चूरू. राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति कि ओर से 5 जुलाई से जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया जा रहा है. अपनी 11 सूत्रीय मांगों पर अड़े उर्दू शिक्षकों का धरना सोमवार को भी जारी रहा.
पिछले 11 दिनों से अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति के बैनर तले धरने पर बैठे उर्दू शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों पर अड़े हैं. 5 जुलाई से शुरू हुए इस धरने पर बैठे उर्दू शिक्षक 9 जुलाई से क्रमिक अनशन पर हैं. उर्दू शिक्षकों का कहना है कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती तब तक हमारा यह धरना प्रदर्शन चलता रहेगा.
क्रमिक अनशन पर बैठे उर्दू शिक्षकों का कहना है कि 22 जुलाई तक अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती है तो हम 22 जुलाई से आमरण अनशन पर बैठेंगे. हमने प्रदेश सरकार के सभी मंत्री विधायक और जिले के सभी उच्च अधिकारियों को हमारी मांगों से अवगत करवा दिया है लेकिन अभी तक हमारी मांगे नहीं मानी गई है. अनशन पर बैठे धरनार्थी व क्रमिक अनशनकारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर उर्दू की अनदेखी को लेकर आक्रोष जताया.
11 सूत्री मांग को लेकर धरने पर बैठे उर्दू संघर्ष समिति के इन सदस्यों की जो मुख्य मांग है वह ये हैं -
- प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाए.
- प्रदेशभर में स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड और फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित किया जाए.
- प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किया जाए.
- प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाए.
- राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 किए जाए.