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पिछले 5 महीने से नहीं मिल रहा चूरू की बेटियों को मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ

राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ जिले की बेटियों को नहीं मिल पा रहा है. बता दें, बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से बेटी के जन्म से लेकर उसके 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक कुल 50000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है.

नहीं मिल रहा चूरू की बेटियों को मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ
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Published : May 16, 2019, 9:04 PM IST

चूरू. राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ जिले की बेटियों को नहीं मिल पा रहा है. बता दें, बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से मुख्यमंत्री राजश्री योजना से 1 जून 2016 को शुरू की गई थी. जिसके तहत सरकार की तरफ से बेटी के जन्म से लेकर उसके 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक कुल 50000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है.

नहीं मिल रहा चूरू की बेटियों को मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ

बता दें, मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत चुरू जिले में 6000 बेटियों के खाते में जो राशि मिलने वाली थी वह नहीं मिल रही है. इसके लिए इन बेटियों की माताएं चिकित्सा विभाग के चक्कर काट रही हैं, जबकि जिले के अधिकारियों का कहना है कि जिला स्तर पर एक भी पेंडेंसी नहीं है. राज्य सरकार की ओर से बजट रिलीज नहीं किया जा रहा है इसलिए खाते में पैसे नहीं आ रहे हैं. बेटियों के जन्म पर उन्हें अच्छी परवरिश मिले और बेटियां पढ़ लिख कर आगे बढ़े इस मकसद से शुरू की गई राजश्री योजना का लाभ चूरू की बेटियों को पिछले 5 महीने से नहीं मिल रहा है. चूरू में हर महीने करीब 1200 बेटियां जन्म लेती हैं.

पहली किस्त बेटी के जन्म के 48 घंटे में ही देनी होती है
इस योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर उसके 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक कुल 50000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. ताकि अभिभावक बेटी की पढ़ाई, स्वास्थ्य और देखभाल कर सके. लेकिन, बात चूरू की करें तो पिछले 5 महीने में यहां पर 6000 से ज्यादा बेटियों ने जन्म लिया है लेकिन, जो किस्त बेटी के जन्म के 48 घंटे में सरकार को खाते में जमा करवानी होती है वह बजट के अभाव में नहीं भेजी जा रही है.

ऐसे मिलती है सहायता राशि
राजश्री योजना के तहत कुल 6 किस्तों में अभिभावक को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मिलती है. बेटी के जन्म के समय 2500 रुपए, एक साल का टीकाकरण होने पर 2500, पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर 4000, कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर 5000, कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर 11000 और बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर 25000 की आर्थिक सहायता दी जाती है.

जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील जांदू का कहना है कि जिला स्तर पर एक भी पेंडेंसी नहीं है. लेकिन, बच्चियों के खातों में राशि इसलिए नहीं जा रही है क्योंकि स्टेट से बजट रिलीज नहीं हो रहा है.

चूरू. राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ जिले की बेटियों को नहीं मिल पा रहा है. बता दें, बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से मुख्यमंत्री राजश्री योजना से 1 जून 2016 को शुरू की गई थी. जिसके तहत सरकार की तरफ से बेटी के जन्म से लेकर उसके 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक कुल 50000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है.

नहीं मिल रहा चूरू की बेटियों को मुख्यमंत्री राजश्री योजना का लाभ

बता दें, मुख्यमंत्री राजश्री योजना के तहत चुरू जिले में 6000 बेटियों के खाते में जो राशि मिलने वाली थी वह नहीं मिल रही है. इसके लिए इन बेटियों की माताएं चिकित्सा विभाग के चक्कर काट रही हैं, जबकि जिले के अधिकारियों का कहना है कि जिला स्तर पर एक भी पेंडेंसी नहीं है. राज्य सरकार की ओर से बजट रिलीज नहीं किया जा रहा है इसलिए खाते में पैसे नहीं आ रहे हैं. बेटियों के जन्म पर उन्हें अच्छी परवरिश मिले और बेटियां पढ़ लिख कर आगे बढ़े इस मकसद से शुरू की गई राजश्री योजना का लाभ चूरू की बेटियों को पिछले 5 महीने से नहीं मिल रहा है. चूरू में हर महीने करीब 1200 बेटियां जन्म लेती हैं.

पहली किस्त बेटी के जन्म के 48 घंटे में ही देनी होती है
इस योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर उसके 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक कुल 50000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है. ताकि अभिभावक बेटी की पढ़ाई, स्वास्थ्य और देखभाल कर सके. लेकिन, बात चूरू की करें तो पिछले 5 महीने में यहां पर 6000 से ज्यादा बेटियों ने जन्म लिया है लेकिन, जो किस्त बेटी के जन्म के 48 घंटे में सरकार को खाते में जमा करवानी होती है वह बजट के अभाव में नहीं भेजी जा रही है.

ऐसे मिलती है सहायता राशि
राजश्री योजना के तहत कुल 6 किस्तों में अभिभावक को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मिलती है. बेटी के जन्म के समय 2500 रुपए, एक साल का टीकाकरण होने पर 2500, पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर 4000, कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर 5000, कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर 11000 और बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर 25000 की आर्थिक सहायता दी जाती है.

जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील जांदू का कहना है कि जिला स्तर पर एक भी पेंडेंसी नहीं है. लेकिन, बच्चियों के खातों में राशि इसलिए नहीं जा रही है क्योंकि स्टेट से बजट रिलीज नहीं हो रहा है.

Intro:चूरू। बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने , उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से 1 जून 2016 से शुरू की गई मुख्यमंत्री राजश्री योजना में चुरू जिले में पिछले 5 महीने से 6000 बेटियों के खाते में जो राशि मिलने वाली थी वह नहीं मिल रही है। इसके लिए इन बेटियों की माताएं चिकित्सा विभाग के चक्कर काट रही है जबकि जिले के अधिकारियों का कहना है कि जिला स्तर पर एक भी पेंडेंसी नहीं है । राज्य सरकार की ओर से बजट रिलीज नहीं किया जा रहा है इसलिए खाते में पैसे नहीं आ रहे हैं। बेटियों के जन्म पर उन्हें अच्छी परवरिश मिले और बेटियां पढ़ लिख कर आगे बढ़े इस मकसद से शुरू की गई राजश्री योजना का लाभ चूरू की बेटियों को पिछले 5 महीने से नहीं मिल रहा है। चूरू में हर महीने करीब 1200बेटियां जन्म लेती है।


Body:पहली किस्त बेटी के जन्म के 48 घंटे में ही देनी होती है
इस योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर उसके 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने तक कुल 50000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। ताकि अभिभावक बेटी की पढ़ाई, स्वास्थ्य और देखभाल कर सके। लेकिन बात चूरू की करें तो पिछले 5 महीने में यहां पर 6000 से ज्यादा बेटियों ने जन्म लिया है लेकिन जो किस्त बेटी के जन्म के 48 घंटे में सरकार को खाते में जमा करवानी होती है वह है बजट के अभाव में नहीं हो सकी है।


Conclusion:ऐसे मिलती है सहायता राशि
राजश्री योजना के तहत कुल 6 किस्तों में अभिभावक को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मिलती है। बेटी के जन्म के समय 2500 रुपए, एक वर्ष का टीकाकरण होने पर 2500, पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर 4000, कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर 5000, कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर 11000 और बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर 25000 की आर्थिक सहायता दी जाती है।

बाइट: डॉ सुनील जांदू जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी चूरू
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुनील जांदू का कहना है कि जिला स्तर पर एक भी पेंडेंसी नहीं है लेकिन बच्चियों के खातों में राशि इसलिए नहीं जा रही है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि की स्टेट से बजट रिलीज नहीं हो रहा है।
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