चूरू. 30 जनवरी से प्रदेश में शुरू होने जा रही सरकार की महत्वकांक्षी आयुष्मान भारत महात्मा गांधी बीमा योजना पर शुरू होने से पहले ही संकट के बादल छाने लगे हैं. भामाशाह बीमा योजना के बकाया का भुगतान और आयुष्मान भारत में बिना कटौती पैकेज बढ़ाए जाने की मुख्य मांग को लेकर जिले के निजी अस्पतालों ने इस योजना का बहिष्कार कर दिया है.
दरअसल, इस योजना के संबंध में चूरू जिला प्राइवेट हेल्थ केयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की जिला कलेक्टर सांवरमल वर्मा के साथ मंगलवार को बैठक हुई थी, लेकिन पदाधिकारियों ने बैठक के बाद योजना का बहिष्कार करने का निर्णय लिया और कहा सरकार प्राइवेट हेल्थ केयर के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
इस योजना में कुछ उपचार सिर्फ सरकारी हॉस्पिटल को दिए गए है और प्राइवेट हॉस्पिटल को इससे वंचित रखा गया है जो जनमानस के साथ न्यायोचित व्यवहार नहीं है. प्राइवेट हेल्थ केयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि साल 2018 में जो पैकेज रेट था वहीं पैकेज रेट आयुष्मान भारत महात्मा गांधी बीमा योजना दी गई है. उसमें भी एनएबीएच के नाम पर 15% की कटौती कर दी गई है जो कि अव्यवहारिक है.
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उन्होंने बताया कि पूर्व की बीमा योजना के बकाया का भुगतान भी निजी अस्पतालों को अब तक नहीं किया गया है. बता दें कि स्वास्थ्य बीमा योजना में एनएफएसए चयनित और बीपीएल परिवारों के सदस्यों को साल भर में साढ़े चार लाख रुपए तक का प्राइवेट अस्पतालों में उपचार करवाने की सुविधा है इसमें सुपर स्पेशलिटी श्रेणी का उपचार और जांच शामिल है लेकिन अब प्राइवेट अस्पतालों में इन्हें निशुल्क उपचार की सुविधा नहीं मिल सकेगी.