चूरू. जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट के आगे पिछले दो महीनों से अपनी ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने प्रदेश सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया और कहा सरकार ने हमारी पिछले दो महीनों में एक भी मांग नही मानी. हम तब तक यहां से नही उठेंगे जब तक हमारी सभी मांगे पूरी नहीं मान ली जाती है.
धरने पर बैठे राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि पिछले काफी समय से राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति उर्दू हितों के लिए लड़ रही है. प्रदेश सरकार उर्दू के सरक्षण और संवर्धन के लिए गम्भीर नहीं है. उर्दू संघर्ष समिति ने प्रदेश की सरकार पर उर्दू की अनदेखी का आरोप लगाया.
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ये हैं मुख्य मांगें
- प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाए.
- प्रदेश भर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किया जाए.
- प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किया जाए.
- प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं.
- राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 किए जाए.