चित्तौड़गढ़. विश्वविख्यात चित्तौड़गढ़ दुर्ग (Chittorgarh Fort) के कुम्भा महल (Kumbha Palace) में 13 सालों से चल रहे लाइट एंड साउंड शो (Light & Sound Show ) को बंद करके अब इसे नई टेक्नोलॉजी के साथ संचालित किया जाएगा. इसका कार्य लॉकडाउन (Lockdown) से पहले ही शुरू हो चुका था, लेकिन कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बीच में ही रोकना पड़ा. एक बार फिर जब लॉकडाउन खुला तो इस कार्य को गति दी गई और अगस्त महीने में इसके पूरा होने की संभावना है.
केंद्र सरकार के स्वदेश दर्शन प्रोजेक्ट (Swadesh Darshan Project) में हेरिटेज सर्किट (Heritage Circuit) के तहत यह कार्य किया जा रहा है. शो की कार्यकारिणी एजेंसी राजस्थान टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (RTDC) है. इस लाइट एंड साउंड शो में मेवाड़ के इतिहास की जानकारी दी जाती है. दुर्ग पर आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों (Foreign Tourist) के बीच यह शो काफी प्रसिद्ध है. वहीं आरटीडीसी की ओर से इसकी टेक्नोलॉजी में बदलाव किए जा रहे हैं.
5.50 करोड़ रुपए लागत
आरटीटीसी के मैनेजर रवि चतुर्वेदी ने बताया कि लगभग 5.50 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहे इस शो में बदलाव किए जा रहे हैं. बेंगलुरु की बीएनए कंपनी को इसका ठेका दिया गया है. इस शो में आधुनिक विश्व स्तरीय तकनीक (World Class Technology) का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इसमें लेजर और ग्राफिक्स के जरिए सारा शो दिखाया जाएगा. स्क्रिप्ट तो वही रहेगी, लेकिन नए तरीके से इसको देखने का मौका मिलेगा. अब इतिहास की जानकारी पर्यटकों को नए तरीके से दी जाएगी. उम्मीद है कि उन्हें इसमें काफी अच्छा लगेगा। उन्होंने बताया कि नए शो के चलने के बाद ही पुराने शो को बंद किया जाएगा। वहीं, शो को इंग्लिश और हिंदी दोनों भाषाओं में दिखाया जाएगा.
आधुनिक तकनीक का उपयोग
कंपनी के तकनीशियन मनीष शर्मा ने बताया कि 13 साल पुरानी तकनीक पर यह शो अभी तक चल रहा है, लेकिन अब जब पर्यटकों के बीच चित्तौड़ दुर्ग का काफी नाम है और वर्ल्ड हेरिटेज में भी यह शुमार है तो यहां पर्यटकों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. इसे अपग्रेड करके लेजर, ग्राफिक्स, डिम लाइट सब न्यू वर्जन में होगा और नई इफेक्ट्स डालने वाली लाइट भी लगाई जा रही है.