चित्तौड़गढ़. विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक चित्तौड़ दुर्ग पर साल के अंतिम दिनों में पर्यटकों की खासी भीड़ देखी जा रही है. वहीं क्रिसमस के साथ ही अवकाश शुरू हो गए हैं, जो दिसंबर के आखरी सप्ताह तक रहेंगे. ऐसे में पर्यटक दुर्ग की ओर रुख कर रहे हैं. खास तौर पर गुजरात के पर्यटकों की खासी भीड़ यहां पहुंच रही है. इससे स्थानीय लोगों को जहां रोजगार की आस बंधने लगी है वही यहां आने वाले सैलानी दुर्ग के इतिहास को जानकर अभिभूत हो रहे हैं.
कोरोना काल के कारण लम्बे अर्से से दुर्ग पर पर्यटकों की आवाजाही नहीं होने से स्थानीय लोगों के रोजगार पर खासा असर पड़ने लग गया था. लेकिन जैसे-जैसे कोरोना संक्रमणों की संख्या में कमी आने लगी, वैसे ही दुर्ग पर पर्यटकों की चहल कदमी शुरू हो गई. गत दो माह से सैलानियों की आवाजाही शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार की आस भी बंधी है.
क्रिसमस डे का अवकाश होने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने लगा है. 25 से 31 दिसम्बर तक दुर्ग पर पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ स्मारकों को देखने के लिये पहुंच रही है. पर्यटकों की भीड़ के कारण दुर्ग के मार्ग पर वाहनों का जमावड़ा लगने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इससे निपटने के लिये यातायात पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
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दुर्ग को देखने के लिये ऑनलाइन टिकट व्यवस्था लगातार पर्यटकों के लिये दुविधा का विषय बन रहा है. यहां लोगों को घंटों कतार में खड़े रह कर टिकट के लिये जद्दोजहद करनी पड़ रही है. वही टिकट नहीं मिलने के कारण कई पर्यटक बिना दुर्ग भ्रमण किये ही लौटने को मजबूर हो रहे है. वही दूसरी ओर पर्यटकों की आवाजाही के कारण गाईड, फोटो ग्राफर सहित स्थानीय रोजगार को भी बढावा मिलने लगा है.
पर्यटन व्यवसाय ने पकड़ी रफ्तार
हालांकि दीपावली के बाद सुस्त पड़े पर्यटन व्यवसाय ने रफ्तार पकड़ ली है. लेकिन कुछ दिनों से पर्यटन व्यवसाय सुस्त पड़ा हुवा था. वहीं साल का आखरी सप्ताह दुर्ग से जुड़े व्यवसाय के लिए मुनाफे का सौदा शाबित हो रहा है. दुर्ग और हैंडीक्राफ्ट के अलावा फोटोग्राफी, गाइड, होटल, रेस्टोरेंट आदि का व्यवसाय तेज हो गया है.