रतनगढ़ (चूरू). राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत डॉ. महेंद्र घोड़ेला इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बने हुए हैं. इनकी सेवा और जज्बे को लोग सलाम कर रहे हैं. जहां क्षेत्र के सेवानिवृत्त व अन्य निजी चिकित्सालयों के चिकित्सक इस कोरोना काल में गायब हैं. ऐसे में डॉक्टर घोड़ेला 24 घंटे इस कोरोना काल में मरीजों की सेवा करते नजर आ रहे हैं.
8 माह पूर्व डॉ. घोड़ेला स्वयं कोरोना पॉजिटिव होने पर जयपुर में गंभीर हालत में एडमिट रहे. कोरोना से मौत की जंग जीत कर आने के बाद भी 8 माह से डॉ. घोड़ेला लगातार 24 घण्टे मरीजों को देखकर अपना फर्ज निभा रहे हैं. मरीजों के प्रति इस तरह का सेवा भाव देखकर लोग घोड़ेला को सच्चा सेवक व कोरोना वॉरियर्स कहते नजर आ रहे हैं.
घोड़ेला सेवा ही नहीं, बल्की रोगी से बात कर इस तरह हौसला बड़ा देते हैं, जो जीने की आस छोड़ने के बाद भी रोगी के मन में नवजीवन का संचार हो उठता है. अपने व्यवहार व मेहनत से घोड़ेला सैंकड़ो रोगियों को मौत के मुंह से खींच लाए हैं. मरीज को दवा व परहेज की समझाइश इस कदर करते हैं कि परिवार का ही कोई सदस्य मानों उनसे बात कर रहा हो. मरीज कोविड पीड़ित हो या अन्य बीमारी से ग्रसित हो, सब का इलाज करना मानों इनकी आदत बन चुका हो.
वहीं कोरोना पीड़ित होते ही जहां घर वाले भी मरीज का साथ छोड़ देते हैं. वहीं डॉ. घोड़ेला उनके पास जाकर इस तरह बात करते हैं, जैसे मरीज को आत्मविश्वास बढ़ गया हो. चिकित्सालय में ड्यूटी के बाद घर पर भी 24 घण्टे मरीजों की सेवा करना व आधी रात को फोन पर भी सहज स्वभाव में बात कर सही सलाह देना उनकी आदत में सुमार है.
डॉ. घोड़ेला मरीजों की सेवार्थ 24 घण्टे अपना फोन व घर का दरवाजा खुला रखते हैं. कोविड काल में इस सेवा में डॉ. घोड़ेला की पत्नी गीतू घोड़ेला उनका पूरा सहयोग करती हैं. वे भी डॉक्टर बिजी होने पर कोविड मरीजों से तशहली पूर्वक बात कर उन्हें आराम से बैठने की सलाह देती नजर आती हैं. डॉ. घोड़ेला की इस सेवा से लोग प्रभावित होकर घोड़ेला को आशीर्वाद देकर उन्हें सच्चा कोरोना वॉरियर्स बताते नजर आते हैं.