चूरू. 13 अगस्त 2004 को एथेंस और 2016 के रियो पैरा ओलंपिक में जेवलिन थ्रो (javelin throw) में गोल्ड मेडल जीतने के बाद चूरू के स्टार जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झाझड़िया 24 अगस्त को टोक्यो के लिए रवाना होंगे. उन्होंने तीसरा गोल्ड मेडल (gold medal) जीतने का विश्वास जताया.
जोरदार फाॅर्म में चल रहे देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhajharia) रिकाॅर्ड प्रदर्शन के साथ टोक्यो पैरा ओलंपिक में अपने इवेंट में गोल्ड मेडल के प्रबल दावेदार हैं. टोक्यो पैरा ओलंपिक को लेकर उत्साहित देवेंद्र ने बताया कि जब वे 2004 में पहला ओलंपिक खेलने गये थे तो उन्हें शुभ कामनाएं देकर विदा करने वाले सिर्फ उनके पिताजी थे.
देवेंद्र ने कहा कि वर्तमान में स्थिति यह है कि भारत सरकार ने भी विदाई पार्टी रखी है. प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया में भी खिलाड़ी छाए हुए हैं. आज यह बदलाव देखकर बहुत खुशी है. उन्होंने बताया कि उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा चल रहा है और एक बेहतरीन प्रशिक्षण के बाद वे उसी काॅन्फिडेंस से जेवलिन थ्रो के लिए तैयार हैं, जिस काॅन्फिडेंस के साथ उन्होंने एथेंस और रियो में थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था.
देवेंद्र के साथ उनके निजी कोच सुनील तंवर भी जाएंगे. देवेंद्र ने बताया कि नीरज चोपड़ा के ओलंपिक स्वर्ण पदक के बाद देश में एथलेटिक्स (athletics) और खासकर जेवलिन थ्रो को लेकर देश में अच्छा माहौल बना है. संभव है कि आने वाले समय में क्रिकेट के बैट और गेंद की तरह गलियों में भाला लेकर घूमने वाले बच्चों को हम देख पाएं. आने वाले समय में देश में यह संस्कृति बने तो कोई बड़ी बात नहीं होगी.
54 खिलाड़ियों के साथ अब तक का सबसे बड़ा दल होगा रवाना
झाझड़िया ने बताया कि 54 खिलाड़ियों के साथ सबसे बड़ा पैरा ओलंपिक दल जा रहा है. हमें उम्मीद है कि देश का प्रदर्शन शानदार रहेगा और हम 15-20 मेडल जीतेंगे. सबसे सीनियर खिलाड़ी होने के नाते युवा खिलाड़ियों के फोन भी आते हैं कि आपके पास अनुभव है, हमें भी कोई गुर दीजिये, तो मैं उनसे एक ही बात कहता हूं कि ओलिंपिक सबसे बड़ा स्पोर्टस (sports) का मंच है. लेकिन इसका कोई दबाव लेने की जरूरत नहीं है.
खुद के ग्राउंड में जिस भाव से परफोर्मेंस देते हैं. वैसे ही अपनी परफोर्मेंस दें. देवेंद्र ने कहा कि करोड़ों लोगों की दुआएं आज उनके साथ हैं. उनकी बदौलत उन्हें पूरी उम्मीद है कि वे स्वर्ण पदक जीतेंगे.