तारानगर (चूरू). तहसील कार्यालय के सामने 14 नवम्बर से बीमा क्लेम सहित 15 सूत्री मांगों को लेकर किसान धरने पर बैठे हैं. लेकिन सरकार द्वारा किसानों की उचित मांगों के समाधान के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है. साथ ही स्थानीय विधायक ने किसानों के द्वारा अपनी वाजिब मांगों को लेकर लगाए जा रहे धरने को किसानों के समय और पैसे की बरबादी बताए जाने पर भी किसानों में आक्रोश नजर आया.
मंच के माध्यम से किसान नेताओं ने सरकार से 20 हेक्टेयर रकबा जोड़ने पर सवाल किया और पूछा कांग्रेस सरकार ने नया रकबा कहां जोड़ा है. सरकार जनता को गुमराह ना करे. तहसील का घेराव करने से पहले किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में बाजार में रैली निकाली और करीब 3 बजे किसानों ने तहसील कार्यालय के दरवाजे पर धावा बोल दिया और जबर्दस्ती कार्यालय में घुसने का प्रयास किया गया. लेकिन शान्ति व्यवस्था के लिए उपस्थित पुलिस जाब्ते ने किसानों को अन्दर घुसने से रोका.
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सोमवार को 4 बजे प्रशासन की तरफ से एसडीएम अर्पिता सोनी ने किसानों के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए बुलाया और एसडीएम सोनी ने उच्च अधिकारियों और बीमा अधिकारी से फोन पर बात की पर किसान नेता संतुष्ट नजर नहीं आए और वार्ता विफल रही.
ऐसे में किसानों ने तहसील कार्यालय के आगे डेरा डाल दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. शाम 5 बजे बाद प्रशासन द्वारा 23 तारीख को चूरू में वार्ता के आश्वासन के बाद किसानो ने पड़ाव हटाया, लेकिन मांगे नहीं माने जाने तक धरना जारी रहेगा. रामस्वरूप सहारण, काशीराम पूनियां, ताराचंद कस्वां, उमराव सहारण, गिरधारीलाल सोलंकी, चिमनाराम फ़ाण्डर डॉक्टर राहुल कस्वां, भोजराज महला, रामजीलाल कुलड़िया आदि ने किसानों को सम्बोधित किया.
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प्रजापत ने कहा कि विभिन्न मांगों को लेकर किसान ने 14 नवम्बर से धरने पर बैठे हैं. आज किसानों ने तहसील कार्यालय का घेराव किया है. प्रशासन ने वार्ता के लिए बुलाया पर वार्ता विफल रही. जब तक हमारी मांगो को नहीं माना जाएगा, तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा.