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खेल मैदान से खिलाड़ी दूर... चूरू में ₹95 लाख से बना था इंडोर स्टेडियम, 2013 से खिलाड़ी कर रहे इसके शुरू होने का इंतजार

अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिभाएं देने वाले चूरू जिले में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन यहां संसाधन होते हुए भी खिलाड़ी खेल मैदान से दूर है. यहां खेल प्रतिभाओं को आगे लाने की बजाय जिम्मेदारों की ढिलाई इन्हें पीछे धकेलने का काम कर रही है. राजकीय लोहिया कॉलेज के परिसर में 95 लाख की लागत से बना इंडोर स्टेडियम शुरू होने से पहले ही बंद जैसी स्थिति में पहुंच चुका है. रख-रखाव के अभाव में स्टेडियम बदहाली का शिकार हो रहा है. कॉलेज को करोड़ों का बजट मिलने के बावजूद संसाधनों के अभाव में यह इंडोर स्टेडियम साल 2013 में बनने के बाद से ही अनुपयोगी पड़ा है.

जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बंद पड़ा है 95 लाख से बना इंडोर स्टेडियम
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Published : Jul 3, 2019, 2:45 AM IST

चूरू. राजकीय लोहिया कॉलेज, जहां साधारण परिवेश और अभावों की बहुलता से अपने हौसले के दम पर संघर्ष कर इतिहास रचने वाले खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. यहां अभी करीब 8000 से ज्यादा स्टूडेंट्स इस कॉलेज में अध्ययनरत है.

जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बंद पड़ा है 95 लाख से बना इंडोर स्टेडियम

इन विद्यार्थियों में कई खेल प्रतिभाएं भी है, लेकिन सुविधाओं के अभाव के चलते यह खिलाड़ी खेल से विमुख हो रहे हैं. खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए राजकीय लोहिया कॉलेज कैंपस में इंडोर स्टेडियम सरकार द्वारा बना तो दिया गया, लेकिन इस स्टेडियम का खिलाड़ियों को कोई लाभ नहीं मिल पाया है.

2013 से ही बंद पड़ा है
चूरू के लोहिया कॉलेज में वर्ष 2013 से बना यह इंडोर स्टेडियम बंद ही पड़ा है. 118 फीट लंबे और 75 फीट चौड़े इस बंद पड़े इंडोर स्टेडियम में 3 बैडमिंटन कोर्ट, टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग, कैरम, चेस, हॉकी, रेसलिंग, कुश्ती, एथलेटिक्स आदि खेल गतिविधियां संचालित होनी थी. बड़ा हॉल होने के कारण यहां कॉलेज के अन्य कार्यक्रम व सेमिनार भी हो सकते थे, लेकिन कॉलेज प्रशासन की विमुखता या यूं कहें कि लापरवाही के चलते राजकीय लोहिया कॉलेज के इस स्टेडियम का काम अटका पड़ा है.

अभी इसमें फर्श और बिजली फिटिंग का कार्य शेष है. इस स्टेडियम को खोले जाने की मांग स्टूडेट्स द्वारा कई बार की जा चुकी है. ज्ञात रहे कि यह इंडोर स्टेडियम लोहिया कॉलेज खेल ग्राउंड में बनना था, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते इसे कॉलेज छात्रावास के सामने बनवाया गया.

चूरू. राजकीय लोहिया कॉलेज, जहां साधारण परिवेश और अभावों की बहुलता से अपने हौसले के दम पर संघर्ष कर इतिहास रचने वाले खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. यहां अभी करीब 8000 से ज्यादा स्टूडेंट्स इस कॉलेज में अध्ययनरत है.

जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बंद पड़ा है 95 लाख से बना इंडोर स्टेडियम

इन विद्यार्थियों में कई खेल प्रतिभाएं भी है, लेकिन सुविधाओं के अभाव के चलते यह खिलाड़ी खेल से विमुख हो रहे हैं. खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए राजकीय लोहिया कॉलेज कैंपस में इंडोर स्टेडियम सरकार द्वारा बना तो दिया गया, लेकिन इस स्टेडियम का खिलाड़ियों को कोई लाभ नहीं मिल पाया है.

2013 से ही बंद पड़ा है
चूरू के लोहिया कॉलेज में वर्ष 2013 से बना यह इंडोर स्टेडियम बंद ही पड़ा है. 118 फीट लंबे और 75 फीट चौड़े इस बंद पड़े इंडोर स्टेडियम में 3 बैडमिंटन कोर्ट, टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग, कैरम, चेस, हॉकी, रेसलिंग, कुश्ती, एथलेटिक्स आदि खेल गतिविधियां संचालित होनी थी. बड़ा हॉल होने के कारण यहां कॉलेज के अन्य कार्यक्रम व सेमिनार भी हो सकते थे, लेकिन कॉलेज प्रशासन की विमुखता या यूं कहें कि लापरवाही के चलते राजकीय लोहिया कॉलेज के इस स्टेडियम का काम अटका पड़ा है.

अभी इसमें फर्श और बिजली फिटिंग का कार्य शेष है. इस स्टेडियम को खोले जाने की मांग स्टूडेट्स द्वारा कई बार की जा चुकी है. ज्ञात रहे कि यह इंडोर स्टेडियम लोहिया कॉलेज खेल ग्राउंड में बनना था, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते इसे कॉलेज छात्रावास के सामने बनवाया गया.

Intro:चूरू_अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतिभा देने वाले चुरू जिले में प्रतिभाओं की कमी नहीं लेकिन यहां सुविधाएं होते हुए भी खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं का अभाव बना हुआ है यहां खेल प्रतिभाओं को आगे लाने की बजाय जिम्मेदारों की ढिलाई इन्हें पीछे धकेलने का काम कर रही है राजकीय लोहिया महाविद्यालय के परिसर में बना 95 लाख की लागत से इंडोर स्टेडियम शुरू होने से पहले ही बंद हो चुका है रखरखाव के अभाव में स्टेडियम बदहाली का शिकार हो रहा है कॉलेज में करोड़ों का बजट मिलने के बावजूद संसाधनों के अभाव में यह इनडोर स्टेडियम साल 2013 में बनने के बाद से ही बंद पड़ा है जिसके चलते यहां के उभरते खिलाड़ी खेल से विमुख हो रहे हैं।


Body:चूरू का राजकीय लोहिया महाविद्यालय जहां साधारण परिवेश और अभावों की बहुलता से अपने हौसले के दम पर संघर्ष कर इतिहास रचने वाले खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और अभी 8000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं इस महाविद्यालय में अध्ययनरत है इन्हीं विद्यार्थियों में कई खेल प्रतिभाएं भी है लेकिन सुविधाओं के अभाव के चलते यह उभरते खिलाड़ी खेल से विमुख हो रहे हैं खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए राजकीय लोहिया महाविद्यालय कैंपस में इंडोर स्टेडियम सरकार द्वारा बना तो दिया गया लेकिन यह स्टेडियम शुरू होने से पहले ही बंद हो चुका है जिससे छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


Conclusion:चूरू के लोहिया कॉलेज में बना वर्ष 2013 से यह इंडोर स्टेडियम यूं ही बंद पड़ा है 118 फीट लंबे 75 फीट चौड़े इस बंद पड़े इंडोर स्टेडियम में तीन बैडमिंटन कोर्ट, टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग, कैरम, चेस, हॉकी, रेसलिंग, कुश्ती, एथलेटिक्स आदि खेल संचालित होने थे बड़ा हॉल होने के कारण यहां कॉलेज के अन्य कार्यक्रम सेमिनार हो सकते थे लेकिन कॉलेज प्रशासन की विमुखता या यूं कहें लापरवाही के कारण राजकीय लोहिया कॉलेज के इस इंडोर स्टेडियम का काम अटका पड़ा है अभी इसमें फर्श और बिजली फिटिंग का कार्य बाकी है स्टेडियम को खोले जाने की मांग छात्र-छात्राओं द्वारा कई बार की जा चुकी है ज्ञात रहे कि यह इनडोर स्टेडियम लोहिया कॉलेज खेल ग्राउंड में बनना था लेकिन राजनीतिक दखलंदाजी के चलते इसे कॉलेज छात्रावास के सामने तैयार किया गया है


बाईट_मोनू योगी,टेबल टेनिस खिलाड़ी रा. लोहिया कॉलेज

बाईट_निकिता शर्मा,टेबल टेनिस खिलाड़ी

बाईट_कपिल देव,बैडमिंटन प्लेयर

बाईट_देवरथ सिंह,छात्र राजकीय लोहिया कॉलेज

बाईट_दलीप सिंह पूनियां, प्राचार्य राजकीय लोहिया कॉलेज चूरू
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