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कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कपासन में दीपदान सहित कई धार्मिक आयोजन - चित्तौड़गढ़ खबर

कपासन में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान चारभुजा मंदिर में करीब 1100 दीपक के साथ महाआरती की गई. वहीं, राजराजेश्वर सरोवर में महिलाओं और पुरुषों ने दीपदान भी किया.

कार्तिक पूर्णिमा पर्व Karthik Purnima festival
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Published : Nov 12, 2019, 11:39 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के कपासन नगर में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर्व बड़े ही श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर मंदिरों में भगवान को आकर्षक तरीके से श्रृंगारित किया गया.

कपासन में मनाया गया कार्तिक पूर्णिमा पर्व

इस दौरान नगर के चारभुजा मंदिर में करीब 1100 दीपक से महाआरती का आयोजन किया गया. वहीं, कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भगवान को विशेष स्नान कराकर मंदिर में भजन कीर्तन आयोजित किए गए.

पढ़ें. वंशवाद को खाद्य पानी दे रहे नगरीय निकाय चुनाव, यहां पिछले तीन दशकों से 5-7 परिवारों का है दबदबा

बता दें, कि कार्तिक मास में व्रत रखने वाले महिलाएं और पुरुष राजराजेश्वर सरोवर पहुंच कर दीपदान किया. यह दीपदान देव प्रबोधिनी एकादशी से 5 दिन तक किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन दीप दान का विशेष महत्व होता है.

व्रतार्थी महीलाओं ने पटसन, झुट के पौधे के डण्टल और कागज की नाव बनाकर उनमें दीप जलाकर सरोवर में प्रवाहित किया. कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले बैकुंठी चौदस पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने सरोवर हनुमान घाट पर पूजा अर्चना कर दीपदान किया. इस दौरान मंदिर में विशेष दर्शन के साथ ही भजन कीर्तन भी हुए.

चित्तौड़गढ़. जिले के कपासन नगर में मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर्व बड़े ही श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर मंदिरों में भगवान को आकर्षक तरीके से श्रृंगारित किया गया.

कपासन में मनाया गया कार्तिक पूर्णिमा पर्व

इस दौरान नगर के चारभुजा मंदिर में करीब 1100 दीपक से महाआरती का आयोजन किया गया. वहीं, कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भगवान को विशेष स्नान कराकर मंदिर में भजन कीर्तन आयोजित किए गए.

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बता दें, कि कार्तिक मास में व्रत रखने वाले महिलाएं और पुरुष राजराजेश्वर सरोवर पहुंच कर दीपदान किया. यह दीपदान देव प्रबोधिनी एकादशी से 5 दिन तक किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन दीप दान का विशेष महत्व होता है.

व्रतार्थी महीलाओं ने पटसन, झुट के पौधे के डण्टल और कागज की नाव बनाकर उनमें दीप जलाकर सरोवर में प्रवाहित किया. कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले बैकुंठी चौदस पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने सरोवर हनुमान घाट पर पूजा अर्चना कर दीपदान किया. इस दौरान मंदिर में विशेष दर्शन के साथ ही भजन कीर्तन भी हुए.

Intro:कपासन नगर में कार्तिक पूर्णिमा पर्व मंगलवार को श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मंदिरों में भगवान को आकर्षक श्रृंगारित किया गया। विशेष दर्शन के साथ ही मंदिरो में भजन कीर्तन हुए।Body:कपासन -नगर में कार्तिक पूर्णिमा पर्व मंगलवार को श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मंदिरों में भगवान को आकर्षक श्रृंगारित किया गया। विशेष दर्शन के साथ ही मंदिरो में भजन कीर्तन हुए।
नगर के चारभुजा मंदिर पर 1008 दीपक से महाआरती का आयोजन किया गया। कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान को विशेष स्नान कराया गया ,मंदिर में भजन कीर्तन हुए इस दौरान कार्तिक मास के व्रत करने वाले महिला पुरुष राजराजेश्वर सरोवर पहुंच कर दीपदान किया। जो पूरे मास व्रत नहीं करते हुए एकादशी से पूर्णिमा तक व्रत कर दीपदान करते हैं । दीपदान देव प्रबोधिनी एकादशी से 5 दिन तक किया जाता है । शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन दीप दान का विशेष महत्व होता है। राजराजेश्वर तालाब में दीप दान किया गया। व्रतार्थी महीलाओं ने पटसन, झुट के पौधे के डण्टल व कागज की नावे बना कर उनमें दीप जलाकर सरोवर में प्रवाहित किया। दीपदान से पूर्व सरोवर के पानी से स्नान कर पूजा अर्चना की गई। कार्तिक पूर्णिमा से 1 दिन पूर्व बैकुंठी चौदस पर भी बड़ी संख्या में सरोवर हनुमान घाट पर पूजा अर्चना कर दीपदान किया गया।Conclusion:बाइट-मन्दिर मण्डल सदस्य-अनिल कुमार सोमानी
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