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चित्तौड़गढ़: लॉकडाउन के चलते एक महीने देरी से होगी वन्यजीव गणना

लॉकडाउन के चलते चित्तौड़गढ़ में हर साल बुद्ध पूर्णिमा को होने वाली वन्यजीव गणना नहीं हो पाई है. इसलिए इसे एक महीने के लिए टाल दिया गया है. अब इसे जेष्ठ महीने की पूर्णिमा को किया जाएगा.

Census of Wildlife, कपासन न्यूज
लॉकडाउन के चलते नहीं हुई बुद्ध पूर्णिमा को होने वाली वन्यजीव गणना
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Published : May 8, 2020, 10:59 AM IST

कपासन (चित्तौड़गढ़). कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र में पड़ा है. लोगों के हर तरह के काम धंधे ठप हो गए हैं. इसी कड़ी में लॉकडाउन का असर वन्यजीव गणना पर भी पड़ा है. हर साल बुद्ध पूर्णिमा को होने वाली वन्यजीव गणना लॉकडाउन के चलते इस माह नहीं हो पाएगी. इसे एक महीने आगे टाल दिया गया है. अब इसे जेष्ठ पूर्णिमा (जून माह) पर किया जाएगा.

प्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर के आदेशानुसार मई के बजाय जून माह में वन्य जीवों की गणना शुरू होगी. वन्यजीव विशेषज्ञ उज्जवल दाधीच ने बताया कि ये गणना 24 घंटे में होती है. जो एक दिन सुबह 8 बजे शुरू होकर दूसरे दिन सुबह 8 बजे तक चलती है. चित्तौड़गढ़ जिले में वन्यजीव गणना के दौरान वन्यजीवों में मुख्यतः पैंथर, भालू, पैंगोलिन, जरख, सियार, जंगली बिल्ली, भारतीय लोमड़ी, भेड़िया, सियागोश, चिंकारा, सांभर, चौसिंघा, जंगली सुअर, सेही, नीलगाय, उड़न गिलहरी, पक्षियों की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां, उल्लू की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां आदि शामिल हैं.

पढ़ें- उदयपुर में एक ही परिवार के 5 लोग कोरोना से संक्रमित

साथ ही उन्होंने बताया कि गणना को वाइल्डलाइफ सेंसस की जगह वाइल्डलाइफ एस्टिमेशन नाम देना काफी सही रहेगा. क्योंकि इस गणना में वास्तविक संख्या नहीं मिलती है. इसीलिए आकलन शब्द ठीक है.

कपासन (चित्तौड़गढ़). कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र में पड़ा है. लोगों के हर तरह के काम धंधे ठप हो गए हैं. इसी कड़ी में लॉकडाउन का असर वन्यजीव गणना पर भी पड़ा है. हर साल बुद्ध पूर्णिमा को होने वाली वन्यजीव गणना लॉकडाउन के चलते इस माह नहीं हो पाएगी. इसे एक महीने आगे टाल दिया गया है. अब इसे जेष्ठ पूर्णिमा (जून माह) पर किया जाएगा.

प्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर के आदेशानुसार मई के बजाय जून माह में वन्य जीवों की गणना शुरू होगी. वन्यजीव विशेषज्ञ उज्जवल दाधीच ने बताया कि ये गणना 24 घंटे में होती है. जो एक दिन सुबह 8 बजे शुरू होकर दूसरे दिन सुबह 8 बजे तक चलती है. चित्तौड़गढ़ जिले में वन्यजीव गणना के दौरान वन्यजीवों में मुख्यतः पैंथर, भालू, पैंगोलिन, जरख, सियार, जंगली बिल्ली, भारतीय लोमड़ी, भेड़िया, सियागोश, चिंकारा, सांभर, चौसिंघा, जंगली सुअर, सेही, नीलगाय, उड़न गिलहरी, पक्षियों की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां, उल्लू की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां आदि शामिल हैं.

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साथ ही उन्होंने बताया कि गणना को वाइल्डलाइफ सेंसस की जगह वाइल्डलाइफ एस्टिमेशन नाम देना काफी सही रहेगा. क्योंकि इस गणना में वास्तविक संख्या नहीं मिलती है. इसीलिए आकलन शब्द ठीक है.

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