चूरू. जिला एवं सेशन न्यायाधीश एससी-एसटी बलजीत सिंह ने आर्म्स एक्ट के एक मामले में पिता पुत्र को दोषी मानते हुए पिता पुत्र को तीन तीन साल के साधारण कारावास सहित अर्थ दंड से दंडित किया है. दर्ज मामले में शेष आरोपियों को न्यायालय ने बरी कर दिया है. साल 2014 के इस मामले में खेरु बड़ी के बलवान मेघवाल ने राजगढ़ पुलिस थाने में फारिंग का मामला दर्ज करवाया था.
दर्ज मामले में बताया गया था कि वह स्वयं सहित मातूराम, ललित, संदीप आदि पिकअप गाड़ी में सवार होकर जा रहे थे. इस बीच रास्ते में जीप में सवार सतवीर पिस्तौल लेकर बैठा हुआ था और उसके पास में ही प्रदीप दुनाली लेकर खड़ा हुआ था. वही रिंकू पुत्र सतवीर भी बंदूक लेकर खड़ा हुआ था. साथ ही मौके पर अन्य लोग भी मौजूद थे. पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें देखते ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें मातूराम, बलवान, ललित, संदीप गोली लगने से घायल हो गए.
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घायलों को राजकीय अस्पताल उपचार के लिए लाया गया, जहां पर उपचार के दौरान मातूराम की मौत हो गई. मामला दर्ज होने पर पुलिस ने अनुसंधान के बाद संबंधित न्यायालय में चालान पेश किया और सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने अभियुक्त सतवीर उर्फ फौजी और उसके पुत्र राकेश उर्फ रिंकू को आर्म्स एक्ट में दोषी मानते हुए तीन-तीन साल के साधारण कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है. दर्ज मामले में पीड़ित ने आरोपियों पर धमकी देने का आरोप लगाया था.