चुरू. जिले के जलदाय विभाग इन समस्याओं को दूर करने के लिए काफी कोशिश कर रही है, लेकिन विभाग में ही आधे से ज्यादा अधिकारियों के पद खाली होने के कारण खुद विभाग ही कई समस्याओं से जूझ रहा है. ऐसे में न तो लोगों की शिकायतें दूर हो रही हैं और न ही जनप्रतिनिधियों की सुनी जा रही हैं. जिले में अधिकारियों के 80 पद है, जिनमें से 48 पद रिक्त है. हालांकि जलदाय विभाग के चुरू सर्किल के अधीक्षण अभियंता की ओर से डिपार्टमेंट को इन पदों पर नियुक्तियां करने को लेकर पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक यहां अधिकारी नहीं लगाए गए हैं.
पेयजल समस्या के समाधान को लेकर अधिकारियों के नंबर जारी
चुरू जलदाय विभाग की ओर से पेयजल की किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों के नंबर जारी किए गए हैं, लेकिन पद रिक्त होने के कारण विभाग का यह नवाचार पूरी तरह से सफल नहीं हो रहा है.
पानी की चोरी रोकने के लिए कलेक्टर ने संभाल रखी है कमान
जिले में पानी की चोरी रोकने और पेयजल की समस्या के समाधान के लिए जिला कलेक्टर संदेश नायक ने अपने हाथों में कमान ले रखी है. वे पानी चोरी करने वालों के खिलाफ लगातार जुर्माने लगा रहे हैं. वहीं कुछ लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई गयी हैं, लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों के पद रिक्त होने की कमी काफी खल रही हैं.
प्रभारी मंत्री सुभाष गर्ग के सामने भी उठाया गया मुद्दा
हाल ही में चूरू आने पर प्रभारी मंत्री सुभाष गर्ग के सामने भी जलदाय विभाग के अधिकारियों ने पद रिक्त होने का मुद्दा उठाया था. मंत्री ने रिक्त पदों को भरने का आश्वासन भी दिया था.
80 में से 48 पद रिक्त
जिले में अधिकारियों के 80 पद स्वीकृत है जिनमें से 48 पद खाली पड़ा हैं. यानी कि महज 31 पद ही भरे हुए हैं. अधीक्षण अभियंता का एक पद है और उस पर अभी पीसी मिढा कार्यरत है. अधिशासी अभियंता के 7 पद स्वीकृत है जिनमें से 2 पद खाली पड़े हैं. सहायक अभियंता के 29 पद स्वीकृत हैं इनमें से 20 पद रिक्त है. वहीं कनिष्ठ अभियंता के 43 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 23 पद अब भी रिक्त है.
जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता पीसी मिढा का कहना है कि जलदाय विभाग में अभी 80 में से 48 पद खाली है. ऐसे में जल वितरण से संबंधित कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं. इसको लेकर 3 जून को उच्चाधिकारियों को लेटर भी लिखा गया है. मगर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया हैं.