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फेसबुक लाइव के जरिए फैंस से रू-ब-रू हुए पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया - churu news

मंगलवार को चूरू पुलिस के फेसबुक लाइव पर आकर पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया ने चूरू के युवाओं से संवाद किया. उन्होंने कहा कि किसी भी सफलता के लिए खुद पर विश्वास सबसे ज्यादा जरूरी है.

चूरू न्यूज, churu news
लॉकडाउन तो कुछ ही दिनों का है-देवेंद्र झाझड़िया
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Published : Apr 22, 2020, 1:08 AM IST

Updated : May 25, 2020, 5:15 PM IST

चूरू. दो बार के पैरा ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्डी देवेंद्र झाझड़िया मंगलवार को चूरू पुलिस के फेसबुक पेज पर लोगों से रूबरू हुए. शाम 6 बजे फेसबुक पेज पर लाइव आए देवेंद्र झाझड़िया ने करीब 50 मिनट तक लोगों से संवाद किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया.

चूरू एसपी तेजस्विनी गौतम की पहल पर आयोजित इस लाइव प्रोग्राम में देवेंद्र झाझड़िया ने लोगों साथ अपने संघर्ष और अनुभव को साझा करते हुए कहा कि एथेंस पैरा ओलंपिक के बाद के ओलंपिक गेम्स में जैवलिन का इवेंट नहीं था, उन्होंने इसके लिए 2016 तक के पैरा ओलंपिक गेम्स का इंतजार किया 2019 का ओलंपिक भी 1 साल आगे बढ़ गया. लेकिन, मैंने 12 साल तक ओलंपिक का इंतजार किया. यह लॉकडाउन तो कुछ ही दिनों का है इसलिए सरकार की एडवाइजरी और प्रोटोकॉल का पालन करें.

पढ़ें- रैपिड टेस्टिंग किट पर सवाल! 'रिव्यू जारी...इसके परिणाम निर्भर करेंगे की रखना है या वापस करना है'

उन्होंने बताया कि वह 20-22 साल से नेशनल इंटरनेशनल खेल रहे हैं. इस दौरान पहली बार उन्हें इतना समय घर पर रहने का मिल रहा है, लेकिन वह घर पर रहकर ही करीब 4 घंटे की तैयारी कर रहे हैं. सभी लोगों को लॉकडाउन के इस समय का सदुपयोग करना चाहिए.

उन्होंने चूरू पुलिस के अभियान 'मेरा चूरु, मेरा फर्ज' की सराहना करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था के साथ-साथ पुलिस लोगों में रचनात्मकता का विकास कर रही है.

यह बड़ी बात है उन्होंने खेलों में कैरियर पर टिप्स देते हुए कहा कि किसी भी काम में सफलता के लिए जरूरी है कि आप स्वयं पर विश्वास रखें और और फिर एक लक्ष्य बनाकर उस पर काम करें. केवल कैरियर के लिए ही नहीं लाइफ में फिट रहने के लिए भी व्यक्ति को कम से कम एक खेल में तो रुचि रखनी ही चाहिए.

पढ़ेंः राजस्थान में नहीं रुक रहा पुलिस पर हमला...जोधपुर में गश्त पर गए SDRF जवान पर पत्थरबाजी

उन्होंने कहा कि लोग लॉकडाउन के समय अपनी मन पसंदीदा किताब पढ़े बच्चों के साथ एक्सरसाइज करें, इंडोर गेम खेलें, योग आदि करें लेकिन बाहर किसी भी सूरत में नहीं निकलना है. तभी हम जल्द से जल्द कोरोना पर विजय पाएंगे.

उन्होंने अपने संघर्ष साझा करते हुए कहा कि संघर्ष के बिना कोई जिंदगी नहीं है. 9 साल की उम्र में एक हाथ गवांकर जब जैवलिन उठाया तो अनेक तरह के कमेंट आए, लेकिन मुझे साबित करना था कि मैं कमजोर नहीं हूं.

मेरे माता-पिता और प्रशिक्षकों ने मुझे सपोर्ट किया आप अच्छा लक्ष्य लेकर चलते हैं तो बहुत से लोग सहयोग को भी तैयार मिलते है. 2002 में एशियन पैरा गेम्स के लिए चयन होने पर रात को होटल में अपने पिता के साथ था मन में इतनी उत्सुकता और उत्साह था की उस दिन जो इंडिया टीम का ब्रेजर मिला. उसे रात को छह 7 बार मैंने पहना उसके बाद इंग्लैंड में तीन मेडल एक साथ जीतने पर यूके की ओर से ओलंपिक खेलने का प्रस्ताव आया, लेकिन मैंने तय किया कि मुझे मेरे देश की तरफ से ही खेलना है.

चूरू. दो बार के पैरा ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्डी देवेंद्र झाझड़िया मंगलवार को चूरू पुलिस के फेसबुक पेज पर लोगों से रूबरू हुए. शाम 6 बजे फेसबुक पेज पर लाइव आए देवेंद्र झाझड़िया ने करीब 50 मिनट तक लोगों से संवाद किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया.

चूरू एसपी तेजस्विनी गौतम की पहल पर आयोजित इस लाइव प्रोग्राम में देवेंद्र झाझड़िया ने लोगों साथ अपने संघर्ष और अनुभव को साझा करते हुए कहा कि एथेंस पैरा ओलंपिक के बाद के ओलंपिक गेम्स में जैवलिन का इवेंट नहीं था, उन्होंने इसके लिए 2016 तक के पैरा ओलंपिक गेम्स का इंतजार किया 2019 का ओलंपिक भी 1 साल आगे बढ़ गया. लेकिन, मैंने 12 साल तक ओलंपिक का इंतजार किया. यह लॉकडाउन तो कुछ ही दिनों का है इसलिए सरकार की एडवाइजरी और प्रोटोकॉल का पालन करें.

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उन्होंने बताया कि वह 20-22 साल से नेशनल इंटरनेशनल खेल रहे हैं. इस दौरान पहली बार उन्हें इतना समय घर पर रहने का मिल रहा है, लेकिन वह घर पर रहकर ही करीब 4 घंटे की तैयारी कर रहे हैं. सभी लोगों को लॉकडाउन के इस समय का सदुपयोग करना चाहिए.

उन्होंने चूरू पुलिस के अभियान 'मेरा चूरु, मेरा फर्ज' की सराहना करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था के साथ-साथ पुलिस लोगों में रचनात्मकता का विकास कर रही है.

यह बड़ी बात है उन्होंने खेलों में कैरियर पर टिप्स देते हुए कहा कि किसी भी काम में सफलता के लिए जरूरी है कि आप स्वयं पर विश्वास रखें और और फिर एक लक्ष्य बनाकर उस पर काम करें. केवल कैरियर के लिए ही नहीं लाइफ में फिट रहने के लिए भी व्यक्ति को कम से कम एक खेल में तो रुचि रखनी ही चाहिए.

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उन्होंने कहा कि लोग लॉकडाउन के समय अपनी मन पसंदीदा किताब पढ़े बच्चों के साथ एक्सरसाइज करें, इंडोर गेम खेलें, योग आदि करें लेकिन बाहर किसी भी सूरत में नहीं निकलना है. तभी हम जल्द से जल्द कोरोना पर विजय पाएंगे.

उन्होंने अपने संघर्ष साझा करते हुए कहा कि संघर्ष के बिना कोई जिंदगी नहीं है. 9 साल की उम्र में एक हाथ गवांकर जब जैवलिन उठाया तो अनेक तरह के कमेंट आए, लेकिन मुझे साबित करना था कि मैं कमजोर नहीं हूं.

मेरे माता-पिता और प्रशिक्षकों ने मुझे सपोर्ट किया आप अच्छा लक्ष्य लेकर चलते हैं तो बहुत से लोग सहयोग को भी तैयार मिलते है. 2002 में एशियन पैरा गेम्स के लिए चयन होने पर रात को होटल में अपने पिता के साथ था मन में इतनी उत्सुकता और उत्साह था की उस दिन जो इंडिया टीम का ब्रेजर मिला. उसे रात को छह 7 बार मैंने पहना उसके बाद इंग्लैंड में तीन मेडल एक साथ जीतने पर यूके की ओर से ओलंपिक खेलने का प्रस्ताव आया, लेकिन मैंने तय किया कि मुझे मेरे देश की तरफ से ही खेलना है.

Last Updated : May 25, 2020, 5:15 PM IST
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