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चूरू के सरकारी स्कूलों में एक दिन के लिए बेटियां बनी प्रिंसिपल - बालिका दिवस न्यूज

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर शुक्रवार को शिक्षा विभाग ने एक अनूठी पहल की. जिसके तहत विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को एक दिन का प्रिंसिपल बनाया गया. छात्राओं ने इस दौरान अटेंडेंस लेकर क्लास में पढ़ाई, खेलकूद सहित तमाम गतिविधियों का संचालन किया.

Girl's Day News, चूरू न्यूज
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Published : Oct 11, 2019, 8:46 PM IST

चूरू. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर शुक्रवार को शिक्षा विभाग ने छात्राओं को एक दिन के लिए प्रिंसिपल बनाने की अनूठी पहल की. जिसमें जिले भर के स्कूलों में छात्राओं को एक दिन के लिए प्रिंसिपल बनाया गया. इन छात्राओं ने अटेंडेंस लेकर क्लास में पढ़ाई, खेलकूद सहित तमाम गतिविधियों का संचालन किया.

पढ़ें- जोधपुर : शहर की दीवार पर उकेरे जाएंगे जोधपुर के खास रंग...13 हजार वर्गफीट की दीवार चित्रकारी से देगी जागरूकता संदेश

इस मौके पर स्कूली छात्राओं ने नाटक और कविताओं की प्रस्तुतियां दीं. जिले के कुछ स्कूलों में चित्रकला और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं. इस पर शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को अभिव्यक्ति और नेतृत्व करने का अवसर देना था. जिससे बालिकाओं में आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व क्षमता बढ़े.

इस मौके पर राजकीय गोयनका उच्च माध्यमिक विद्यालय में बालिका शक्ति अलिखित: अविरल थीम पर हुए इस आयोजन में प्रमुख रूप से तीन गतिविधियां आयोजित की गई. 'एक दिन बालिका के नाम' से पहली गतिविधि में विद्यालय की छात्रा को प्रिंसिपल बनाया गया. दूसरी गतिविधि में बालिकाओं को अभिव्यक्ति का अवसर दिया गया. वहीं तीसरी गतिविधि के तहत बालिकाओं से संकल्प पत्र के जरिए स्कूल शिक्षा जारी रखने और आत्मनिर्भर बनने के साथ ही अपने सपनों को पूरा करने की शपथ दिलाई गई.

चूरू के सरकारी स्कूलों में एक दिन के लिए बेटियां बनी प्रिंसिपल

वहीं एक दिन विद्यालय की प्रिंसिपल बनी छात्रा कोमल जांगिड़ ने कहा कि प्रिंसिपल का काम बेहद हार्ड होता है, ऐसा उसने अनुभव किया. प्रार्थना सभा के साथ ही अटेंडेंस से लेकर कक्षा में पढ़ाने का काम किया. छात्रा ने यह भी बताया कि उसे बेहद खुशी हो रही है. उसने स्कूल में आयोजित विज्ञान मेले का भी अवलोकन किया.

चूरू. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर शुक्रवार को शिक्षा विभाग ने छात्राओं को एक दिन के लिए प्रिंसिपल बनाने की अनूठी पहल की. जिसमें जिले भर के स्कूलों में छात्राओं को एक दिन के लिए प्रिंसिपल बनाया गया. इन छात्राओं ने अटेंडेंस लेकर क्लास में पढ़ाई, खेलकूद सहित तमाम गतिविधियों का संचालन किया.

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इस मौके पर स्कूली छात्राओं ने नाटक और कविताओं की प्रस्तुतियां दीं. जिले के कुछ स्कूलों में चित्रकला और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं. इस पर शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को अभिव्यक्ति और नेतृत्व करने का अवसर देना था. जिससे बालिकाओं में आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व क्षमता बढ़े.

इस मौके पर राजकीय गोयनका उच्च माध्यमिक विद्यालय में बालिका शक्ति अलिखित: अविरल थीम पर हुए इस आयोजन में प्रमुख रूप से तीन गतिविधियां आयोजित की गई. 'एक दिन बालिका के नाम' से पहली गतिविधि में विद्यालय की छात्रा को प्रिंसिपल बनाया गया. दूसरी गतिविधि में बालिकाओं को अभिव्यक्ति का अवसर दिया गया. वहीं तीसरी गतिविधि के तहत बालिकाओं से संकल्प पत्र के जरिए स्कूल शिक्षा जारी रखने और आत्मनिर्भर बनने के साथ ही अपने सपनों को पूरा करने की शपथ दिलाई गई.

चूरू के सरकारी स्कूलों में एक दिन के लिए बेटियां बनी प्रिंसिपल

वहीं एक दिन विद्यालय की प्रिंसिपल बनी छात्रा कोमल जांगिड़ ने कहा कि प्रिंसिपल का काम बेहद हार्ड होता है, ऐसा उसने अनुभव किया. प्रार्थना सभा के साथ ही अटेंडेंस से लेकर कक्षा में पढ़ाने का काम किया. छात्रा ने यह भी बताया कि उसे बेहद खुशी हो रही है. उसने स्कूल में आयोजित विज्ञान मेले का भी अवलोकन किया.

Intro:चूरू। जिले के सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर एक दिन के लिए स्कूल को वहां पढ़ने वाली बालिकाओं ने ही चलाया। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर शिक्षा विभाग की ओर से की गई इस पहल के तहत एक दिन के लिए स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएं ही प्रिंसिपल बनी। इन छात्राओं ने अटेंडेंस लेकर क्लास में पढ़ाई और खेलकूद सहित तमाम गतिविधियों का संचालन किया।
यह कार्यक्रम जिले के सभी सरकारी स्कूलों में आयोजित किया गया। एक दिन के लिए संस्था प्रधान बनने वाली छात्रा का चयन पढ़ाई के दौरान सहपाठियों की मदद करने के साथ ही गैर शैक्षणिक गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने के आधार पर किया गया।


Body:यह गतिविधियां की गई आयोजित
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर बालिका शक्ति अलिखित: अविरल थीम पर हुए इस आयोजन में स्कूलों में प्रमुख रूप से तीन गतिविधियां आयोजित की गई। पहली एक दिन बालिका के नाम, दूसरी बालिकाओं को अभिव्यक्ति का अवसर दिया गया वही तीसरी गतिविधि के तहत बालिकाओं से संकल्प पत्र के जरिए स्कूल शिक्षा जारी रखने और आत्मनिर्भर बनने के साथ ही अपने सपनों को पूरा करने की शपथ दिलाई गई।
इस मौके पर स्कूली छात्राओं की ओर से नाटक व कविता प्रस्तुत की गई। वहीं चित्रकला निबंध एवं कार्यशाला भी आयोजित की गई।



Conclusion:बाइट: कासम अली, प्रिंसिपल, राजकीय गोयनका उच्च माध्यमिक विद्यालय चूरू।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर सरकारी स्कूल में बालिकाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनाया गया। इस मौके पर बालिकाओं को अभिव्यक्ति और नेतृत्व करने का अवसर शिक्षा विभाग की ओर से प्रदान किया गया।
इसके तहत सरकारी स्कूलों में एक दिन के लिए उसी स्कूल में पढ़ने वाली बेटी ने संस्था प्रधान बनकर स्कूल में अटेंडेंस से लेकर क्लास रूम में पढ़ाने के साथ ही खेलकूद की गतिविधियों के साथ ही तमाम तरह की गतिविधियों का संचालन किया। इससे बेटीयों में आत्मविश्वास बढ़ने के साथ ही उनकी नेतृत्व क्षमता भी बढ़ी है।
बाइट: कोमल जांगिड़, छात्रा, राजकीय गोयनका उच्च माध्यमिक विद्यालय चूरू
छात्रा कोमल जांगिड़ का कहना है कि आज अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर उसे एक दिन के लिए स्कूल का प्रिंसिपल बनाया गया। मैंने इस दौरान देखा कि प्रिंसिपल का काम बेहद हार्ड होता है। मैंने प्रार्थना सभा के साथ ही अटेंडेंस से लेकर कक्षा में पढ़ाने का काम किया। मुझे बेहद खुशी हो रही है। मैंने आज स्कूल में आयोजित विज्ञान मेले का भी अवलोकन किया।
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