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सरदारशहर को कोरोना मुक्त करने में जुटे हैं ये दो योद्धा, समर्पण ऐसा की घर भी नहीं जा रहे

चूरू के सरदारशहर में दो युवा इस कोरोना काल में बड़ा योगदान दे रहे हैं. ये दोनों पिछले 40 दिनों से अपने घर न जाकर पुलिसकर्मियों और जरूरतमंदों की सेवा में लगे हुए हैं.

कोरोना योद्धा योगदान, Corona warrior contribution
कोरोना योद्धा योगदान
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Published : May 6, 2020, 7:34 PM IST

सरदारशहर (चूरू). जिले के सरदारशहर में दो युवाओं ने समाजसेवा की एक अलग ही मिसाल पेश की है. ये युवा पिछले 40 दिनों से जरूरतमंदों की सेवा में लगे हुए हैं. ये दोनों अपने घर न जाकर एक छोटे से कमरे में रहकर हर दिन 200 लोगों को भोजन वितरित कर रहे हैं.

कोरोना संक्रमण में दो युवाओं का बड़ा योगदान

सरदारशहर में लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही दिल्ली तबलीगी जमात से लौटे कोरोना के 7 पॉजिटिव मरीज मिल गए थे. जिसके बाद से ही शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. ऐसे में प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती पुलिसकर्मियों को खाना पहुंचाने की और जरूरतमन्द लोगों को भोजन देने की आ रही थी.

कोरोना योद्धा योगदान, Corona warrior contribution
लोगों को जागरूक भी कर रहे कोरोना योद्धा

प्रशासन की ओर से राशन कीटों का वितरण शुरू कर दिया गया था. लेकिन कुछ ऐसे जरूरतमंद थे, जिनके पास खाना बनाने के कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे. ऐसे में उनको पका हुआ खाना पहुंचाने की चुनौती प्रशासन के सामने थी. जिसके बाद शहर के दो जिम्मेदार लोगों हंसराज सिद्ध और अर्जुनलाल सैनी ने जरूरतमंद लोगों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों को भोजन वितरित करने का जिम्मा लिया.

कोरोना योद्धा योगदान, Corona warrior contribution
खाना बांटने में लगे कोरोना योद्धा

पढ़ें: जयपुर: मोबाइल चोरी और चेन स्नेचिंग के 2 आरोपी गिरफ्तार

ये दोनों लगातार तब से लेकर आज तक हर दिन 200 लोगों को भोजन वितरित कर रहे हैं. हंसराज सिद्ध ने ना सिर्फ भोजन देने का कार्य किया, बल्कि साथ ही साथ शहर में अपनी गाड़ी के माध्यम से कोरोना के प्रति आमजन को जागरूक भी किया. साथ ही घर में ही रहने के लिए प्रेरित किया. इस दौरान हंसराज सिद्ध और इनकी टीम दिनभर शहर के वार्ड-वार्ड में घूम कर, लोगों को घर में रहने के लिए प्रेरित करती रही.

कोरोना योद्धा योगदान, Corona warrior contribution
शहर को सैनिटाइज करने में लगे कोरोना योद्धा

शहर के प्रत्येक वार्ड में किया फॉगिंग

हंसराज सिद्ध की टीम ने 5 संघठनों और प्रशासन के सहयोग से प्रत्येक वार्ड में फॉगिंग का कार्य किया. इस दौरान उनकी टीम ने हर वार्ड में जाकर पूरे शहर को फॉगिंग और सैनिटाइज किया.

40 दिनों से नहीं गए हैं घर

हंसराज सिद्ध और अर्जुनलाल सैनी दोनों ही पिछले 40 दिनों से अपने घर नहीं गए हैं. हंसराज सिद्ध का कहना है कि हम पिछले 40 दिनों से एक ही कमरे में रह रहे हैं. क्योंकि हम शहर के प्रत्येक वार्ड और गली में घूम-घूम कर सैनिटाइजेशन का कार्य कर रहे हैं. साथ ही साथ जरूरतमंद लोगों को भोजन करवा रहे हैं. जो अन्य जिलों या प्रदेशों से प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, उनकी स्क्रीनिंग का कार्य भी करवा रहे हैं. जिसके चलते संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. इसलिए हमनें हमारे परिवार से दूरी बनाना ही उचित समझा है.

कोरोना योद्धा योगदान, Corona warrior contribution
जरूरतमंदों की मदद को आगे आए हाथ

दोनों के घर वाले रहते हैं चिंतित

हंसराज सिद्ध के पिता से बात की तो उन्होंने बताया कि मैंने हंसराज को कई बार घर आने की लिए बोला. लेकिन उसके अंदर सेवा का जज्बा इस प्रकार था कि उसने मेरी बात तक नहीं मानी. मैंने अन्य कई लोगों को भी उसे बुलाने के लिए कहा लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी. हंसराज के पिता का कहना है कि उनका पुत्र हंसराज इस विकट परिस्थिति में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है. लेकिन कोरोना का डर उनके परिवार को सताता रहता है.

पढ़ें: देसी शराब से भरा ट्रक पलटा, सड़क पर फैले कार्टन

वहीं अर्जुन लाल सैनी के बड़े भाई ने बताया कि वह पिछले 40 दिन से घर नहीं आए हैं. उनकी भतीजी का कहना है कि उसको लगता है कि उसके चाचा को कहीं कोरोना न हो जाए. इसके लिए वह बार-बार फोन कर उनको घर पर आने के लिए कहती है. लेकिन चाचा अर्जुन लोगों की सेवा में ही लगे रहते हैं. ऐसे करोना योद्धाओं के दम पर ही आज सरदारशहर एक बार फिर से अपनी वही पुरानी रंगत में लौटता हुआ नजर आ रहा है. सरदार शहर के बाजार फिर धीरे-धीरे गुलजार होने लगे हैं.

सरदारशहर (चूरू). जिले के सरदारशहर में दो युवाओं ने समाजसेवा की एक अलग ही मिसाल पेश की है. ये युवा पिछले 40 दिनों से जरूरतमंदों की सेवा में लगे हुए हैं. ये दोनों अपने घर न जाकर एक छोटे से कमरे में रहकर हर दिन 200 लोगों को भोजन वितरित कर रहे हैं.

कोरोना संक्रमण में दो युवाओं का बड़ा योगदान

सरदारशहर में लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही दिल्ली तबलीगी जमात से लौटे कोरोना के 7 पॉजिटिव मरीज मिल गए थे. जिसके बाद से ही शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. ऐसे में प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती पुलिसकर्मियों को खाना पहुंचाने की और जरूरतमन्द लोगों को भोजन देने की आ रही थी.

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लोगों को जागरूक भी कर रहे कोरोना योद्धा

प्रशासन की ओर से राशन कीटों का वितरण शुरू कर दिया गया था. लेकिन कुछ ऐसे जरूरतमंद थे, जिनके पास खाना बनाने के कोई संसाधन उपलब्ध नहीं थे. ऐसे में उनको पका हुआ खाना पहुंचाने की चुनौती प्रशासन के सामने थी. जिसके बाद शहर के दो जिम्मेदार लोगों हंसराज सिद्ध और अर्जुनलाल सैनी ने जरूरतमंद लोगों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों को भोजन वितरित करने का जिम्मा लिया.

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ये दोनों लगातार तब से लेकर आज तक हर दिन 200 लोगों को भोजन वितरित कर रहे हैं. हंसराज सिद्ध ने ना सिर्फ भोजन देने का कार्य किया, बल्कि साथ ही साथ शहर में अपनी गाड़ी के माध्यम से कोरोना के प्रति आमजन को जागरूक भी किया. साथ ही घर में ही रहने के लिए प्रेरित किया. इस दौरान हंसराज सिद्ध और इनकी टीम दिनभर शहर के वार्ड-वार्ड में घूम कर, लोगों को घर में रहने के लिए प्रेरित करती रही.

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शहर को सैनिटाइज करने में लगे कोरोना योद्धा

शहर के प्रत्येक वार्ड में किया फॉगिंग

हंसराज सिद्ध की टीम ने 5 संघठनों और प्रशासन के सहयोग से प्रत्येक वार्ड में फॉगिंग का कार्य किया. इस दौरान उनकी टीम ने हर वार्ड में जाकर पूरे शहर को फॉगिंग और सैनिटाइज किया.

40 दिनों से नहीं गए हैं घर

हंसराज सिद्ध और अर्जुनलाल सैनी दोनों ही पिछले 40 दिनों से अपने घर नहीं गए हैं. हंसराज सिद्ध का कहना है कि हम पिछले 40 दिनों से एक ही कमरे में रह रहे हैं. क्योंकि हम शहर के प्रत्येक वार्ड और गली में घूम-घूम कर सैनिटाइजेशन का कार्य कर रहे हैं. साथ ही साथ जरूरतमंद लोगों को भोजन करवा रहे हैं. जो अन्य जिलों या प्रदेशों से प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, उनकी स्क्रीनिंग का कार्य भी करवा रहे हैं. जिसके चलते संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. इसलिए हमनें हमारे परिवार से दूरी बनाना ही उचित समझा है.

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जरूरतमंदों की मदद को आगे आए हाथ

दोनों के घर वाले रहते हैं चिंतित

हंसराज सिद्ध के पिता से बात की तो उन्होंने बताया कि मैंने हंसराज को कई बार घर आने की लिए बोला. लेकिन उसके अंदर सेवा का जज्बा इस प्रकार था कि उसने मेरी बात तक नहीं मानी. मैंने अन्य कई लोगों को भी उसे बुलाने के लिए कहा लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी. हंसराज के पिता का कहना है कि उनका पुत्र हंसराज इस विकट परिस्थिति में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है. लेकिन कोरोना का डर उनके परिवार को सताता रहता है.

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वहीं अर्जुन लाल सैनी के बड़े भाई ने बताया कि वह पिछले 40 दिन से घर नहीं आए हैं. उनकी भतीजी का कहना है कि उसको लगता है कि उसके चाचा को कहीं कोरोना न हो जाए. इसके लिए वह बार-बार फोन कर उनको घर पर आने के लिए कहती है. लेकिन चाचा अर्जुन लोगों की सेवा में ही लगे रहते हैं. ऐसे करोना योद्धाओं के दम पर ही आज सरदारशहर एक बार फिर से अपनी वही पुरानी रंगत में लौटता हुआ नजर आ रहा है. सरदार शहर के बाजार फिर धीरे-धीरे गुलजार होने लगे हैं.

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