चूरू. जिला मुख्यालय के मातृ एवं शिशु अस्पताल से चार दिन का नवजात चोरी हो गया था, जिसे 5 थानों की पुलिस ने 13 घंटे की मशक्कत के बाद ढूंढ निकाला और उसकी मां से मिलवाया. नवजात को खोज लेने की खुशी पुलिसकर्मियों ने एक दूसरे का मुंह मीठा करवा कर जाहिर किया.
मामले की गंभीरता को देखते हुए चूरू पुलिस नवजात चोरी होने की सूचना मिलते ही अलर्ट मोड पर आ गयी और शहर में नाकाबंदी करवा दी. साथ ही और चार थानों की पुलिस और जुल्लु टीम (महिला पेट्रोलिंग टीम) चोरी की वारदात के बाद से शहर में सक्रिय हो गई. सीओ सिटी राहुल यादव की अगुवाई में पुलिस की इन टीमों ने परिजनों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले की जांच शुरू की.
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पुलिस ने फुटेज में दिख रही अज्ञात महिला की तलाश शुरू की. जिसके बाद पुलिस को अपने खुफिया तंत्र से सूचना मिली कि फुटेज में दिख रही महिला आशा सहयोगिनी है, जिसका अक्सर अस्पतालों में आना जाना लगा रहता है. जिस पर पुलिस ने महिला का पता लगा उससे कड़ाई से पूछताछ की तो महिला ने बच्चा चोरी की वारदात को स्वीकार किया. पुलिस को नवजात बच्चा महिला के पड़ोसी राजकुमार अग्रवाल के घर से मिला.
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प्रारंभिक तौर पर पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है. यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि महिला ने यह बच्चा किसके कहने पर और किसके लिए चुराया था. नवजात को 13 घंटे बाद ही ढूंढने के बाद चूरू एसपी पारिस देखमुख ने एसपी ऑफिस में प्रेस वार्ता कर पूरे मामले का खुलासा किया.