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साहवा के लाडले शहीद कमल कुमार को हजारों नम आंखों ने दी अंतिम विदाई - चूरू लेटेस्ट न्यूज

जम्मू कश्मीर के कूपवाड़ा जिले के करनाल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन होने से शहीद हुए जिले के साहवा के लाल कमल कुमार का शुक्रवार को सैन्य सम्मान के बीच अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वहां शहीद अमर रहे और भारत माता की जय का नारा गूंज उठा. वहीं, शहीद के सम्मान में शुक्रवार को साहवा कस्बे के बाजार बंद रहे.

churu Martyr's last farewell, चूरू न्यूज
साहवा के लाडले शहीद कमल कुमार को हजारों नम आंखों ने दी अंतिम विदाई
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Published : Dec 7, 2019, 2:25 AM IST

चूरू. जम्मू कश्मीर के कूपवाड़ा जिले के करनाल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन होने से शहीद हुए जिले के साहवा के लाल कमल कुमार का शुक्रवार को सैन्य सम्मान के बीच अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वहां शहीद अमर रहे और भारत माता की जय का नारा गूंज उठा. वहीं, शहीद के सम्मान में शुक्रवार को साहवा कस्बे के बाजार बंद रहे.

साहवा के लाडले शहीद कमल कुमार को हजारों नम आंखों ने दी अंतिम विदाई

बता दें कि शहीद कमल दो जाट रेजिमेंट में तैनात थे. वह अपने पिता धर्मेंद्र के इकलौते पुत्र थे. वहीं, शहीद के पिता भी सेना से रिटायर्ड हैं. जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में सेना में भर्ती हुए कमल की यह पहली पोस्टिंग थी. महज 21 साल के कमल ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 27 मई 2019 को गांव आए थे. वहीं, 27 जून को वापस पोस्टिंग पर गए थे. कमल की 4 महीने पहले ही सगाई हुई थी.

पढ़ें- चूरू के रतनगढृ कस्बा में प्रजापति भवन का लोकार्पण

शहीद कमल की पार्थिव देह हेलीकॉप्टर से ही उनके गांव पहुंची. श्रीनगर से दिल्ली होते हुए उनकी पार्थिव देह उनके गांव साहवा पहुंची, जहां पर हजारों लोगों ने फक्र के साथ और नम आंखों के साथ अपने शहीद की शहादत का सम्मान किया.

हजारों नम आंखों ने दी लाडले को विदाई

शहीद कमल कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए साहवा कस्बे के हजारों की संख्या में बुजुर्ग, युवा और महिलाएं मौजूद रही।सभी ने नम आंखों से अपने लाल को विदाई दी. इस दौरान शहीद कमल के घर से उनके अंत्येष्टि स्थल तक लोगों ने पुष्प वर्षा कर शहादत को नमन किया. शहीद की शहादत को नमन करने के लिए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक नरेंद्र बुडानिया,पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा, जिला प्रमुख हरलाल सहारण व एसपी तेजस्विनी गौतम सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उनके पैतृक गांव साहवा पहुंचे.

चूरू. जम्मू कश्मीर के कूपवाड़ा जिले के करनाल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन होने से शहीद हुए जिले के साहवा के लाल कमल कुमार का शुक्रवार को सैन्य सम्मान के बीच अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वहां शहीद अमर रहे और भारत माता की जय का नारा गूंज उठा. वहीं, शहीद के सम्मान में शुक्रवार को साहवा कस्बे के बाजार बंद रहे.

साहवा के लाडले शहीद कमल कुमार को हजारों नम आंखों ने दी अंतिम विदाई

बता दें कि शहीद कमल दो जाट रेजिमेंट में तैनात थे. वह अपने पिता धर्मेंद्र के इकलौते पुत्र थे. वहीं, शहीद के पिता भी सेना से रिटायर्ड हैं. जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में सेना में भर्ती हुए कमल की यह पहली पोस्टिंग थी. महज 21 साल के कमल ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 27 मई 2019 को गांव आए थे. वहीं, 27 जून को वापस पोस्टिंग पर गए थे. कमल की 4 महीने पहले ही सगाई हुई थी.

पढ़ें- चूरू के रतनगढृ कस्बा में प्रजापति भवन का लोकार्पण

शहीद कमल की पार्थिव देह हेलीकॉप्टर से ही उनके गांव पहुंची. श्रीनगर से दिल्ली होते हुए उनकी पार्थिव देह उनके गांव साहवा पहुंची, जहां पर हजारों लोगों ने फक्र के साथ और नम आंखों के साथ अपने शहीद की शहादत का सम्मान किया.

हजारों नम आंखों ने दी लाडले को विदाई

शहीद कमल कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए साहवा कस्बे के हजारों की संख्या में बुजुर्ग, युवा और महिलाएं मौजूद रही।सभी ने नम आंखों से अपने लाल को विदाई दी. इस दौरान शहीद कमल के घर से उनके अंत्येष्टि स्थल तक लोगों ने पुष्प वर्षा कर शहादत को नमन किया. शहीद की शहादत को नमन करने के लिए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक नरेंद्र बुडानिया,पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा, जिला प्रमुख हरलाल सहारण व एसपी तेजस्विनी गौतम सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उनके पैतृक गांव साहवा पहुंचे.

Intro:चूरू। जम्मू कश्मीर के कूपवाड़ा जिले के करनाल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन होने से शहीद हुए साहवा के लाल कमल कुमार का शुक्रवार को शहीद अमर रहे और भारत माता की जय के नारों के बीच सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद के सम्मान में शुक्रवार को साहवा कस्बे के बाजार रहे।
शहीद कमल दो जाट रेजिमेंट में तैनात थे। अपने पिता धर्मेंद्र के इकलौते पुत्र थे। इनके पिता भी सेना से रिटायर्ड हैं। एक छोटी बहन है वहीं परिवार में दादा दादी भी है। वर्ष 2018 में सेना में भर्ती हुए कमल की यह पहली पोस्टिंग थी।
महज 21 साल के कमल ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 27 मई 2019 को गांव आए थे। 27 जून को वापस पोस्टिंग पर गए थे। कमल की चार महीने पहले ही सगाई हुई थी। नवंबर में शादी की तारीख तय होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही वे शहीद हो गए।


Body:- शहीद के सम्मान में साहवा कस्बे के के बाजार रहे बंद
शहीद कमल की सहादत के सम्मान में साहवा कस्बे के बाजार बंद रहे। मंगलवार को श्रीनगर में शहीद हुए कमल की बहादुरी के किस्से हर कोई कर रहा था।
-हेलीकॉप्टर से आई पार्थिव देह
शहीद कमल की पार्थिव देह हेलीकॉप्टर से ही उनके गांव पहुंची। श्रीनगर से वाया दिल्ली होते हुए उनकी पार्थिव देह उनके गांव साहवा पहुंची। जहां पर हजारों लोगों ने फक्र के साथ और नम आंखों के साथ अपने शहीद की शहादत का सम्मान किया।
- हजारों नम आंखों ने दी लाडले को विदाई
शहीद कमल कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए साहवा कस्बे के हजारों की संख्या में बुजुर्ग, युवा और महिलाएं मौजूद रही।सभी ने नम आंखों से अपने लाल को विदाई दी। इस दौरान शहीद कमल के घर से उनके अंत्येष्टि स्थल तक लोगों ने पुष्प वर्षा कर शहादत को नमन किया। वही वंदे मातरम और भारत माता के जयकारे के नारे भी लगते रहे।
शहीद की शहादत को नमन करने के लिए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक नरेंद्र बुडानिया,पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा, जिला प्रमुख हरलाल सहारण व एसपी तेजस्विनी गौतम सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उनके पैतृक गांव साहवा पहुंचे।


Conclusion:-गार्ड ऑफ ऑनर दिया
बाइट एक- धर्मेंद्र सिंह, शहीद के पिता
मुझे अपने बेटे की शहादत पर फक्र है। हालांकि एक पिता के नाते दुख भी है, लेकिन फक्र है कि उसने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बलिदानी दी है।
बाइट दो- राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष।
कमल की शहादत पर देश को गर्व है। वे मां भारती की रक्षा करते हुए शहीद हो गए।
बाइट तीन- नरेंद्र बुडानिया, विधायक, तारानगर।
कमल ने देश की रक्षा करते हुए शहादत दी है। यह चूरू के लिए गर्व है।
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