में इक्के दुक्के खेतों में ही किसान सब्जी आदि लगाते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते घरों में लोगों की संख्या भी अधिक होने के कारण अब लोग सब्जी आदि व्यवसायिक खेती करने में जुटे हुए हैं. वहीं, खेतों को खरीफ की फसल के लिए भी तैयार कर रहे है. जिससे उच्च तकनीक से खेती कर मुनाफा कमाया जा सके.
लॉकडाउन के कारण जिले में श्रम शक्ति बढ़ी...
लॉकडाउन के चलते दौसा जिले गांवों में मजदूरों के वापस लौटने के बाद श्रम शक्ति बढ़ी है और मजदूरों की संख्या भी अधिक हो गई है. ऐसे में लोग अपने खेतों पर ही व्यवसाय खेती और खरीद की उच्च तकनीक से खेती करके उससे मुनाफा कमा सकते है. इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग के अधिकारी भी अब पूरी तरह सक्रिय हैं और किसानों को व्यवसायिक खेती व पारंपरिक खेती को उच्च तकनीक से करने की सलाह दे रहे हैं.
कृषि अधिकारी देगें किसानों को जानकारी...
दरअसल, इस बार अप्रैल और मई के महीने में कई बार बारिश भी हुई है. ऐसे में कृषि विभाग के अधिकारी किसानों से अगेती मक्का और मूंगफली की फसल करने की सलाह दे रहे हैं. साथ ही नर्सरीया तैयार करके सब्जियों का उत्पादन करने की भी सलाह दी जा रही है. किसानों के आगे बढ़ाने और खेती को उन्नत बनाने के लिए तकनीकी कृषि सहित सरकार की ओर से कृषि विभाग द्वारा दी जाने वाली किसानों को सुविधाओं को लेकर भी कृषि अधिकारी किसानों को जानकारी दे रहे हैं.
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जिले में पानी की कमी को देखते हुए कृषि विभाग की खेत तलाई योजना को लेकर भी प्रचार-प्रसार में जुटे हैं. कृषि अधिकारी धर्म सिंह का कहना है, कि किसान अपने खेत में खेत तलाई बनाकर वर्षा के पानी को एकत्रित करता है तो विभाग द्वारा उसे सब्सिडी दी जाती है, जिससे कि वह अपनी खेती को सिंचाई करने में मददगार साबित होता है. ऐसे में अब प्रवासी किसान भी कृषि विभाग के माध्यम से कृषि की ओर पैदावार बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनने के लिए अग्रसर हो रहे हैं.
ऐसे में एक बार फिर किसान और उनके परिवार खेती की ओर ध्यान देने लगे हैं. इस बार जिले में व्यवसायिक खेती को महत्व दिया जा रहा है, साथ ही केंद्र की सरकार भी आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए किसानों को अनेक पैकेज देने की घोषणा भी कर रही है. ऐसे में ग्रामीण स्तर पर किसानों का व्यवसायिक खेती की ओर बढ़ रहे रुझान से यह कहा जा सकता है कि देश मे किसानों ने आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए एक कदम जरूर उठाया है.