ETV Bharat / state

स्पेशल रिपोर्ट: गाय के प्रति प्रेम ही बना इस मुस्लिम शख्स की पहचान, सरकारी नौकरी छोड़ सुना रहा गौकथा - mohommad faiz khan

चूरू के गांधी विद्या मंदिर में इन दिनों हो रही गौ कथा चर्चा का विषय बनी हुई है. जिसकी वजह है कथावाचक. बता दें कि कथा सुनाने वाला शख्स मुस्लिम है. लेकिन उसका लिबास साधु संतों जैसा है. भगवा परिधान में गौ कथा करते हुए फैज खान को देखने के लिए हजारों की तादाद में श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही हैं.

gaukatha Spokesman Faiz Khan, गौकथा वाचक मो. फैज खान, etv bharat special report
author img

By

Published : Oct 23, 2019, 1:04 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 3:17 PM IST

चूरू. जहां आज हमारे देश मे कुछ तथाकथित धर्म के ठेकेदार गाय को अपनी राजनीति का का केंद्र बनाए हैं, वहीं एक मुस्लिम ऐसा भी जिसने अपने गौ प्रेम के लिए अपनी सरकारी प्रोफेसर की नौकरी भी कुर्बान कर दी. और अब सरकारी नौकरी छोड़कर गौ कथा सुना रहे हैं.

आमतौर पर यह देखा जाता है कि जब भी गौ हत्या और बीफ का मुद्दा उठता है, तथाकथित धर्म के ठेकेदार मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराने लगते है और गौकशी करने का आरोप लगाते है. लेकिन देश में ऐसे कई उदाहरण है जो मुस्लिम होते हुए भी, उनकी पहचान एक गौभक्त के रुप में बनी हुई है. ऐसा ही एक नाम आता है मोहम्मद फैज खान का. जो गौरक्षा का झंडा बुलंद करके गाय को कानूनी संरक्षण की मांग करते हैं.

चूरू में गौकथा वाचन करता एक मुस्लिम

पढ़ें: कमलेश तिवारी हत्याकांडः हत्यारोपी अशफाक और मोइनुद्दीन गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार

एक उपन्यास पढ़कर बने गौसेवक

मो. फैज खान आज एक राष्ट्रीय कथावाचक है जो गौहत्या पर रोक की मांग करते है. और देश में गाय के प्रति प्रेम के लिए एक अलख जगाए हुए है. एक उपन्यास पढ़ कर गाय के लिए प्रेम की अलख जगाने वाले मोहम्मद फैज खान सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी छोड़ गौ कथा वाचक बने हैं. आज वे देश के तमाम इलाकों में गौ की महत्ता पर प्रवचन कर रहे हैं. अब उनकी पहचान राष्ट्रीय स्तर के गौ कथा वाचकों में हो गई है.

भारतीय गौक्रांति मंच के भी सदस्य

चूरू के गांधी विद्या मंदिर के राम मंच में मो. फैज खान गौ कथा सुना रहे हैं. गौ कथा वाचक का नाम मुस्लिम समुदाय से जुड़ा होने के कारण लोग कथा सुनने के लिए हजारों की तादाद में पहुंच रहे हैं. मो. फैज भारतीय गौ क्रांति मंच के भी सदस्य हैं, जो पिछले तीन साल से गौ कथा वाचन कर रहे हैं.

मो. फैज खान की जन्म कुंडली

  • वे मूल रुप से छत्तीसगढ़ के निवासी हैं.
  • राजनीति विज्ञान में डबल एमए डिग्रीधारी हैं.
  • सरकारी कॉलेज में वे प्रोफेसर रह चुके हैं.
  • गौरक्षा के लिए प्रोफेसर की नौकरी छोड़ चुके हैं.
  • उनके माता-पिता भी शिक्षक हैं.
  • गौरक्षा, इंसानियत एवं भाईचारे का संदेश लेकर 12 हजार किमी की पद यात्रा कर चुके हैं.
  • गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दिल्ली में अनशन भी कर चुके हैं.

नमाज के साथ करते है दिन की शुरुआत

गौ कथा आयोजक कनकमल दुगड बताते है कि गौ हत्या रोकने के अभियान को धर्म और संप्रदाय से जोड़कर देखने वालों के लिए रायपुर के मोहम्मद फैज खान मिसाल पेश कर रहे हैं. नमाज के साथ दिन की शुरुआत करने वाले मोहम्मद फैज रोजाना दोपहर में हिंदुओं को गौ कथा सुना रहे हैं और समाज के लोगों को गौ हत्या के दुष्परिणाम समझा रहे हैं.

पढ़ें: Exclusive : राजस्थान के इन कर्मवीरों ने अमिताभ बच्चन के इस प्रस्ताव को ठुकराया, जल्द नजर आएंगे KBC की हॉट सीट पर

कथा के दौरान उन्होंने कहा कि गाय बचेगी तभी इंसानियत और संस्कृति बचेगी. गाय की सेवा से देश मजबूत होगा और इंसानियत को बल मिलेगा. मोहम्मद फैज ने उपस्थित लोगों को गौरक्षा का संकल्प दिलाया.

चूरू. जहां आज हमारे देश मे कुछ तथाकथित धर्म के ठेकेदार गाय को अपनी राजनीति का का केंद्र बनाए हैं, वहीं एक मुस्लिम ऐसा भी जिसने अपने गौ प्रेम के लिए अपनी सरकारी प्रोफेसर की नौकरी भी कुर्बान कर दी. और अब सरकारी नौकरी छोड़कर गौ कथा सुना रहे हैं.

आमतौर पर यह देखा जाता है कि जब भी गौ हत्या और बीफ का मुद्दा उठता है, तथाकथित धर्म के ठेकेदार मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराने लगते है और गौकशी करने का आरोप लगाते है. लेकिन देश में ऐसे कई उदाहरण है जो मुस्लिम होते हुए भी, उनकी पहचान एक गौभक्त के रुप में बनी हुई है. ऐसा ही एक नाम आता है मोहम्मद फैज खान का. जो गौरक्षा का झंडा बुलंद करके गाय को कानूनी संरक्षण की मांग करते हैं.

चूरू में गौकथा वाचन करता एक मुस्लिम

पढ़ें: कमलेश तिवारी हत्याकांडः हत्यारोपी अशफाक और मोइनुद्दीन गुजरात-राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार

एक उपन्यास पढ़कर बने गौसेवक

मो. फैज खान आज एक राष्ट्रीय कथावाचक है जो गौहत्या पर रोक की मांग करते है. और देश में गाय के प्रति प्रेम के लिए एक अलख जगाए हुए है. एक उपन्यास पढ़ कर गाय के लिए प्रेम की अलख जगाने वाले मोहम्मद फैज खान सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी छोड़ गौ कथा वाचक बने हैं. आज वे देश के तमाम इलाकों में गौ की महत्ता पर प्रवचन कर रहे हैं. अब उनकी पहचान राष्ट्रीय स्तर के गौ कथा वाचकों में हो गई है.

भारतीय गौक्रांति मंच के भी सदस्य

चूरू के गांधी विद्या मंदिर के राम मंच में मो. फैज खान गौ कथा सुना रहे हैं. गौ कथा वाचक का नाम मुस्लिम समुदाय से जुड़ा होने के कारण लोग कथा सुनने के लिए हजारों की तादाद में पहुंच रहे हैं. मो. फैज भारतीय गौ क्रांति मंच के भी सदस्य हैं, जो पिछले तीन साल से गौ कथा वाचन कर रहे हैं.

मो. फैज खान की जन्म कुंडली

  • वे मूल रुप से छत्तीसगढ़ के निवासी हैं.
  • राजनीति विज्ञान में डबल एमए डिग्रीधारी हैं.
  • सरकारी कॉलेज में वे प्रोफेसर रह चुके हैं.
  • गौरक्षा के लिए प्रोफेसर की नौकरी छोड़ चुके हैं.
  • उनके माता-पिता भी शिक्षक हैं.
  • गौरक्षा, इंसानियत एवं भाईचारे का संदेश लेकर 12 हजार किमी की पद यात्रा कर चुके हैं.
  • गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दिल्ली में अनशन भी कर चुके हैं.

नमाज के साथ करते है दिन की शुरुआत

गौ कथा आयोजक कनकमल दुगड बताते है कि गौ हत्या रोकने के अभियान को धर्म और संप्रदाय से जोड़कर देखने वालों के लिए रायपुर के मोहम्मद फैज खान मिसाल पेश कर रहे हैं. नमाज के साथ दिन की शुरुआत करने वाले मोहम्मद फैज रोजाना दोपहर में हिंदुओं को गौ कथा सुना रहे हैं और समाज के लोगों को गौ हत्या के दुष्परिणाम समझा रहे हैं.

पढ़ें: Exclusive : राजस्थान के इन कर्मवीरों ने अमिताभ बच्चन के इस प्रस्ताव को ठुकराया, जल्द नजर आएंगे KBC की हॉट सीट पर

कथा के दौरान उन्होंने कहा कि गाय बचेगी तभी इंसानियत और संस्कृति बचेगी. गाय की सेवा से देश मजबूत होगा और इंसानियत को बल मिलेगा. मोहम्मद फैज ने उपस्थित लोगों को गौरक्षा का संकल्प दिलाया.

Intro:चूरू_जहां आज हमारे देश मे कुछ तथाकथित धर्म के ठेकेदार गाय को अपनी राजनीति का का केंद्र बनाए हैं वही एक मुस्लिम ऐसा भी जिसने अपने गौ प्रेम के लिए अपनी सरकारी प्रोफसर की नोकरी भी कुर्बान कर दी अब सरकारी नौकरी छोड़कर गौ कथा सुना रहे है, मोहम्मद फैज खान।


Body:एक उपन्यास पढ़ कर गोधन से ऐसी प्रेम की अलख जगी कि मोहम्मद फैज खान सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी छोड़ गौ कथा वाचक बन गए। आज वह देश के तमाम इलाकों में गौ की महत्ता पर प्रवचन कर रहे हैं। अब उनकी पहचान राष्ट्रीय स्तर के गौ कथा वाचकों में हो गई है। गांधी विद्या मंदिर के राम मंच में गौ कथा सुना रहे हैं। गौ कथा वाचक का नाम मुस्लिम समुदाय से जुड़ा होने के कारण लोग कथा सुनने के लिए हजारों की तादाद में पहुंच रहे हैं। मो फैज भारतीय गौ क्रांति मंच के भी सदस्य हैं, जो पिछले तीन साल से गौ कथा वाचन कर रहे हैं। वह मूल रूप से छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। गौ कथा आयोजक कनकमल दुगड बताते हैं कि गौ हत्या रोकने के अभियान को धर्म और संप्रदाय से जोड़कर देखने वालों के लिए रायपुर के मोहम्मद फैज खान मिसाल पेश कर रहे हैं। नमाज के साथ दिन की शुरुआत करने वाले मोहम्म्द फैज रोजाना दोपहर में हिंदुओं को गौ कथा सुना रहे हैं और समाज के लोगों को गौ हत्या के दुष्परिणाम समझा रहे हैं।Conclusion:उन्होंने कहा कि गाय बचेगी तभी इंसानियत और संस्कृति बचेगी। कहा कि गाय की सेवा से देश मजबूत होगा और इंसानियत को बल मिलेगा। उन्होंने गोरक्षा, इंसानियत एवं भाईचारे का संदेश लेकर 12 हजार किमी की पद यात्रा कर चुके मोहम्मद फैज ने उपस्थित लोगों को गोरक्षा का संकल्प दिलाया। इनके माता पिता भी शिक्षक हैं। फैज ने खुद राजनीति विज्ञान से डबल एमए किया है। । वह गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दिल्ली में अनशन भी कर चुके हैं। 


बाईट_मोहम्मद फेज खान,गौकथा वाचक

Last Updated : Oct 23, 2019, 3:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.