चूरूः चौतरफा घिरी प्रदेश सरकार की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रहीं. नागौर और बाड़मेर में युवकों के साथ अमानवीयता का मामला अभी शांत नहीं हुआ था, कि शाहपुरा में युवक की मौत मामले पर भी अब सियासत तेज हो गई है. प्रदेश की इन घटनाओं से विपक्ष के निशाने पर आई प्रदेश सरकार अब अपनों के बयानों से ही सवालों के घेरे में है. डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बयान का समर्थन करते हुए विपक्ष प्रदेश सरकार पर और हमलवार हो गया है.
नागौर और बाड़मेर में युवकों पर अत्याचार की घटनाएं सामने आने के बाद विपक्ष को भी सत्तारूढ़ सरकार को घेरने का बैठे-बिठाए मौका मिल गया है. तीनों घटनाओं पर उपेनता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सीएम अशोक गहलोत को घेरते हुए कहा है, कि जिनके पास गृह मंत्रालय है, उन्हें फुर्सत ही नहीं.
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राजेंद्र राठौड़ ने कहा, कि दलित समाज का जीना हराम हो रहा है. उन्होंने नागौर, बाड़मेर और शाहपुरा की घटना पर प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोला है. राठौड़ ने कहा है, कि उपमुख्यमंत्री जी सही तो कह रहे हैं, कि जिम्मेदारी लेनी होगी. राठौड़ ने यह भी कहा, कि शाहपुरा में एक दलित युवक पुलिस की दबिश से घबराकर जहर खाकर जान दे देता है. संविधान के प्रावधानों के अनुसार कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी से सरकार चलती है.
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राठौड़ के मुताबिक राजस्थान में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं जिस प्रकार बढ़ रही हैं, मैं समझता हूं, कि आज राजस्थान की दशा और जो दिशा बन रही है, वह इसलिए, क्योंकि जिनके पास गृह मंत्रालय है, उन्हें फुर्सत नहीं. पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की बनती है.