चूरू. जहां आज हमारे देश मे कुछ तथाकथित धर्म के ठेकेदार गाय को अपनी राजनीति का का केंद्र बनाए हैं, वहीं एक मुस्लिम ऐसा भी जिसने अपने गौ प्रेम के लिए अपनी सरकारी प्रोफेसर की नौकरी भी कुर्बान कर दी. और अब सरकारी नौकरी छोड़कर गौ कथा सुना रहे हैं.
आमतौर पर यह देखा जाता है कि जब भी गौ हत्या और बीफ का मुद्दा उठता है, तथाकथित धर्म के ठेकेदार मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराने लगते है और गौकशी करने का आरोप लगाते है. लेकिन देश में ऐसे कई उदाहरण है जो मुस्लिम होते हुए भी, उनकी पहचान एक गौभक्त के रुप में बनी हुई है. ऐसा ही एक नाम आता है मोहम्मद फैज खान का. जो गौरक्षा का झंडा बुलंद करके गाय को कानूनी संरक्षण की मांग करते हैं.
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एक उपन्यास पढ़कर बने गौसेवक
मो. फैज खान आज एक राष्ट्रीय कथावाचक है जो गौहत्या पर रोक की मांग करते है. और देश में गाय के प्रति प्रेम के लिए एक अलख जगाए हुए है. एक उपन्यास पढ़ कर गाय के लिए प्रेम की अलख जगाने वाले मोहम्मद फैज खान सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी छोड़ गौ कथा वाचक बने हैं. आज वे देश के तमाम इलाकों में गौ की महत्ता पर प्रवचन कर रहे हैं. अब उनकी पहचान राष्ट्रीय स्तर के गौ कथा वाचकों में हो गई है.
भारतीय गौक्रांति मंच के भी सदस्य
चूरू के गांधी विद्या मंदिर के राम मंच में मो. फैज खान गौ कथा सुना रहे हैं. गौ कथा वाचक का नाम मुस्लिम समुदाय से जुड़ा होने के कारण लोग कथा सुनने के लिए हजारों की तादाद में पहुंच रहे हैं. मो. फैज भारतीय गौ क्रांति मंच के भी सदस्य हैं, जो पिछले तीन साल से गौ कथा वाचन कर रहे हैं.
मो. फैज खान की जन्म कुंडली
- वे मूल रुप से छत्तीसगढ़ के निवासी हैं.
- राजनीति विज्ञान में डबल एमए डिग्रीधारी हैं.
- सरकारी कॉलेज में वे प्रोफेसर रह चुके हैं.
- गौरक्षा के लिए प्रोफेसर की नौकरी छोड़ चुके हैं.
- उनके माता-पिता भी शिक्षक हैं.
- गौरक्षा, इंसानियत एवं भाईचारे का संदेश लेकर 12 हजार किमी की पद यात्रा कर चुके हैं.
- गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने को लेकर दिल्ली में अनशन भी कर चुके हैं.
नमाज के साथ करते है दिन की शुरुआत
गौ कथा आयोजक कनकमल दुगड बताते है कि गौ हत्या रोकने के अभियान को धर्म और संप्रदाय से जोड़कर देखने वालों के लिए रायपुर के मोहम्मद फैज खान मिसाल पेश कर रहे हैं. नमाज के साथ दिन की शुरुआत करने वाले मोहम्मद फैज रोजाना दोपहर में हिंदुओं को गौ कथा सुना रहे हैं और समाज के लोगों को गौ हत्या के दुष्परिणाम समझा रहे हैं.
कथा के दौरान उन्होंने कहा कि गाय बचेगी तभी इंसानियत और संस्कृति बचेगी. गाय की सेवा से देश मजबूत होगा और इंसानियत को बल मिलेगा. मोहम्मद फैज ने उपस्थित लोगों को गौरक्षा का संकल्प दिलाया.