चूरू. जिले में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को देखते हुए विधिक जागरूकता अभियान के तहत कार्यशाला का आयोजन हुआ. यह कार्यशाला राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देश पर नेशनल कमीशन फॉर वुमन के तत्वावधान में किया गया. कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं से कहा गया कि एक महिला दो घरों का चिराग होती है.
इसलिए महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता दिखानी होगी. कार्यशाला में अपर जिला व सेशन न्यायाधीश रंजना सराफ और नर्सिग छात्राएं मौजूद रही. कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं को उनके कानूनी और सवैधानिक कानूनों की जानकारी दी गई. वहीं कार्यशाला में जिला एवं सेशन न्यायाधीश बलजीत सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में बढ़ रहे महिलाओं पर अपराध को देखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है.
उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को महिला कानूनों की जानकारी अधिक से अधिक होनी चाहिए. सचिव राजेश दड़िया ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आधारभूत कानूनी अधिकार और उनके उपचार, दहेज निषेध अधिनियम, महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा की रोकथाम अधिनियम की जानकारी प्रदान करना है.
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कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं को अपराध के प्रकारों के बारे में जानकारी दी गई और बताया गया कि एक महिला दो घरों का चिराग होती हैं. इसलिए महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता दिखना पड़ेगा. प्रो. मनीष कुंदन ने इस दौरान संविधान में महिलाओं के लिए बने अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए मूलभूत अधिकार व संवैधानिक उपचारों की जानकारी दी. साथ ही पैनल अधिवक्ता राजेंद्र राजपुरोहित की ओर से पारिवारिक कानून की जानकारी देते हुए विवाह और तलाक, भरण पोषण, महिलाओं के संपत्ति के अधिकार इत्यादि की जानकारी दी गई.