जयपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जन्मदिन के बहाने अपना शक्ति प्रदर्शन कर संदेश दे दिया कि आज भी कार्यकर्ताओं में वे जनप्रिय हैं. वसुंधरा राजे ने शनिवार को चूरू जिले में सालासर बालाजी धाम पर अपना जन्मदिन मनाया. राजे ने इस दौरान कई राजनीतिक संदेश भी दिए. राजे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी साहस से हर मुसीबत का सामना करना सिखाया तो पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत ने राजनीति के गुर सिखाए. राजे ने इस दौरान प्रदेश की गहलोत सरकार को भी पेपर लीक मामले पर निशाने पर लिया. राजे ने गहलोत और पायलट की आपसी लड़ाई को लेकर भी कहा कि कुर्सी के लालच में प्रदेश की जनता के साथ कुठाराघात किया है.
याद आए अटल और शेखावतः इस मौके पर वसुंधरा राजे ने राजमाता विजयराजे को भी याद किया. राजे ने कहा राजमाता ने मुझे यह सिखाया कि राजस्थान की भूमि में जिससे मुझे ये प्यार दिया है, अगर उसके लिए जान भी देने की जरूरत पड़े पीछे नहीं हटना. इस मौके पर वसुंधरा राजे ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत को भी याद किया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने कठिन से कठिन समय के अंदर मुझे किस तरीके से साहसी बनना है वो सिखाया. कूट-कूट के साहस भरा की मुश्किलें आएंगी तो उनको किस तरीके से चट्टान के समान खड़े होकर सामना करना है. स्वर्गीय भैरव सिंह शेखावत ने मुझे राजनीति सिखाई है. वो मेरे राजनीतिक गुरु थे, जिन्होंने अपने आत्मविश्वास से मुझे शिक्षा और राजनीति का पहाड़ा सिखाया, नहीं तो आज मैं यहां नहीं होती. राजे ने कहा, राजमाता ने कहा कि दिल से काम करो तो भैरों सिंह शेखावत ने समझाया कि दिल और दिमाग दोनों को लेकर जनता के बीच में जाओ. कोई आप का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा.
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मोदी के बहाने विरोधियों पर निशानाः राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के बहाने विरोधियों को भी संदेश दिया. राजे कहा कि राजस्थान की धरती हमारी मां है, उस मां के सिर पर विकास का मुकुट बांधने में हमारे बीच कोई नहीं आ सकता न कोई उसे रोक सकता है. संगठन के सिपाही के रूप में पीएम मोदी के मार्गदर्शन, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में विचारधारा की मशाल को लेकर चल रही हूं. बालाजी और आपकी आस्था का जो दीप जलाया है वह किसी आंधी तूफान से मिट नहीं सकता. चाहे वह कितनी भी कोशिश कर ले, इस सेवा को जो संकल्प हमने लिया है, वह पूरा होकर रहेगा.
साढ़े तीन तो दूर एक लाख के ही नाम बताओः वसुंधरा राजे ने पेपर लीक के मामले पर मौजूदा गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. राजे ने कहा, बच्चा जब बड़ा होता है, प्रतियोगी परीक्षा में बैठता है और उसका पेपर लीक हो जाता है और उसके जीवन की मेहनत खत्म हो जाती है, तो समझो उसके दिल पर क्या गुजरती है?. प्रदेश में सरकारी भर्तियों की पारदर्शिता तितर-बितर हो चुकी है, युवा बेरोजगार याचक बनकर न्याय मांग रहा है और सरकार कुछ नहीं कर रही. मास्टरमाइंड कौन है, हम सब जानते हैं. सरकार भी जानती है, लेकिन उसको कोई पकड़ नहीं रहा है. ऊपर से मुख्यमंत्री यह कहते हैं कि साढ़े तीन लाख लोगों को हमने नौकरी दे दी. अगर यह सच है तो उनका नाम और पता सरकारी वेबसाइट पर क्यों नहीं डालते?, जिस तरह से हमने डाली थी. राजे ने कहा, आज तक एक लाख तक भी नौकरियां नहीं मिली, नौकरी कब देंगे हाहाकार मचा हुआ है?. राजे ने कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए. जनता शासन से त्रस्त है, मुख्यमंत्री चैन की नींद सो रहे हैं. कुछ दिनों के अंदर ना कुर्सी बचेगी और ना उनकी सरकार बचेगी.
पूजा अर्चना के साथ की शुरुआतः पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बालाजी धाम पर पूजा अर्चना के साथ अपने जन्मदिन की शुरुआत की. इसके बाद राजे अपने समर्थकों के बीच मंच पर पहुंची. बड़ी संख्या में समर्थकों को देख वसुंधरा राजे भी काफी खुश नजर आई. राजे ने कहा की कौन-कौन कहां बैठा है, उसको देखने कि मैं कोशिश कर रही हूं. राजे ने कहा कि सुबह उठी तो बादल कड़क रहे थे, काले-काले बादल छाए हुए थे और मैंने भगवान बजरंगबली के सामने नतमस्तक होकर कहा कि महाराज आप की नगरी में हम सब दूर-दूर से आए हैं और आज आप बारिश करवा रहे हो. इसके लिए कितना भी धन्यवाद दूं आपको यह काम रहेगा, क्योंकि यह वह क्षेत्र है जहां कभी बारिश नहीं आती और आज हनुमान जी ने हमारे पूरे परिवार को आशीर्वाद दे दिया.
ये तस्वीरें रही दिलचस्पः जन्मदिवस समारोह में कई तस्वीरें रोचक थी. उसमे से एक तो राजे के जन्मदिन को लेकर बना गाना बड़ा आकषण का केंद्र रहा. वहीं, दूसरा हनुमान चालीसा की पंक्तियां जो मंच पर धर्मगुरुओं के साथ वसुंधरा राजे ने पढ़ी.
पढ़ी हनुमान चालीसा की पंक्तियां, हलचल तेजः वसुंधरा राजे ने जनसभा के दौरान जहां सरकार को घेरा, वहीं अपने विरोधियों को भी सियासी संदेश दिया है. राजे ने सभा के बीच हनुमान चालीसा की चौपाई पढ़ते इशारों में विरोधियों को संदेश दिया. उन्होंने कहा कि मैं केसरी नंदन को इन पंक्तियों को समर्पित करते हुए कहना चाहती हूं.
राम दुआरे तुम रखवारे होत ना आज्ञा बिन पैसारे सब सुख लहे तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहू को डरना |
इन चौपाइयों के अंत में राजे ने अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि 'तुम रक्षक काहू को डरना'. माना जा रहा है कि राजे ने उन पंक्तियों के जरिए राजनीतिक गलियारों में चली आ रही कयासों पर विराम लगाते हुए कहा कि उन्हें भय नहीं है.
समर्थक विधायकों और सांसदों का जताया आभारः राजे ने जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसद, पूर्व सांसद और पार्टी के पदाधिकरियों को आभार जताया. राजे ने कहा, यहां ऐसे-ऐसे लोग जिनके साथ मेरी जिंदगी राजनीतिक शुरू हुई. मेरे अच्छे बुरे वक्त में मेरे साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े रहे हैं. राजे ने कहा कि पिछले साल भी मैंने केशोरायपाटन में सालगिरह मनाई थी, उसके पहले गिर्राज महाराज के यहां गई थी और इस बार भगवान सालासर के चरणों में हमको मिलने का मौका मिल रहा है. यह सालगिरह मनाने का समय नहीं है, सालगिरह नहीं मना रही हूं. 3 साल पहले मुझे समझ में आ गई कि यह प्यार का सैलाब कैसे मिल सकता है. इस दिन राजस्थान के कोने-कोने से लोग प्यार देने में कोई कंजूसी नहीं करते हैं.
धार्मिक स्थानों पर चले बुलडोजरः राजे ने इस दौरान सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले बुलडोजर से राम दरबार को सालासर की जो मूर्ति थी उसे तोड़ दिया गया. भगवान परशुराम की मूर्ति तोड़ दी गई, देवनारायण मंदिर की चारदीवारी अजमेर में तोड़ी गई. कई जगह आस्था के ऊपर चोट पहुंचाने का काम इस सरकार ने किया है. राजे ने किसानों की कर्ज माफी, निर्बाध बीजेली, बेरोजगार भत्ता सहित घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा नही करने पर भी सरकार को निशाने पर लिया.
कुर्सी की लड़ाई में राजस्थान का नुकसानः वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रहे मनमुटाव को लेकर भी सवाल खड़े किए . उन्होंने कहा कि दोनों ने एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. 4 साल से प्रदेश में कुर्सी की लड़ाई हो रही है , लेकिन इन दोनों की लड़ाई में राजस्थान की जनता के साथ अन्याय किया.
ये रहे मौजूदः वैसे जन्मदिन के कार्यक्रम पर सब की निगाहें इसलिए थी कि कौन-कौन राजे को बधाई देने सालासर पहुंचते हैं. कार्यक्रम के दौरान सांसद देवजी पटेल, रामचरण बोहरा, निहालचंद मेघवाल, राहुल कस्वां, सांसद मनोज राजोरिया,रामनारायण डूडी मौजूद थे. इसी प्रकार पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी , विधायक कालीचरण सराफ, कैलाश मेघवाल, अनिता भदेल, दीप्ति माहेश्वरी, अशोक लाहोटी, बिहारी विश्नोई, प्रताप सिंह सिंघवी, ओमप्रकाश हुड़ला, धर्मनारायण जोशी भी मौजूद थे. कार्यक्रम में धर्मेंद्र मोची, गुरदीप शाहपीनी, खुशवीर सिंह, सुरेश टांक, पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी, जसवंत यादव, बंशीधर बाजिया, रोहिताश्व शर्मा, खेमाराम मेघवाल, भवानी सिंह राजावत,यूनुस खान, राजपाल सिंह शेखावत, डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, ओटाराम देवासी सहित कई विधायक और पूर्व विधायक मौजूद रहे .