चूरू. चूरू की विशिष्ट न्यायालय एससी/ एसटी सेल की न्यायधीश मधु हिसारिया ने साल 2012 के हत्या के एक मामले में फैसला सुनाते हुए दो अभियुक्तों को हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है.
विशिष्ट लोक अभियोजक अजीत सिंह राठौड़ ने बताया कि 1जुलाई 2012 में मृतक के पुत्र बाबूलाल ने राजगढ़ थाने में मामला दर्ज करवाया था की उसके पिता ओमप्रकाश मेघवाल चरवाहे थे. 30 जून को वह दोपहर को घर नहीं आए. तलाश के लिए निकला तो रास्ते में गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि उसके पिता ओम प्रकाश उर्फ प्रकाश वह लीलू राम के साथ खेत में शराब पी रहे हैं.
इस पर जब वह खेत गया तो वहां कोई नहीं मिला. मौके पर पद चिन्हों को देखते हुए मृतक का पुत्र बाबूलाल कुंड के पास पहुंचा तो वहां उसके पिता की चप्पल कुंड के बाहर पड़ी थी. बाबूलाल कुंड के अंदर उसके पिता का शव कुंड में पड़ा मिला. सूचना पर ग्रामीण और पुलिस मौके पर पहुंची. इस संबंध में राजगढ़ थाने में पीड़ित ने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ धारदार हथियार से अपने पिता की हत्या कर शव को कुंड में फैकने का मामला दर्ज करवाया था.
पुलिस ने जांच के बाद संबंधित न्यायालय में चालान पेश किया जहां न्यायाधीश मधु हिसारिया ने तमाम गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर ओम प्रकाश उर्फ प्रकाश और लीलू राम को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है.