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अब किसानों को अपने खेत और गांव के नजदीक मिली उपज बेचने की सुविधाएं - चूरू किसान की न्यूज

चूरू में कोरोना के चलते किसानों से चना और सरसों की फसल की खरीद के लिए क्रय-विक्रय संस्थानों के अलावा जीएसएस को भी मंडी की तरह चिन्हित किया गया है. इससे अब किसान अपने खेत और गांव के नजदीक ही अपनी फसल बेच सकेंगे.

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किसानों को अपने खेत और गांव के नजदीक ही उपज बेचने को मिली सुविधाएं
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Published : Apr 12, 2020, 2:37 PM IST

चूरू. जिले के किसानों से चना और सरसों की फसल की खरीद के लिए क्रय विक्रय संस्थानों के अलावा जीएसएस को भी मंडी की तरह चिन्हित किया गया है. जिससे किसानों को अपने खेत और गांव के नजदीक ही उपज बेचान की सुविधा प्रदान की गई है.

जिला कलेक्टर संदेश नायक ने बताया कि सामुदायिक संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए नियमों में शिथिलता प्रदान कर सहकारी समितियों को निजी गौण मंडी प्रांगण घोषित किया है, ताकि किसानों को कृषि उपज बेचान के लिए दूर नहीं जाना पड़े और नजदीकी स्थल पर ही उचित मूल्य पर किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिल सके.

अब किसानों को अपने खेत और गांव के नजदीक मिली उपज बेचने की सुविधाएं

उन्होंने बताया की चने के लिए 5 और सरसों के लिए करीब 6 हजार का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. बता दें कि जिले के विभिन्न केवीएसएस और जीएसएस को राज्य सरकार ने निजी गौण मंडी घोषित किया है. चूरू की तारानगर केवीएसएस और राजपुरिया गुलपुर सवाई बड़ी, लाछड़सर, दाऊदसर, भोजासर, बीदासर, भालेरी करड़वाली और धीरवास जीएसएस को निजी गौण मंडी घोषित किया गया है.

यह भी पढ़ें- रंग लाई मेहनत, 'कोरोना काल' से बाहर निकला चूरू का सरदारशहर...

ग्राम सेवा सहकारी समितियों को कृषि जिंसों के क्रय-विक्रय के नियमन के निजी गौण मंडी घोषित किया गया है, ताकि किसानों को अपने खेत और गांव के नजदीक ही उपज बेचान की सुविधा मिल सके और कृषि उपज मंडियों के अनुरूप ही कृषि जिंसों को खुली नीलामी में बेचकर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य की सुविधा मिल सके.

चूरू. जिले के किसानों से चना और सरसों की फसल की खरीद के लिए क्रय विक्रय संस्थानों के अलावा जीएसएस को भी मंडी की तरह चिन्हित किया गया है. जिससे किसानों को अपने खेत और गांव के नजदीक ही उपज बेचान की सुविधा प्रदान की गई है.

जिला कलेक्टर संदेश नायक ने बताया कि सामुदायिक संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए नियमों में शिथिलता प्रदान कर सहकारी समितियों को निजी गौण मंडी प्रांगण घोषित किया है, ताकि किसानों को कृषि उपज बेचान के लिए दूर नहीं जाना पड़े और नजदीकी स्थल पर ही उचित मूल्य पर किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिल सके.

अब किसानों को अपने खेत और गांव के नजदीक मिली उपज बेचने की सुविधाएं

उन्होंने बताया की चने के लिए 5 और सरसों के लिए करीब 6 हजार का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. बता दें कि जिले के विभिन्न केवीएसएस और जीएसएस को राज्य सरकार ने निजी गौण मंडी घोषित किया है. चूरू की तारानगर केवीएसएस और राजपुरिया गुलपुर सवाई बड़ी, लाछड़सर, दाऊदसर, भोजासर, बीदासर, भालेरी करड़वाली और धीरवास जीएसएस को निजी गौण मंडी घोषित किया गया है.

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ग्राम सेवा सहकारी समितियों को कृषि जिंसों के क्रय-विक्रय के नियमन के निजी गौण मंडी घोषित किया गया है, ताकि किसानों को अपने खेत और गांव के नजदीक ही उपज बेचान की सुविधा मिल सके और कृषि उपज मंडियों के अनुरूप ही कृषि जिंसों को खुली नीलामी में बेचकर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य की सुविधा मिल सके.

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