चूरू. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर शुक्रवार को शिक्षा विभाग ने छात्राओं को एक दिन के लिए प्रिंसिपल बनाने की अनूठी पहल की. जिसमें जिले भर के स्कूलों में छात्राओं को एक दिन के लिए प्रिंसिपल बनाया गया. इन छात्राओं ने अटेंडेंस लेकर क्लास में पढ़ाई, खेलकूद सहित तमाम गतिविधियों का संचालन किया.
इस मौके पर स्कूली छात्राओं ने नाटक और कविताओं की प्रस्तुतियां दीं. जिले के कुछ स्कूलों में चित्रकला और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं. इस पर शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को अभिव्यक्ति और नेतृत्व करने का अवसर देना था. जिससे बालिकाओं में आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व क्षमता बढ़े.
इस मौके पर राजकीय गोयनका उच्च माध्यमिक विद्यालय में बालिका शक्ति अलिखित: अविरल थीम पर हुए इस आयोजन में प्रमुख रूप से तीन गतिविधियां आयोजित की गई. 'एक दिन बालिका के नाम' से पहली गतिविधि में विद्यालय की छात्रा को प्रिंसिपल बनाया गया. दूसरी गतिविधि में बालिकाओं को अभिव्यक्ति का अवसर दिया गया. वहीं तीसरी गतिविधि के तहत बालिकाओं से संकल्प पत्र के जरिए स्कूल शिक्षा जारी रखने और आत्मनिर्भर बनने के साथ ही अपने सपनों को पूरा करने की शपथ दिलाई गई.
वहीं एक दिन विद्यालय की प्रिंसिपल बनी छात्रा कोमल जांगिड़ ने कहा कि प्रिंसिपल का काम बेहद हार्ड होता है, ऐसा उसने अनुभव किया. प्रार्थना सभा के साथ ही अटेंडेंस से लेकर कक्षा में पढ़ाने का काम किया. छात्रा ने यह भी बताया कि उसे बेहद खुशी हो रही है. उसने स्कूल में आयोजित विज्ञान मेले का भी अवलोकन किया.