चूरू. कोरोना काल में लॉकडाउन के साइड इफेक्ट से बचाने के लिए चूरू पुलिस लगातार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों, साहित्यकारों और गीतकारों का लाइव सेशन करवा रही है. इसी कड़ी में रविवार को प्रसिद्ध गीतकार, कवि और कमेंटेटर डॉक्टर इकराम राजस्थानी फेसबुक पर लाइव आए. इकराम राजस्थानी ने हिंदी, उर्दू और राजस्थानी भाषा में कविता, शायरी और गीत सुनाए.
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चूरू पुलिस के फेसबुक पेज पर आयोजित ऑनलाइन सेशन की श्रृंखला के दौरान अपनी कविताओं और गीतों के बीच इकराम राजस्थानी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जन्मदिन की बधाइयां भी दी और मुख्यमंत्री के लिए भी एक रचना समर्पित की. साथ ही उन्होंने चूरू एसपी तेजस्विनी गौतम का भी आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस तरह का अनूठा नवाचार जिले में किया.
चूरू की सरजमी को नमन करते हुए डॉक्टर इकराम ने कहा कि चूरू की धरती सैनिकों, किसानों और साहित्यकारों की धरती है. खुद को हिंदी, उर्दू और राजस्थानी जुबान की गंगा बताते हुए डॉक्टर इकराम ने बतौर शायर रूमानी, विरह, वात्सल्य और देशभक्ति से ओतप्रोत शायरी जुबा में बातें की और कहा कि कोरोना विश्व का एकमात्र युद्ध है, जो घर में बैठकर लड़ा जा रहा है.
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बता दें कि प्रसिद्ध गीतकार कवि और कमेंटेटर डॉक्टर इकराम राजस्थानी का गीत 'चला-चला रे ड्राइवर, गाड़ी होले-होले' राजस्थान के साथ ही बॉलीवुड में भी काफी ख्याति बटोर चुका है. साथ ही उन्हों ने कुरान का राजस्थानी अनुवाद भी किया है.
अपने प्रसिद्ध गीत के जरिए दिया कोरोना से लड़ने का मंत्र
डॉक्टर इकराम राजस्थानी ने प्रदेशवासियों को कोरोना से लड़ने का एक मंत्र अपने प्रसिद्ध गीत 'इंजन की सीटी' में पिरो कर कुछ इस तरह से दिया-
'कोरोना की बीमारी सू डरना कौने, डरना कौने, थे ध्यान राखजो सारा अय्या मरणा कौने, एक दूजे से दूरी राखो साबुन से हाथ धोवेला, कोरोना से डरना कौने'
हिंदी में कोरोना पर सुनाया ये गीत, गीतांजलि के कुछ अंश भी पढ़े
ऐसे ही उन्होंने हिंदी में कोरोना पर ये गीत सुनाया- 'लॉकडाउन है अब घर में बैठो, वक्त बाहर बिताना नहीं है, दूर से ही बातें करो सारी, दूर यू गले से लगना नहीं है. हाथ भी अब मिलाना नहीं है, कोरोना को बढ़ाना नहीं है'. डॉक्टर इकराम राजस्थानी ने रविंद्र नाथ टैगोर की गीतांजलि के कुछ अंश भी पढ़कर सुनाएं. साथ ही शायराना अंदाज में डॉक्टर इकराम कहा- 'कोरोना की तबाही का सफर जरूर लिख, बस शर्त है कि शब्द जरा दूर दूर लिख'.
सामाजिक सद्भाव और भाईचारे पर भी दिया जोर
सामाजिक सद्भाव और भाईचारे पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बेशक कोरोना काल में दूरी रखनी है. लेकिन, दिलों में दूरी नहीं आनी चाहिए. ये संदेश देने के साथ ही एक बार फिर डॉक्टर इकराम ने कोरोना को शायरी में बांध दिया. उन्होंने कहा- 'कोरोना बोला सोशल डिस्टेंस रखना है, लेकिन दिलों के बीच न डिफरेंस रखना है, लड़ेंगे घरों में बैठकर दिलों में यह कॉन्फिडेंस रखना हैं'. डॉक्टर इकराम राजस्थानी ने कहा कि कोरोना का कोई धर्म, जाति, ईमान या समुदाय नहीं है.यह हमें याद रखना चाहिए.