कपासन (चित्तौड़गढ़). जिले के कपासन में तीन दिवसीय मातृभाषा दिवस समारोह का समापन अरनिया बांध गांव में चौपाल आयोजित कर किया गया. बता दें कि समापन समारोह मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. केशव पथिक ने अपने उद्बोधन में कहा कि माता अपने शिशु को जिस भाषा में सिखाती है उसका नाम मातृभाषा है. भाषा से ही श्रेष्ठ संस्कारों का निर्माण संभव है. मेवाड़ी एक धाकड़ भासा है, यही पारस्परिक स्नेह स्थापित करती है.
राजस्थान के अंचलो में अलग-अलग आंचलिक भाषाओं का चलन है. लेकिन मेवाड़ी भाषा का साहित्य सर्जन में विशिष्ठ स्थान है. संस्था के भाषा विशेषज्ञ रामसिंह चारण ने निर्माण सोसायटी की ओर से संचालित कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि हमारी मेवाड़ी भाषा का इतिहास ही निराला है. जिससे हमारी संस्कृति की खास पहचान है.
इस मौके पर संस्था के गोवर्धन लाल जाट, रतन लाल गाडरी एंव ग्राम के महिला, पुरूष काफी संख्याँ में उपस्थित थे. कार्यक्रम के प्रारम्भ में गांव की बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों को संस्था की ओर से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के समापन के बाद ग्रामीण महिलाओं ने निर्मान सोसायटी के कार्यकर्ताओं से पीने के पानी कमी दूर करने को कहा. संस्था के कार्यकर्ता ने इस समस्या से निजात पाने के लिए जलदाय विभाग के करमचारीयों से बात करने का आश्वासन दिया.
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कपासन में 35 वरिष्ठ नागरिकों को दिए गए पास
ताल्लुका विधिक सेवा समिति ने शिविर आयोजित कर 35 वरिष्ठ नागरिकों को रोडवेज के रियायती दर के पास वितरित किए. राजस्थान सज्य दिधिक सेवा प्राविकरण की ओर से संचालित म्हारी योजना म्हारे अधिकार मॉडल स्कीम के तहत वरिष्ठ नागरिकों के रोडवेज बसों में रियायती दर पर यात्रा करने के लिए बने पास के वितरण कार्यकम का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्म सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सुनिल कुमार ओझा ने किया.