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गर्भवती महिला की मौत मामले में प्रशासन और परिजनों में बनी सहमति...80 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार

चूरू के रामपुरा गांव में गर्भवती महिला की मौत के बाद परिजन लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. रविवार को परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. परिजन प्रशासन से 10 लाख रुपए मुआवजे की मांग कर रहे थे. वहीं, करीब 80 घंटे बीत जाने के बाद सहमति बनी और प्रसाशन ने राहत की सांस ली.

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प्रसाशन ने ली राहत की सांस
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Published : Oct 12, 2020, 7:30 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 8:06 PM IST

चूरू. रामपुरा गांव में पिछले 80 घंटे से 25 साल की गर्भवती महिला की मौत के बाद से शुरू हुआ धरना-प्रदर्शन अब समाप्त हो गया है. महिला की मौत के चौथे दिन परिजन शव के अंतिम संस्कार को राजी हुए. तब जाकर जिला प्रसाशन ने भी राहत की सांस ली.

रामपुरा गांव में हर गुजरते दिन के साथ जहां प्रसाशन को अनहोनी होने का डर सता रहा था. वहीं शव भी मौत के बाद हो रही दुर्दशा को देखकर अंतिम संस्कार को तरस रहा था. सोमवार को 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की जिला प्रशासन से हुई वार्ता सफल रही और परिजन शव लेने को राजी हुए. यहां महिला की मौत के बाद से जहां परिजन और ग्रामीण मुआवजे की मुख्य मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे तो वहीं जिला प्रसाशन के साथ हुई प्रतिनिधिमंडल की वार्ता में प्रसाशन ने पीड़ित परिवार को सात लाख रुपए मुआवजा सरकार की ओर से तीन लाख रुपए तीन भामाशाहों की ओर से देने की सहमति बनने के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

प्रसाशन ने ली राहत की सांस

यह भी पढ़ें: गर्भवती महिला की मौत के मामले में राठौड़ का बड़ा बयान, कहा- कृष्णा पूनिया के इशारे पर हुआ लाठीचार्ज

राजगढ़ तहसील के रामपुरा गांव में गर्भवती महिला की मौत के बाद से हो रहे धरने प्रदर्शन में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पिछले दो दिनों से शरीक हो रहे थे. सोमवार को जिला प्रसाशन के साथ हुई सफल वार्ता का श्रेय भी राठौड़ को जाता है. राठौड़ सहित 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में राजगढ़ के पूर्व बसपा विधायक मनोज न्यागली, निवर्तमान जिला प्रमुख हरलाल सहारण सहित ग्रामीण शामिल रहे.

यह भी पढ़ें: चूरू में गर्भवती महिला की मौत के बाद उग्र प्रदर्शन, पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल

इन बातों पर बनी सहमति...

गर्भवती महिला की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे परिजनों और ग्रामीणों की दस लाख रुपए के मुआवजे सहित लापरवाह स्टाफ को हटाए जाने की मांग थी. इसे जिला प्रसाशन ने पहले ही हटा दिया था तो परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग थी, वह भी मान ली गई. मामले की जांच की मांग को भी माना गया और बीकानेर से दो सदस्यीय जांच कमेटी गांव रामपुरा पहुंच गई. प्राथमिक अस्पताल में 104 एम्बुलेंस की जगह 108 एम्बुलेंस की मांग को भी माना गया.

राजेंद्र राठौड़ ने TWEET करके दी जानकारी

  • इस मुआवजा राशि में राज्य सरकार की ओर से 7 लाख रु, 1-1 लाख रु राजगढ़ के पूर्व चैयरमेन व भामाशाह राधेश्याम जी की ओर से तथा शेष 1 लाख रु मेरे व पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां जी की ओर से पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। (3/3)@BJP4Rajasthan @BJP4Churu @RajGovOfficial

    — Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) October 12, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विधायक और विधानसभा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने रामपुरा गांव में पिछले 4 दिनों से चल रहे गर्भवती महिला की मौत मामले में प्रदर्शन की समाप्ति की घोषणा ट्वीट के ज़रिए दी है. राठौड़ ने गांव रामपुरा में जिला प्रशासन के साथ विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद मामले की जानकारी अपने टि्वटर हैंडल पर ट्वीट करके दी राठौर ने ट्वीट किया की चूरू में गर्भवती महिला की मौत मामले में जिला कलेक्टर एसपी के साथ सकारात्मक वार्ता की जिसमें पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा,उपचार में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर व स्टाफ को बदलने वह मामले की विशेषज्ञों से जांच करवाने,गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 108 एंबुलेंस की स्थाई व्यवस्था करने पीड़ित परिवार के सदस्यों को संविदा स्तर पर नौकरी देने और महिलाओं के साथ हुए लाठीचार्ज की निष्पक्ष जांच सहित विभिन्न मांगों पर सहमति बनने की जानकारी दी।

चूरू. रामपुरा गांव में पिछले 80 घंटे से 25 साल की गर्भवती महिला की मौत के बाद से शुरू हुआ धरना-प्रदर्शन अब समाप्त हो गया है. महिला की मौत के चौथे दिन परिजन शव के अंतिम संस्कार को राजी हुए. तब जाकर जिला प्रसाशन ने भी राहत की सांस ली.

रामपुरा गांव में हर गुजरते दिन के साथ जहां प्रसाशन को अनहोनी होने का डर सता रहा था. वहीं शव भी मौत के बाद हो रही दुर्दशा को देखकर अंतिम संस्कार को तरस रहा था. सोमवार को 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की जिला प्रशासन से हुई वार्ता सफल रही और परिजन शव लेने को राजी हुए. यहां महिला की मौत के बाद से जहां परिजन और ग्रामीण मुआवजे की मुख्य मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे तो वहीं जिला प्रसाशन के साथ हुई प्रतिनिधिमंडल की वार्ता में प्रसाशन ने पीड़ित परिवार को सात लाख रुपए मुआवजा सरकार की ओर से तीन लाख रुपए तीन भामाशाहों की ओर से देने की सहमति बनने के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

प्रसाशन ने ली राहत की सांस

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राजगढ़ तहसील के रामपुरा गांव में गर्भवती महिला की मौत के बाद से हो रहे धरने प्रदर्शन में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पिछले दो दिनों से शरीक हो रहे थे. सोमवार को जिला प्रसाशन के साथ हुई सफल वार्ता का श्रेय भी राठौड़ को जाता है. राठौड़ सहित 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में राजगढ़ के पूर्व बसपा विधायक मनोज न्यागली, निवर्तमान जिला प्रमुख हरलाल सहारण सहित ग्रामीण शामिल रहे.

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इन बातों पर बनी सहमति...

गर्भवती महिला की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे परिजनों और ग्रामीणों की दस लाख रुपए के मुआवजे सहित लापरवाह स्टाफ को हटाए जाने की मांग थी. इसे जिला प्रसाशन ने पहले ही हटा दिया था तो परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग थी, वह भी मान ली गई. मामले की जांच की मांग को भी माना गया और बीकानेर से दो सदस्यीय जांच कमेटी गांव रामपुरा पहुंच गई. प्राथमिक अस्पताल में 104 एम्बुलेंस की जगह 108 एम्बुलेंस की मांग को भी माना गया.

राजेंद्र राठौड़ ने TWEET करके दी जानकारी

  • इस मुआवजा राशि में राज्य सरकार की ओर से 7 लाख रु, 1-1 लाख रु राजगढ़ के पूर्व चैयरमेन व भामाशाह राधेश्याम जी की ओर से तथा शेष 1 लाख रु मेरे व पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां जी की ओर से पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। (3/3)@BJP4Rajasthan @BJP4Churu @RajGovOfficial

    — Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) October 12, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विधायक और विधानसभा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने रामपुरा गांव में पिछले 4 दिनों से चल रहे गर्भवती महिला की मौत मामले में प्रदर्शन की समाप्ति की घोषणा ट्वीट के ज़रिए दी है. राठौड़ ने गांव रामपुरा में जिला प्रशासन के साथ विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद मामले की जानकारी अपने टि्वटर हैंडल पर ट्वीट करके दी राठौर ने ट्वीट किया की चूरू में गर्भवती महिला की मौत मामले में जिला कलेक्टर एसपी के साथ सकारात्मक वार्ता की जिसमें पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा,उपचार में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर व स्टाफ को बदलने वह मामले की विशेषज्ञों से जांच करवाने,गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 108 एंबुलेंस की स्थाई व्यवस्था करने पीड़ित परिवार के सदस्यों को संविदा स्तर पर नौकरी देने और महिलाओं के साथ हुए लाठीचार्ज की निष्पक्ष जांच सहित विभिन्न मांगों पर सहमति बनने की जानकारी दी।

Last Updated : Oct 12, 2020, 8:06 PM IST
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