चूरू. प्रदेश में हो रही कौओं की असामान्य मौत पर प्रदेश भर में शासन प्रशासन अलर्ट पर है. सोमवार देर शाम चूरू जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के गांवड़े ने भी कौओं की असामान्य मृत्यु के मध्य नजर संबंधित विभागों के अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग के डॉ. जगदीश बरबड़ ने बताया कि पशुपालन विभाग की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां 24 घंटे किसी भी आपात स्थिति में कौवे एवं अन्य पक्षियों की असामान्य मृत्यु या अधिक संख्या में मृत्यु की सूचना त्वरित प्रभाव से दी जा सकेगी. कंट्रोल रूम के प्रभारी अधिकारी जिला पशु रोग निदान इकाई चूरू होंगे.
उन्होंने बताया कि जिले के समस्त पॉल्ट्री फॉर्म संचालक अपने फॉर्म पर साफ सफाई एवं चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त कर अपने नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था को सूचित करें. डॉक्टर बरबड़ ने बताया कि बर्ड फ्लू जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा रोग भी कहां जाता है. यह जूनोटिक महत्व का एक रोग है, जो मुख्यता मुर्गी एवं टर्की में होता है, लेकिन बत्तख, वाटर फाउल, प्रवासी पक्षियों और अन्य पक्षियों में भी फैल सकता है, जिससे मुर्गियों में लार, नाक, आंख के स्त्रव औ बीट में पाया जाता है.
यह भी पढ़ें- जैसलमेर में भी 12 से अधिक कौओं की मौत, बर्ड फ्लू की दस्तक से खौफ
उन्होंने कहा कि इससे अंडा उत्पादन में अत्यधिक कमी हो जाती है. पक्षी को तेज जुकाम नाक आंख में स्त्रव एवं सिर और गर्दन पर सूजन, कलंगी और लटकन पर सूजन और नीलापन दिखाई देता है. जिला कलेक्टर ने पशुपालन विभाग सहित, पुलिस प्रशासन स्वास्थ्य विभाग स्थानीय निकाय एवं वन विभाग को बीमारी के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं.