चूरू. देश के दक्षिण राज्यों में सी-फूड्स झींगा मछली का उत्पादन तो बड़ी संख्या में वहां के किसान कर रहे हैं. लेकिन रेतीले धोरों की धरती चूरू में भी किसानों ने बगैर किसी सरकारी सहायता और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद झींगा मछली पालन को मुमकिन कर दिखाया है.
हम बात कर रहे हैं चूरू जिले की राजगढ़ तहसील के श्योपुरा गांव की. यहां के करीब 60 किसानों ने पिछले सीजन में ही करीब 350 टन झींगा मछ्ली का उत्पादन कर सप्लाई की है. खास बात यह है कि यहां की झींगा मछली सऊदी अरब, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में निर्यात की जा रही है. बेहतरीन क्वालिटी के कारण इन देशों में झींगा मछली को काफी पसंद भी किया जा रहा है.
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सरकार करे मदद तो बढ़ सकता है उत्पादन...
झींगा का उत्पादन कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार उनकी मदद करे तो उत्पादन बढ़ सकता है. किसानों का कहना है कि ज्यादातर किसानों के पास बिजली कनेक्शन नहीं है. जिनके पास कनेक्शन है उन्हें कॉमर्शियल कनेक्शन दे रखे हैं. ऐसे में ज्यादातर किसान डीजल जनरेटर से ऐरियटर चला रहे है, जो कि उनके लिए महंगा साबित हो रहा है.
हरियाणा में है सब्सिडी...
किसानों का कहना है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में झींगा मछली उत्पादन के लिए किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है. सरकार यहां भी बिजली और सब्सिडी दे तो इलाके के किसानों को काफी फायदा हो सकता है. हालांकि, किसान इस को लेकर जिले के प्रभारी सचिव नीरज के पवन से मुलाकात भी कर चुके हैं.
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वहीं, कांग्रेस के नेता रियाज खान ने कहा कि इस खारे पानी में किसानों ने जो नवाचार किया है, उसे प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान इस तरफ नहीं है. लेकिन हरियाणा की तरह ही यहां भी किसानों को सब्सिडी मिलनी चाहिए.
बता दें कि यहां की झींगा मछली अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब में सप्लाई हो रही है. अभी 60 किसान तालाब बनाकर मछली पालन कर रहे हैं. एक हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है. किसानों की मांग है कि यहां के किसानों को भी पड़ोसी राज्य हरियाणा की तरह सब्सिडी मिले, जिससे किसान को लाभ हो. किसानों की मांग है कि उन्हें बिजली, सब्सिडी और ट्रेनिंग जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं, जिससे उत्पादन बढ़ सके.