चूरू. पूरा देश इन दिनों कोविड-19 की दहशत में जी रहा है. सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोषणा के बाद से किराना और अति आवश्यक सेवाओं की जगह भीड़ के साथ ही अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.
ऐसे में जिले के सबसे बड़े राजकीय भर्तिया अस्पताल में वैसे तो कोरोना संदिग्धों के लिए अलग से ओपीडी बनाई गई है, लेकिन रात के समय में कोरोना संदिग्धों के लिए यहां कोई अलग से व्यवस्था ना होने से यह कोरोना सन्दिग्ध अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में आने को मजबूर हैं. ऐसे में आपातकालीन वार्ड में और अन्य आने वाले मरीजों में भी सक्रंमण का खतरा बढ़ गया है.
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आमजन में खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस आपातकालीन वार्ड में मरीजों की संख्या महज 30 से 40 रहती थी, वहां यह संख्या बढ़कर अब 100 के पार हो चली गई है. लॉकडाउन के बाद से आपातकालीन वार्ड में अब तक करीब एक हजार से अधिक कोरोना संदिग्ध आ चुके हैं, जबकि अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से भी रात के समय आने वाले इन कोरोना संदिग्धों के लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई.
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आपातकालीन वार्ड में महज एक चिकित्सक एक जूनियर चिकित्सक एक नर्सिगकर्मी और एक वार्ड ब्वॉय भरोसे आपातकालीन वार्ड की व्यस्वथा रहती है. ऐसे में अगर कोई अस्पताल में गंभीर मरीज या अन्य कोई मरीज आ जाए तो वह कोरोना संदिग्ध के संक्रमण में भी आ सकता है.
आपातकालीन वार्ड में बढ़े कोरोना संदिग्धों के भार से ना सिर्फ आपातकालीन वार्ड की व्यवस्था बिगड़ी है, बल्कि संक्रमण का खतरा भी बढ़ा है. ऐसे में मामले की गंभीरता और समय की नजाकत को भांपते हुए अस्पताल में ओपीडी के अलावा कोरोना संदिग्धों की जांच के लिए अलग से इंतजामात अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन को यहां करने चाहिए.