चित्तौड़गढ़. जिला चिकित्सालय के क्वॉरेंटाइन सेंटर से गत 3 मई को पांच बंदी फरार हुए थे. इन्होंने क्वॉरेंटाइन सेंटर के ऊपरी मंजिल पर दरवाजे को टेढ़ा कर भाग गए थे. इनकी गिरफ्तारी को लेकर पूरे जिले में सभी थाना पुलिस को अलर्ट किया गया था. इनमें से तीन बंदी पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे. वहीं शेष दो की तलाश की जा रही थी.
मामले में सामने आया, पारसोली थानाधिकारी संजय कुमार ने थाने पर दर्ज पॉक्सो एक्ट में गिरफ्तार पिन्टु पिता संतोष उर्फ छोटु सनाढय (शर्मा) निवासी हरपुरा थाना पारसौली और मुकेश उर्फ पप्पूलाल पिता कन्हैयालाल सालवी निवासी चावडिण्या थाना पारसौली को गिरफ्तार किया था. इन्हें न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया था. दोनों आरोपियों की कोविड- 19 जांच कराई गई तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से जिला चिकित्सालय के कॉरेंटाइन सेन्टर 29 अप्रैल को पुलिस सुरक्षा गार्ड की निगरानी में भर्ती कराया गया था. ये वहां से 3 मई को मौका पाकर फरार हो गए थे.
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इसकी सूचना थाना पारसौली पर प्राप्त होने पर एसएचओ ने नाकाबन्दी और तलाश की. साथ ही थाना हाजा पर दो टीमों का गठन कर तलाश के लिए रवाना किया. इस पर एएसआई गोपाल सिंह, हेड कांस्टेबल प्रेम सिंह, कांस्टेबल हेमराम, रणजीत, भागीरथ की टीम गठीत की. इन्होंने अथक प्रयास कर तलाश की और साइबर एक्सपर्ट हेड कांस्टेबल राजकुमार सोनी की मदद से तलाश की. इसमें पता चला की क्वॉरेंटाइन सेन्टर से फरार पिन्टु सनाढय और मुकेश की लोकेशन सतारा महाराष्ट्र की तरफ आ रही है.
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सूचना पर दोनों टीम को सतारा महाराष्ट्र की तरफ रवाना किया गया. इन्होंने साइबर एक्सपर्ट की मदद से बताई गई लोकेशन पर पहुंचकर दोनों फरार आरोपियों को गठित स्थानीय व राजस्थान प्रवासी लोगों की मदद से इनके फोटो दिखाए. काफी प्रयास से पुलिस ने फरार पिन्टु सनाढय व मुकेश सालवी को महाराष्ट्र में गुजरात बोर्डर से डिटेन कर पारसौली थाने लाए, जिनसे पूछताछ जारी है.