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8 साल के बच्चे के पेट में पल रहा था तीन किलो का भ्रूण...चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन

राजकीय डीबी अस्पताल में मंगलवार को हैरान करने वाली घटना सामने आयी. जिसमें एक आठ साल के बच्चे के पेट से तीन किलो का भ्रूण निकाला गया. जिले में इस तरह का यह पहला केस बताया जा रहा है

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Published : Apr 17, 2019, 3:00 PM IST

आठ साल के बच्चे के पेट से निकाला तीन किलो का भ्रूण

चूरू. जिले के राजकीय डीबी अस्पताल में मंगलवार को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. जिसमें आठ साल के बच्चे के पेट से तीन किलो का भ्रूण निकाला गया. अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि जिले में इस तरह का यह पहला केस है.

आठ साल के बच्चे के पेट से निकाला तीन किलो का भ्रूण

आपको बता दें कि सुजानगढ़ तहसील के मूंदड़ा गांव के जगदीश मेघवाल के बेटे दिनेश को सांस और पेट फूलने पर दिक्कत थी. जिसके बाद उसका सोनोग्राफी व सिटी स्कैन कराया गया. जिसमें गांठ के अंदर बाल, हड्डियां और एक बच्चे के विकसित होने की कोशिकाएं देखी.

डॉक्टर्स ने बताया कि 4- 5 लाख बच्चों में से किसी एक को यह बीमारी होती है. इस बिमारी में जब मां के पेट मे बच्चा बनना शुरू होता है. तभी दूसरा बच्चा उस बच्चे के अंदर ही बनना शुरू हो जाता है.इस ऑपरेशन में डॉक्टर्स को चार घंटे से ज्यादा का टाइम लगा. यह ऑपरेशन पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सीताराम गोठवाल, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. गजेंद्र सक्सेना, डॉ महेंद्र खीचड़, डॉ मुकुल व डॉ संदीप अग्रवाल व उनकी टीम ने किया.

चूरू. जिले के राजकीय डीबी अस्पताल में मंगलवार को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया. जिसमें आठ साल के बच्चे के पेट से तीन किलो का भ्रूण निकाला गया. अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि जिले में इस तरह का यह पहला केस है.

आठ साल के बच्चे के पेट से निकाला तीन किलो का भ्रूण

आपको बता दें कि सुजानगढ़ तहसील के मूंदड़ा गांव के जगदीश मेघवाल के बेटे दिनेश को सांस और पेट फूलने पर दिक्कत थी. जिसके बाद उसका सोनोग्राफी व सिटी स्कैन कराया गया. जिसमें गांठ के अंदर बाल, हड्डियां और एक बच्चे के विकसित होने की कोशिकाएं देखी.

डॉक्टर्स ने बताया कि 4- 5 लाख बच्चों में से किसी एक को यह बीमारी होती है. इस बिमारी में जब मां के पेट मे बच्चा बनना शुरू होता है. तभी दूसरा बच्चा उस बच्चे के अंदर ही बनना शुरू हो जाता है.इस ऑपरेशन में डॉक्टर्स को चार घंटे से ज्यादा का टाइम लगा. यह ऑपरेशन पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सीताराम गोठवाल, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. गजेंद्र सक्सेना, डॉ महेंद्र खीचड़, डॉ मुकुल व डॉ संदीप अग्रवाल व उनकी टीम ने किया.

Intro:चूरू। चूरू में आठ साल के बच्चे के पेट में तीन किलो का भ्रूण निकाला गया है। राजकीय डीबी अस्पताल में मंगलवार को सर्जरी के जरिये भ्रूण निकाला गया। डॉक्टर ने बताया कि चूरू में इस तरह का यह पहला केस है। सुजानगढ़ तहसील के मूंदड़ा गांव के जगदीश मेघवाल ने अपने बेटे दिनेश को सांस फूलने और पेट फूलने पर डॉक्टरों को दिखाया था। सोनोग्राफी व सिटी स्कैन करने पर गांठ के अंदर बाल, हड्डियां और एक बच्चे के विकसित होने की कोशिकाएं देखकर डॉक्टर के होश उड़ गए।
- 4-5 लाख बच्चों में से एक बच्चे के होती है ऐसी बीमारी
डॉक्टर्स ने बताया कि 4- 5 लाख बच्चों में से किसी एक के यह बीमारी होती है। इसमें जब मा के पेट मे बच्चा बनना शुरू होता है तभी दूसरा बच्चा उस बच्चे के अंदर ही बनना शुरू हो जाता है।
- भ्रूण में आधा अधूरा सिर, लंबे बाल पैर की बड़ी हड्डी दिखाई दी।



Body:चार घंटे से ज्यादा लगे ऑपरेशन
ओपरेशन में डॉक्टर्स को चार घंटे से ज्यादा का टाइम लगा। ऑपरेशन पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सीताराम गोठवाल, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. गजेंद्र सक्सेना, डॉ महेंद्र खीचड़, डॉ मुकुल व डॉ संदीप अग्रवाल व उनकी टीम ने किया।


Conclusion:बाईट
डॉ. जे एन खत्री, पीएमओ
राजकीय डीबी अस्पताल, चूरू
बच्चे का पेट फुला हुआ था। सोनोग्राफी करने पर पेट मे भ्रूण दिखाई दिया। ऑपरेशन कर भ्रूण निकाला गया। अब तक ऐसे सौ ही केस हुए है। चूरू में ऐसा पहला केस है।
बाईट
जगदीश, दिनेश के पिता
बच्चे को डॉक्टर को दिखाया तो गांठ बताई। बाद में बताया कि भ्रूण है। ऑपरेशन कर भ्रूण बाहर निकाला। अब बच्चा स्वस्थ है।

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