चूरू. जिला कलेक्टर सांवरमल वर्मा के ज्ञापन लेने से इंकार करने पर नाराज सरपंचों और कलेक्टर के बीच ठन गई. सरपंचों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी 13 सूत्रीय मांगों के लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिए आया था. कलेक्टर के व्यवहार से नाराज सरपंच पंचायत समिति प्रधान दीपचंद राहड़ के नेतृत्व में जिला कलेक्टर के चैंबर के बाहर धरने पर बैठ गए. जिला कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.
मामला बढ़ता देख मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी गई. तीन घंटे तक चलता रहा हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. कोतवाली थाना पुलिस और सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची गई.
पुलिस ने जिला कलेक्टर के चैंबर के बाहर बैठे सरपंचों से उठने की अपील की लेकिन सरपंच नहीं माने. जिस पर पुलिस के उच्चाधिकारियों को आरएसी के जवानों को मौके पर बुलाना पड़ा. करीब तीन घंटे तक कलेक्टर और सरपंचों के बीच खींचतान के बाद आखिरकार जिला कलेक्टर को सरपंचों का मांग पत्र लेना पड़ा. तब जाकर मामला शांत हुआ.
पंचायत समिति प्रधान दीपचंद राहड़ ने कहा कि प्रशासन गांवों के संग अभियान में 22 में से दो-तीन विभाग के अलावा कुछ काम नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि इन कैंपों के माध्यम से ग्रामीण अपने लंबे समय से लंबित काम करवाने का इंतजार कर रहे थे. जब ग्रामीणों का काम ही नहीं हो रहा तो क्या औचित्य है इन कैंपों का?.
प्रशासन गांवों के संग अभियान के बहिष्कार की घोषणा
पंचायत समिति प्रधान दीपचंद राहड़ ने बताया कि शिविरों में खाद्य सुरक्षा में वंचित परिवारों को जोड़ा जाए. बिजली विभाग की ओर से उपभोक्ताओं के कनेक्शन मीटर चेंज, पोल बदलने, लोड बढ़ाने, नए ट्रांसफार्मर लगाने के कार्य नहीं किए जा रहे हैं. जिनका तत्काल निस्तारण किया जाए. कृषि विभाग की ओर से पिछले साल से सोलर कनेक्शन नहीं लगाए जा रहे हैं, जिनको तत्काल जारी करवाया जाए.
पंचायत समिति चूरू में सहायक अभियंता के वर्तमान में दो पोस्ट हैं, जिसमें से एक सहायक अभियंता का पद रिक्त है. दूसरे सहायक अभियंता का स्थानांतरण हो चुका है. उन्होंने रिक्त पदों को भरा जाए सहित 13 सूत्रीय मांगों को लेकर सरपंचों ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया. सरपंचों ने सोमवार से प्रशासन गांवों के संग अभियान के बहिष्कार की घोषणा की है.