चूरू. कोरोना महामारी की मार झेल रहे लोगों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने हर वर्ग को प्रभावित किया है. चाहे वो निजी सेक्टर हो या सरकारी. वहीं, अब निजी बस संचालकों ने भी अपना दर्द बयां करते हुए राज्य सरकार से आर्थिक पैकेज की घोषणा करने की मांग की है.
राज्य सरकार (Government of Rajasthan) से गुहार लगाते हुए प्राइवेट बस संचालकों ने कहा कि पिछले 15 महीने से कोरोना महामारी के कारण बसों का संचालन प्रभावित हुआ है. यात्री भार के अभाव में गत एक वर्ष से निजी बसें खड़ी हैं. साथ ही जिन बसों का संचालन हो रहा है, वह भी घाटे में चल रही है. क्योंकि मार्गों पर यात्री नहीं मिल रहे हैं.
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बस संचालकों ने कहा कि पेट्रोल, डीजल के भाव आसमान छू रहे हैं. इसके अलावा कोरोना कॉल में शादी, बारात, धार्मिक यात्रा, पिकनिक पार्टी, पर्यटन, स्कूल, कॉलेज, फैक्ट्री में कार्य के लिए आने जाने वाले यात्रियों का भी भारी अभाव रहा. इसके बावजूद परिवहन विभाग का टैक्स निजी बस संचालकों ने समय पर जमा करवाया.
इंश्योरेंस का रुपया भी बर्बाद हुआ है. बैंक के लोन की किस्त बस मालिकों पर टैक्स, फाइनेंस, टायर और मोटर मेंटेनेंस के खर्च का कर्ज भी अब बस मालिकों पर चढ़ गया है. वहीं, निजी बस संचालकों ने टैक्स, इंश्योरेंस में राहत देते हुए कम से कम एक वर्ष का टैक्स माफ किए जाने की राज्य सरकार से मांग की है.
बगवास कृषि मंडी में गेहूं की खरीद पर दो दिनों से रोक
प्रतापगढ़ की बगवास कृषि मंडी में FCI की ओर से चल रही समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद पर पिछले 2 दिन से रोक लग गई है. खरीद केंद्र पर बारदान नहीं होने के चलते किसानों को अपनी उपज बेचे बिना ही लौटना पड़ रहा है.