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Special: चूरू के एसोसिएट प्रोफेसर के 'नो व्हीकल डे' को मिला प्रदेश का साथ, जनता को भाया पर्यावरण संतुलन का अनूठा तरीका

ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण से धरा को बचाने के लिए नो व्हीकल डे की शुरुआत चूरू के लोहिया महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जेबी खान और उनके कुछ साथियों ने 3 वर्ष पहले साल 2017 में की थी. एसोसिएट प्रोफेसर की नो व्हीकल डे की शुरुआत को प्रदेश का साथ मिला. इसके बाद उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर इसे देश में लागू करने की मांग की है.

No vehicle day starts from Churu, Start of no vehicle day
नो व्हीकल डे की शुरुआत
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Published : Dec 13, 2020, 10:04 PM IST

चूरू. राजस्थान में सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से महीने में एक दिन नो व्हीकल डे के रूप में मनाया जा रहा है. ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण से धरा को बचाने के लिए नो व्हीकल डे की शुरुआत चूरू जिले के एसोसिएट प्रोफेसर ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर की थी.

नो व्हीकल डे को देश में लागू करने की मांग

चूरू के एसोसिएट प्रोफेसर की इस पहल को पहले जिला कलेक्टर ने अपनाया और इसके बाद 'नो व्हीकल डे' की पहल को प्रदेश ने भी अपना लिया है. इसके बाद एसोसिएट प्रोफेसर अब इस मुहिम को देशभर में लागू करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिख रहे हैं.

पढ़ें- Special : स्मार्ट सिटी अजमेर का 'टूटा दिल'...सड़कें भी हैं उखड़ींं

महीने की हर पहली तारीख को मनाए जाने वाले नो व्हीकल डे की शुरुआत लोहिया महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जेबी खान और उनके कुछ साथियों ने 3 वर्ष पहले साल 2017 में चूरू से की थी. नो व्हीकल डे के इस अभियान को चूरू के तत्कालीन जिला कलेक्टर संदेश नायक ने 12 सितंबर 2019 को समस्त जिले में और परिवहन मंत्री ने 1 जनवरी 2020 को परिवहन विभाग में इसे लागू किया था.

No vehicle day starts from Churu, Start of no vehicle day
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जेबी खान

GK के सामान्य ज्ञान में मिली जगह

चूरू के राजकीय लोहिया महाविद्यालय से शुरू हुआ यह अभियान आज प्रदेश के सभी राजकीय व निजी महाविद्यालयों में लागू कर दिया गया है. यह चूरू और प्रदेश के लिए उपलब्धि ही कही जाएगी कि नो व्हीकल डे को GK के सामान्य ज्ञान में जगह मिली.

No vehicle day starts from Churu, Start of no vehicle day
जिला कलेक्टर का आदेश

डॉ. जेबी खान नो व्हीकल डे के फायदे गिनाते हुए बताते हैं कि इससे ना सिर्फ स्वास्थ्य सुधरेगा बल्कि इससे पैसे बचेंगे, पर्यावरण प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल की बचत होगी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जो लोग लगातार साइकिलिंग कर रहे हैं, उनके कोरोना महामारी से बचने के अधिक चांस हैं. वे बताते हैं कि साइकिलिंग से रोग-प्रतिरोधक क्षमता इतनी मजबूत हो जाती है कि अगर वायरस उनको इफेक्ट भी करता है तो वार कर निकल जाएगा, लेकिन नुकसान नहीं पहुंचाएगा.

लोगों की लाइफस्टाइल में आया बदलाव

कोरोना काल में काफी कुछ बदलाव आया है. महामारी ने लोगों की लाइफ स्टाइल को भी बदल कर रख दिया है और लोग स्कूटर, मोटरसाइकिल और कार की बजाए साइकिलिंग पर विश्वास जता रहे हैं. चूरू में साइकिलों की बिक्री में भी इजाफा हुआ है. साइकिल विक्रेता अमजद तुगलक बताते हैं कि इम्युनिटी बढ़ाने और व्यायाम के लिए लोग साइकिलिंग के प्रति आकर्षित हो रहे हैं.

No vehicle day starts from Churu, Start of no vehicle day
जेबी खान ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

पढ़ें- Special : जान हथेली पर रख काम करने को मजबूर मजदूर...नहीं दिए जाते सुरक्षा उपकरण

अमजद तुगलक बताते हैं कि वे साइकिल के इस व्यवसाय से पिछले 15 वर्षों से जुड़े हैं. इस साल लॉकडाउन के बाद लोग साइकिल की तरफ अधिक आकर्षित हुए हैं, जिसकी एक वजह यह भी है कि लॉकडाउन में जिम और पार्क बंद रहे तो उन लोगों पर इसका सीधा असर पड़ा जो सुबह-शाम अपनी सेहत बनाने के लिए यहां जाते थे.

No vehicle day starts from Churu, Start of no vehicle day
साइकिलिंग करते लोग

डॉक्टर ने बताए साइकिलिंग के फायदे

डॉक्टर शंशाक चौधरी ने कहा कि साइकिलिंग के बहुत फायदे हैं. साइकिलिंग से उम्र कम दिखेगी, मांसपेशी मजबूत होगी और शरीर फिट रहेगी. उन्होंने बताया कि साइकिलिंग से तनाव से मुक्ति मिलती है. चौधरी ने बताया कि बिजी शेड्यूल के बावजूद वे हर रोज आधा घंटा साइकिलिंग करते हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि साइकिलिंग को बढ़ावा दें, इससे मोटर व्हीकल से बढ़ने वाला प्रदूषण भी कम होगा.

चूरू. राजस्थान में सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से महीने में एक दिन नो व्हीकल डे के रूप में मनाया जा रहा है. ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण से धरा को बचाने के लिए नो व्हीकल डे की शुरुआत चूरू जिले के एसोसिएट प्रोफेसर ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर की थी.

नो व्हीकल डे को देश में लागू करने की मांग

चूरू के एसोसिएट प्रोफेसर की इस पहल को पहले जिला कलेक्टर ने अपनाया और इसके बाद 'नो व्हीकल डे' की पहल को प्रदेश ने भी अपना लिया है. इसके बाद एसोसिएट प्रोफेसर अब इस मुहिम को देशभर में लागू करवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिख रहे हैं.

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महीने की हर पहली तारीख को मनाए जाने वाले नो व्हीकल डे की शुरुआत लोहिया महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जेबी खान और उनके कुछ साथियों ने 3 वर्ष पहले साल 2017 में चूरू से की थी. नो व्हीकल डे के इस अभियान को चूरू के तत्कालीन जिला कलेक्टर संदेश नायक ने 12 सितंबर 2019 को समस्त जिले में और परिवहन मंत्री ने 1 जनवरी 2020 को परिवहन विभाग में इसे लागू किया था.

No vehicle day starts from Churu, Start of no vehicle day
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जेबी खान

GK के सामान्य ज्ञान में मिली जगह

चूरू के राजकीय लोहिया महाविद्यालय से शुरू हुआ यह अभियान आज प्रदेश के सभी राजकीय व निजी महाविद्यालयों में लागू कर दिया गया है. यह चूरू और प्रदेश के लिए उपलब्धि ही कही जाएगी कि नो व्हीकल डे को GK के सामान्य ज्ञान में जगह मिली.

No vehicle day starts from Churu, Start of no vehicle day
जिला कलेक्टर का आदेश

डॉ. जेबी खान नो व्हीकल डे के फायदे गिनाते हुए बताते हैं कि इससे ना सिर्फ स्वास्थ्य सुधरेगा बल्कि इससे पैसे बचेंगे, पर्यावरण प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल की बचत होगी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जो लोग लगातार साइकिलिंग कर रहे हैं, उनके कोरोना महामारी से बचने के अधिक चांस हैं. वे बताते हैं कि साइकिलिंग से रोग-प्रतिरोधक क्षमता इतनी मजबूत हो जाती है कि अगर वायरस उनको इफेक्ट भी करता है तो वार कर निकल जाएगा, लेकिन नुकसान नहीं पहुंचाएगा.

लोगों की लाइफस्टाइल में आया बदलाव

कोरोना काल में काफी कुछ बदलाव आया है. महामारी ने लोगों की लाइफ स्टाइल को भी बदल कर रख दिया है और लोग स्कूटर, मोटरसाइकिल और कार की बजाए साइकिलिंग पर विश्वास जता रहे हैं. चूरू में साइकिलों की बिक्री में भी इजाफा हुआ है. साइकिल विक्रेता अमजद तुगलक बताते हैं कि इम्युनिटी बढ़ाने और व्यायाम के लिए लोग साइकिलिंग के प्रति आकर्षित हो रहे हैं.

No vehicle day starts from Churu, Start of no vehicle day
जेबी खान ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

पढ़ें- Special : जान हथेली पर रख काम करने को मजबूर मजदूर...नहीं दिए जाते सुरक्षा उपकरण

अमजद तुगलक बताते हैं कि वे साइकिल के इस व्यवसाय से पिछले 15 वर्षों से जुड़े हैं. इस साल लॉकडाउन के बाद लोग साइकिल की तरफ अधिक आकर्षित हुए हैं, जिसकी एक वजह यह भी है कि लॉकडाउन में जिम और पार्क बंद रहे तो उन लोगों पर इसका सीधा असर पड़ा जो सुबह-शाम अपनी सेहत बनाने के लिए यहां जाते थे.

No vehicle day starts from Churu, Start of no vehicle day
साइकिलिंग करते लोग

डॉक्टर ने बताए साइकिलिंग के फायदे

डॉक्टर शंशाक चौधरी ने कहा कि साइकिलिंग के बहुत फायदे हैं. साइकिलिंग से उम्र कम दिखेगी, मांसपेशी मजबूत होगी और शरीर फिट रहेगी. उन्होंने बताया कि साइकिलिंग से तनाव से मुक्ति मिलती है. चौधरी ने बताया कि बिजी शेड्यूल के बावजूद वे हर रोज आधा घंटा साइकिलिंग करते हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि साइकिलिंग को बढ़ावा दें, इससे मोटर व्हीकल से बढ़ने वाला प्रदूषण भी कम होगा.

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