चूरू. देश के चर्चित IPS ADG ACB दिनेश एमएन चूरू पुलिस के फेसबुक पेज के जरिए जिले की जनता से रूबरू हुए. उन्होंने चूरू पुलिस की इस मुहिम के लिए पुलिस कप्तान तेजस्विनी गौतम का आभार व्यक्त किया. साथ ही कहा कि एसपी ने फेसबुक को कोरोना से लड़ने का हथियार बना दिया. इस दौरान दिनेश एमएन ने बड़ी बेबाकी से अपने जेल में बिताए 7 सालों की तुलना कोरोना लॉकडाउन से की. उन्होंने जनता के साथ ऐसे बातें कीं, जैसे लोगों को टिप्स देते समय अपनी जेल डायरी सुना रहे होंं.
आईपीएस अधिकारी ने कहा कि जब वे जेल में थे तो वो भी एक लॉकडाउन ही था. कोरोना लॉकडाउन में तो आप सबका परिवार आपके साथ है. आप परिवार के साथ खाना खा सकते हैं और बातें कर सकते हैं. साथ ही जो मन में आए वह कर सकते हैं. लेकिन बस घर के बाहर आजादी से नहीं घूम सकते. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में सभी को धैर्य और आत्मविश्वास रखने की जरूरत है.
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दिनेश एमएन ने कहा कि सबसे पहले जो समस्या आपके सामने है, उसे कुछ हिस्सों में बांट लेना चाहिए. फिर अपनी हेल्थ और फिटनेस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. उसके बाद जिस परिस्थिति से आप जूझ रहे हैं, उससे कैसे निपटना है. इस पर मंथन शुरू कर देना चाहिए. मन को शांत रखना चाहिए. यही वह बातें हैं, जो आपको लॉकडाउन के दौरान सफलता दे सकती हैं.
चुनौतियों के सामने हमेशा खड़ी होती है राजस्थान पुलिस
दिनेश एमएन ने कहा कि राजस्थान के खून में ही सेना और पुलिस सेवाएं बसती है. यहां पर चुनौती को पूरा करना हमेशा से ही जोश और जुनून रहा है. राजस्थान पुलिस हमेशा चुनौतियों का सामना करती है और सफलतापूर्वक काम को अंजाम देती है. जैसा कि कोरोना काल में राज्य की जनता अनुभव कर पा रही है.
किताबों को बनाएं अपना साथी
एमएन ने कहा कि कोरोना काल में हम सभी को पढ़ने की आदत डालनी होगी. उन्होंने कहा कि व्यक्ति अगर किताबों को अपना साथी बनाने ले तो एक बात हमेशा सच होती है कि किताब आपकी सबसे अच्छा साथी होती है. उन्होंने कहा कि आप जो पढ़ना चाहते हैं वह पढ़े. यह पढ़ाई कोर्स की किताबों से बिल्कुल अलग होगी और आपको काफी सुकून देगी.
भ्रष्टाचार को रोकने में सहायता करें
एसीबी एडीजी ने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने में जनता का सहयोग आवश्यक है. जनता को कहीं भी किसी भी तरह का भ्रष्टाचार अगर दिखता है तो वह गुप्त रूप से एसीबी में सूचित कर सकते हैं या फिर एसीबी के दफ्तर आकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि शिकायतकर्ता का नाम हमेशा गुप्त ही रखा जाएगा. किसी भी तरीके से उनका नाम अखबार या सामाजिक तौर पर बाहर नहीं आएगा. उस व्यक्ति की सुरक्षा और गोपनीयता की जिम्मेदारी विभाग की होगी. भ्रष्टाचार को उजागर करने में संकोच न करें और एसीबी के साथ हाथ मिलाएं.