चूरू. राजकीय लोहिया कॉलेज, जहां साधारण परिवेश और अभावों की बहुलता से अपने हौसले के दम पर संघर्ष कर इतिहास रचने वाले खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. यहां अभी करीब 8000 से ज्यादा स्टूडेंट्स इस कॉलेज में अध्ययनरत है.
इन विद्यार्थियों में कई खेल प्रतिभाएं भी है, लेकिन सुविधाओं के अभाव के चलते यह खिलाड़ी खेल से विमुख हो रहे हैं. खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए राजकीय लोहिया कॉलेज कैंपस में इंडोर स्टेडियम सरकार द्वारा बना तो दिया गया, लेकिन इस स्टेडियम का खिलाड़ियों को कोई लाभ नहीं मिल पाया है.
2013 से ही बंद पड़ा है
चूरू के लोहिया कॉलेज में वर्ष 2013 से बना यह इंडोर स्टेडियम बंद ही पड़ा है. 118 फीट लंबे और 75 फीट चौड़े इस बंद पड़े इंडोर स्टेडियम में 3 बैडमिंटन कोर्ट, टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग, कैरम, चेस, हॉकी, रेसलिंग, कुश्ती, एथलेटिक्स आदि खेल गतिविधियां संचालित होनी थी. बड़ा हॉल होने के कारण यहां कॉलेज के अन्य कार्यक्रम व सेमिनार भी हो सकते थे, लेकिन कॉलेज प्रशासन की विमुखता या यूं कहें कि लापरवाही के चलते राजकीय लोहिया कॉलेज के इस स्टेडियम का काम अटका पड़ा है.
अभी इसमें फर्श और बिजली फिटिंग का कार्य शेष है. इस स्टेडियम को खोले जाने की मांग स्टूडेट्स द्वारा कई बार की जा चुकी है. ज्ञात रहे कि यह इंडोर स्टेडियम लोहिया कॉलेज खेल ग्राउंड में बनना था, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते इसे कॉलेज छात्रावास के सामने बनवाया गया.