चूरू. कौमी एकता के गीत के शायर आलमी शोहरत अल्लामा इकबाल के जन्मदिन को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय उर्दू डे के रूप में मनाया जाता है. कार्यक्रम के आयोजक राजस्थान उर्दू लेक्चरर संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर शमशाद अली ने बताया कि उर्दू खालिस हिंदुस्तान जुबान है. यही ये पली-बढ़ी और परवान चढ़ी हिंदुस्तान की जंग ए आजादी में भी उर्दू का बहुत अहम किरदार रहा. उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय उर्दू डे हमें भाईचारा मोहब्बत आपसी सद्भाव और एकता का पैगाम देता है.
राजकीय बागला उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय उर्दू डे के इस कार्यक्रम में उर्दू साहित्य में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. उर्दू लेक्चरर संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर शमशाद अली ने कहा कि अल्लामा इकबाल के यौमे पैदाइश को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय उर्दू डे के रूप में मनाती है.
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उन्होंने कहा अल्लामा इकबाल देशभक्ति के बहुत बड़े शायर थे. ब्रिटिश भारत के अंदर जब वह लंदन गए थे तो उस वक्त उन्हें मुल्क की बहुत याद आई थी. उन्होंने उस वक्त कहा गुरबत में हो अगर हम, रहता है दिल वतन में, समझो हमें भी वही, दिल हो जहां हमारा. उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीय उर्दू डे हमें भाईचारा मोहब्बत का पैगाम देता है.