चूरू. जम्मू कश्मीर के कूपवाड़ा जिले के करनाल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन होने से शहीद हुए जिले के साहवा के लाल कमल कुमार का शुक्रवार को सैन्य सम्मान के बीच अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान वहां शहीद अमर रहे और भारत माता की जय का नारा गूंज उठा. वहीं, शहीद के सम्मान में शुक्रवार को साहवा कस्बे के बाजार बंद रहे.
बता दें कि शहीद कमल दो जाट रेजिमेंट में तैनात थे. वह अपने पिता धर्मेंद्र के इकलौते पुत्र थे. वहीं, शहीद के पिता भी सेना से रिटायर्ड हैं. जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में सेना में भर्ती हुए कमल की यह पहली पोस्टिंग थी. महज 21 साल के कमल ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 27 मई 2019 को गांव आए थे. वहीं, 27 जून को वापस पोस्टिंग पर गए थे. कमल की 4 महीने पहले ही सगाई हुई थी.
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शहीद कमल की पार्थिव देह हेलीकॉप्टर से ही उनके गांव पहुंची. श्रीनगर से दिल्ली होते हुए उनकी पार्थिव देह उनके गांव साहवा पहुंची, जहां पर हजारों लोगों ने फक्र के साथ और नम आंखों के साथ अपने शहीद की शहादत का सम्मान किया.
हजारों नम आंखों ने दी लाडले को विदाई
शहीद कमल कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए साहवा कस्बे के हजारों की संख्या में बुजुर्ग, युवा और महिलाएं मौजूद रही।सभी ने नम आंखों से अपने लाल को विदाई दी. इस दौरान शहीद कमल के घर से उनके अंत्येष्टि स्थल तक लोगों ने पुष्प वर्षा कर शहादत को नमन किया. शहीद की शहादत को नमन करने के लिए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक नरेंद्र बुडानिया,पूर्व सांसद रामसिंह कस्वा, जिला प्रमुख हरलाल सहारण व एसपी तेजस्विनी गौतम सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उनके पैतृक गांव साहवा पहुंचे.