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चूरू: स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - चूरू आंगनवाड़ी महिलाओं का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी केंद्रों पर वितरित होने वाले पूरक पोषाहार की व्यवस्था को बदलकर दाल और गेहूं वितरण करने से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बेरोजगार हो गई हैं. इन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने चूरू जिला कलेक्टर को फिर से पोषाहार वितरण कार्य शुरू करने के लिए ज्ञापन दिया है.

Demand for Self Help Group, Memorandum for Nutritional Distribution
महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापन
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Published : Jul 8, 2020, 10:57 PM IST

चूरू. कोरोना काल में सरकार की ओर आंगनवाड़ी केंद्रों पर वितरित होने वाले पूरक पोषाहार की व्यवस्था को बदल कर दाल व गेंहू के वितरण की व्यस्वथा करने से जिले में हजारों महिलाएं बेरोजगार हो गईं. बुधवार को महिला स्वयं सहायता समूह के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के जरिए फिर से इस व्यवस्था को बदल कर स्वयं सहायता समूह के माध्यम से पोषाहार कार्य करवाने की मांग की है.

महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापन

ज्ञापन सौंपने गई महिलाओं ने कहा कि एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार आत्मनिर्भर बनने की बात कह रही है. वहीं दूसरी ओर स्वयं सहायता समूहों में कार्य करने वाली गरीब और सामान्य घर की इन महिलाओं से उनका रोजगार छीन लिया है. ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया है कि इस व्यवस्था के बदलने से एक ही झटके में जिले की करीब 20 हजार और प्रदेश की करीब 55 लाख महिलाएं बेरोजगारों हो गईं.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ पुलिस ने कोरोना काल में सख्ती बरतने के साथ जनता का ध्यान भी रखा, आंकड़ों से समझिए

ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की अधिकतर महिलाएं गरीब, विधवा, परित्यक्ता, जरूरतमंद, बीपीएल, अंत्योदय, अनुसूचित जाति के परिवार से सम्बन्ध रखती हैं. व्यवस्था के बदले जाने के बाद इनके परिवारों पर रोजी रोटी के लिए आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि महिला स्वयं सहायता समूह को पुनः पोषाहार का कार्य दिलाकर उन्हें प्रोत्साहित करें. जिससे समूह की महिलाओं में स्वरोजगार की भावना का विकास हो सके.

चूरू. कोरोना काल में सरकार की ओर आंगनवाड़ी केंद्रों पर वितरित होने वाले पूरक पोषाहार की व्यवस्था को बदल कर दाल व गेंहू के वितरण की व्यस्वथा करने से जिले में हजारों महिलाएं बेरोजगार हो गईं. बुधवार को महिला स्वयं सहायता समूह के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के जरिए फिर से इस व्यवस्था को बदल कर स्वयं सहायता समूह के माध्यम से पोषाहार कार्य करवाने की मांग की है.

महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापन

ज्ञापन सौंपने गई महिलाओं ने कहा कि एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार आत्मनिर्भर बनने की बात कह रही है. वहीं दूसरी ओर स्वयं सहायता समूहों में कार्य करने वाली गरीब और सामान्य घर की इन महिलाओं से उनका रोजगार छीन लिया है. ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया है कि इस व्यवस्था के बदलने से एक ही झटके में जिले की करीब 20 हजार और प्रदेश की करीब 55 लाख महिलाएं बेरोजगारों हो गईं.

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ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की अधिकतर महिलाएं गरीब, विधवा, परित्यक्ता, जरूरतमंद, बीपीएल, अंत्योदय, अनुसूचित जाति के परिवार से सम्बन्ध रखती हैं. व्यवस्था के बदले जाने के बाद इनके परिवारों पर रोजी रोटी के लिए आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि महिला स्वयं सहायता समूह को पुनः पोषाहार का कार्य दिलाकर उन्हें प्रोत्साहित करें. जिससे समूह की महिलाओं में स्वरोजगार की भावना का विकास हो सके.

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