चूरू. मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स को इस प्रकार की पढ़ाई में कोई समस्या नहीं हो, इसलिए जिले के 94 साल के पूर्व प्रधान रामनाथ कस्वां ने चूरू मेडिकल कॉलेज प्रशासन से देहदान की इच्छा प्रकट की है. कॉलेज प्रशासन की ओर से इस मामले में प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
पूर्व प्रधान का कहना है कि देहदान की इच्छा जताने पर शुरू में घर वालों ने परंपराओं का हवाला देकर विरोध किया, लेकिन जब उनको समझाया तो वे मान गए. मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल ने बताया कि रामनाथ कस्वां ने देहदान की इच्छा जताई है. इसके लिए एक प्रक्रिया होती है. संबंधित डिपार्टमेंट को कह दिया है. अच्छा है मरने के बाद भी काम आना. वहीं एनोटॉमी डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष रजनी पटेल ने बताया कि कॉलेज में अभी आठ डेड बॉडी है. स्टूडेंट्स की संख्या के लिए यह ठीक है. अभी तीन ही बॉडी ओपन कर रखी है. 4 बॉडी उदयपुर से, 2 जयपुर से और 2 बॉडी बीकानेर से मंगवाई गई है.
चूरू मेडिकल कॉलेज में है 8 डेड बॉडी...
चूरू मेडिकल कॉलेज में अभी आठ मानव मृत शरीर है. यहां पढ़ रहे 150 स्टूडेंट्स के लिए यह संख्या काफी हैं, लेकिन यह सभी मृत शरीर बाहर से मंगाए गए है. अभी कॉलेज में यह दूसरा ही सत्र है. आने वाले दिनों में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने पर ज्यादा डेड बॉडी की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में रामनाथ कस्वां की पहल बेहद अच्छी है और स्थानीय लोगों के लिए प्रेरणादायक भी साबित हो सकेगी.
लोगों के लिए बन गए हैं आइडल...
डेड बॉडी से मानव शरीर के अंगो का अध्ययन किया जाता है. डेड बॉडी से ही मानव शरीर में होने वाले कई प्रकार के रोग और ऑपरेशन का ज्ञान मिलता है, इसलिए किसी भी मेडिकल कॉलेज के एनोटोमी डिपार्टमेंट के लिए मानव शरीर बेहद जरूरी होता है. ऐसे में रामनाथ कस्वां की पहल बेहद अच्छी है और स्थानीय लोगों के लिए प्रेरणादायक भी साबित हो सकेगी.