चूरू. प्रदेश की गहलोत सरकार में मंत्रिमंडल पुनर्गठन का इंतजार और लंबा खिंचता चला जा रहा है. सरकार के विस्तार में खुद की जगह तलाश रहे नेताओ का भी अब सब्र का बांध टूट रहा है तो वहीं, सत्तारूढ़ दल की ओर से मंत्रिमंडल पुनर्गठन में देरी बरतना अब विपक्ष को भी रास नही आ रहा है.
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राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और चूरू विधायक राजेंद्र राठौर ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि राजनीतिक पर्यटकों का एक तरीके से मुख्यमंत्री जी का निवास स्थल बन चुका है.
मुख्यमंत्री जी खुद 16 महीने से निवास से बाहर नहीं आए पर दिल्ली दरबार से दूतों का लगातार आना जारी है. उन्होंने कहा आधा दर्जन से ज्यादा दिल्ली दरबार के दूत अलग-अलग समय पर मंत्रिमंडल पुनर्गठन की कवायद पर चर्चा करने के लिए राजधानी जयपुर आ चुके है, लेकिन नतीजा अब भी ढाक के तीन पात है.
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अब 6 जिलों के अंदर पंचायत राज संस्थानों के चुनाव उसके बाद विधानसभा का मानसून सत्र और उसके बाद फिर चुनाव और फिर कोई नया बहाना. राठौड़ ने कहा मैं समझता हूं मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने का इरादा मुख्यमंत्री जी का है ही नहीं. बहुत से लोगों की जैकेट और शेरवानी टंगी की टंगी रह गई. आपस में अंतर कलह के कारण मुख्यमंत्री जी साथ नहीं जुटा पा रहे कि वह मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करें.