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चित्तौड़गढ़ः श्मशान की जमीन पर कब्जा, ग्रामीणों ने लगाई प्रशासन से गुहार - Villagers appealed to the administration

चित्तौड़गढ़ जिले के पंचायत समिति में आने वाले नया मायरा गांव के ग्रामीणों ने श्मशान भूमि को निजी बता कर अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ जिला कलेक्टर चेतन रामदेवड़ा को ज्ञापन सौंपा

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ग्रामीणों ने लगाई प्रशासन से गुहार
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Published : Jan 3, 2020, 8:19 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले की पंचायत समिति में आने वाले नया मायरा गांव के ग्रामीणों ने श्मशान भूमि को निजी बता कर अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए जिला कलेक्टर चेतन रामदेवड़ा को ज्ञापन सौंपा. इसमें श्मशान भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की है.

ग्रामीणों ने लगाई प्रशासन से गुहार

बता दें कि नया मायरा गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण चितौड़गढ़ कलक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया कि ग्राम नया मायरा में स्थित श्मशान भूमि जो पिछले करीब 40-45 सालों से है. इसका उपयोग गांव के लोग श्मशान के लिए किया करते आ रहे हैं. इस भूमि में सभी ग्रामवासियों आपस में धनराशि एकत्र कर इस पर चबूतरा निर्माण करवाना चाहते हैं. इसे ग्रामीणों द्वारा निर्माण आरंभ कराया गया, लेकिन निकट की भूमि खातेदार किशनलाल डांगी, नारायण, शांतिलाल डांगी द्वारा अपनी जमीन बता रहे हैं और पटवारी के साथ मिली भगत कर चरनोट भूमि में अपना हिस्सा बता रहे हैं.

पढ़ेंः रामगढ़ः श्मशान के रास्ते में भरा है कीचड़ का पानी, जनाजे में शामिल होने से घबराते है ग्रामीण...

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि इनके द्वारा निर्माण कार्य रुकवाया जा रहा है, जबकि निर्माण आरंभ करने से पूर्व सभी ग्रामवासियों ने इनको अवगत कराया था. इसमें खातेदार की पूर्ण सहमति थी. जमीन चरनोट होकर श्मशान के लिए है. इस पर निजी व्यक्ति या खातेदार का कोई कब्जा स्वामित्व आधिपत्य नहीं है. ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि मौके पर पटवारी को लाकर यह लोग आपत्ति कर रहे हैं, जो गलत है. ग्रामवासियों ने इनको पाबंद कर निष्पक्ष जांच की मांग की है.

चित्तौड़गढ़. जिले की पंचायत समिति में आने वाले नया मायरा गांव के ग्रामीणों ने श्मशान भूमि को निजी बता कर अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए जिला कलेक्टर चेतन रामदेवड़ा को ज्ञापन सौंपा. इसमें श्मशान भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की है.

ग्रामीणों ने लगाई प्रशासन से गुहार

बता दें कि नया मायरा गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण चितौड़गढ़ कलक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया कि ग्राम नया मायरा में स्थित श्मशान भूमि जो पिछले करीब 40-45 सालों से है. इसका उपयोग गांव के लोग श्मशान के लिए किया करते आ रहे हैं. इस भूमि में सभी ग्रामवासियों आपस में धनराशि एकत्र कर इस पर चबूतरा निर्माण करवाना चाहते हैं. इसे ग्रामीणों द्वारा निर्माण आरंभ कराया गया, लेकिन निकट की भूमि खातेदार किशनलाल डांगी, नारायण, शांतिलाल डांगी द्वारा अपनी जमीन बता रहे हैं और पटवारी के साथ मिली भगत कर चरनोट भूमि में अपना हिस्सा बता रहे हैं.

पढ़ेंः रामगढ़ः श्मशान के रास्ते में भरा है कीचड़ का पानी, जनाजे में शामिल होने से घबराते है ग्रामीण...

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि इनके द्वारा निर्माण कार्य रुकवाया जा रहा है, जबकि निर्माण आरंभ करने से पूर्व सभी ग्रामवासियों ने इनको अवगत कराया था. इसमें खातेदार की पूर्ण सहमति थी. जमीन चरनोट होकर श्मशान के लिए है. इस पर निजी व्यक्ति या खातेदार का कोई कब्जा स्वामित्व आधिपत्य नहीं है. ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि मौके पर पटवारी को लाकर यह लोग आपत्ति कर रहे हैं, जो गलत है. ग्रामवासियों ने इनको पाबंद कर निष्पक्ष जांच की मांग की है.

Intro:चित्तौडग़ढ़। जिले की पंचायत समिति चितौड़गढ़ की ग्राम पंचायत अरनिया पंथ में आने वाले नया मायरा गांव के ग्रामीणों ने शमशान भूमि को निजी बता कर अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए जिला कलेक्टर चेतन रामदेवड़ा को ज्ञापन सौंपा। इसमें शमशान भूमि से अतिक्रमण हटाने की मांग की है। Body:जानकारी के अनुसार नया मायरा गांव से बड़ी संख्या में ग्रामीण चितौड़गढ़ कलक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि ग्राम नया मायरा में स्थित श्मशान भूमि जो पिछले करीब 40-45 सालों से है। इसका उपयोग गांव के लोग श्मशान के लिए किया करते आ रहे हैं। इस भूमि में सभी ग्रामवासियों आपस में धनराशि एकत्र कर इस पर चबूतरा निर्माण करवाना चाहते हैं। इसे ग्रामीणों द्वारा निर्माण आरंभ कराया गया लेकिन निकट की भूमि खातेदार किशनलाल डांगी, नारायण, शांतिलाल डांगी द्वारा अपनी जमीन बता रहे हैं तथा पटवारी के साथ मिली भगत कर चरनोट भूमि में अपना हिस्सा बता रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इनके द्वारा निर्माण कार्य रुकवाया जा रहा है, जबकि निर्माण आरंभ करने से पूर्व सभी ग्रामवासियों ने इनको अवगत कराया था। इसमें खातेदार की पूर्ण सहमति थी। जमीन चरनोट होकर शमशान के लिए है। इस पर निजी व्यक्ति या खातेदार का कोई कब्जा स्वामित्व आधिपत्य नहीं है। ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि मौके पर पटवारी को लाकर यह लोग आपत्ति कर रहे हैं, जो गलत है। ग्रामवासियों ने इनको पाबंद कर निष्पक्ष जांच की मांग की है।Conclusion:बाइट - प्रभुलाल डांगी, नया मायरा
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